सफेद रक्त कोशिकाओं की मदद से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बैक्टीरिया, वायरस व संक्रमण का कारण बनने वाले अन्य रोगाणुओं से लड़ता है। रोगाणुओं से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को सिर्फ एक ही प्रकार की सफेद रक्त कोशिकाओं की आवश्यकता नहीं पड़ती है। शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली से संबंधित कई प्रकार की कोशिकाएं होती हैं और प्रणाली के ठीक रूप से काम करने के लिए उनका सही मात्रा में (ना कम और ना ज्यादा) होना जरूरी होता है।
इओसिनोफिल्स एक प्रकार की सफेद रक्त कोशिकाएं होती हैं, जो बैक्टीरियल व वायरल इन्फेक्शन से लड़ने का काम करती हैं । शरीर इओसिनोफिल कोशिकाओं को अस्थि मज्जा (बोन मेरो) में बनाता है और इन कोशिकाओं को पूरी तरह से विकसित होने में 8 दिन का समय लगता है। इओसिनोफिल्स भी अन्य प्रकार की सफेद रक्त कोशिकाओं की तरह प्रतिरक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक तरीके से काम करने के लिए इओसिनोफिल्स कोशिकाओं का स्तर सामान्य रहना बहुत जरूरी होता है।
जब आपके खून में इओसिनोफिल कोशिकाओं का स्तर बढ़ सकता है, तो इस स्थिति को “ब्लड इओसिनोफिलिया” कहा जाता है। इसी तरह संक्रमण, सूजन या लालिमा से प्रभावित शरीर के ऊतकों में इन सफेद रक्त कोशिकाओं का स्तर बढ़ सकता है, इस स्थिति को “टिश्यू इओसिनोफिलिया” कहा जाता है।
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