मस्तिष्क में लगने वाली चोट को घातक माना जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति को त्वरित इलाज की आवश्यकता होती है। कई बार रक्तस्राव के कारण खोपड़ी और मस्तिष्क के सुरक्षात्मक आवरण के बीच में रक्त जमा होने लगता है, इस स्थिति को एपिड्यूरल हेमेटोमा के नाम से जाना जाता है। सिर पर लगने वाली चोट की स्थिति में आंतरिक परत, ऊतकों और रक्त वाहिकाओं को क्षति पहुंच सकती है, जिसके परिणामस्वरूप रक्तस्राव होता है। समय से इलाज न मिल पाने के कारण मस्तिष्क में जमा होने वाला खून जानलेवा भी हो सकता है।
एपिड्यूरल हेमेटोमा आपके मस्तिष्क पर दबाव डाल सकता है, जिसके कारण मस्तिष्क में सूजन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। सूजन की स्थिति में आपका मस्तिष्क, खोपड़ी की ओर शिफ्ट हो सकता है। इसके अलावा दबाव के कारण मस्तिष्क के ऊतकों को क्षति पहुंचने का खतरा रहता है, जिससे आपकी नजर, बोलने की क्षमता और चेतना प्रभावित होती है। किसी प्रकार की दुर्घटना जिसमें मस्तिष्क पर चोट लगी हो, उसमें एपिड्यूरल हेमेटोमा के लक्षणों को पहचान कर रोगी को त्वरित चिकित्सा उपलब्ध कराने की व्यवस्था करनी चाहिए। हालांकि, सबसे महत्वपूर्ण यह है कि एपिड्यूरल हेमेटोमा के शुरुआती लक्षणों का पहचाना जा सके। इस लेख में हम इसके शुरुआती लक्षण, खतरे और इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे।