डिस्लेक्सिया - Dyslexia in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

June 28, 2017

March 06, 2020

डिस्लेक्सिया
डिस्लेक्सिया

डिस्लेक्सिया क्या है ?

डिस्लेक्सिया एक सीखने और पढ़ने की समस्या है। इसमें अक्षरों के लिखित रूप और उनके उच्चारण के सम्बन्ध की पहचान करने में दिक्कत के कारण अक्षरों को पढ़ने में समस्या होती है। यह बच्चों में एक आम समस्या है।

डिस्लेक्सिया में पढ़ना, लिखना और शब्द-विन्यास करना मुश्किल हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मस्तिष्क शब्दों या अक्षरों को मिला देता है। डिस्लेक्सिया से ग्रस्त बच्चे अक्सर बोलने वाले और लिखित शब्दों को याद नहीं रख पाते हैं।

डिस्लेक्सिया होने का यह मतलब नहीं है कि आपके बच्चे की सीखने की क्षमता बाकि बच्चों से कम है। हालाँकि अच्छी तरह से पढ़ने में सक्षम नहीं होने के कारण कई चीज़ें समझ पाना मुश्किल हो सकता है।

(और पढ़ें - मानसिक रोग दूर करने के उपाय)

भारत में डिस्लेक्सिया

भारत में डिस्लेक्सिया के प्रसार का अनुमान 15% लगाया जाता है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, जनवरी, 2013 में लगभग 23 करोड़ बच्चे मान्यता प्राप्त स्कूलों में थे। 15% के दर का मतलब हुआ कि भारत में डिस्लेक्सिक बच्चों की संख्या लगभग 3.5 करोड़ हो सकती है।

(और पढ़ें - मानसिक रोग का इलाज)

डिस्लेक्सिया के प्रकार - Types of Dyslexia in Hindi

डिस्लेक्सिया के निम्नलिखित प्रकार हैं -

1.प्राथमिक डिस्लेक्सिया (Primary Dyslexia)

डिस्लेक्सिया का सबसे आम रूप है प्राथमिक डिस्लेक्सिया। इसमें आमतौर पर अक्षर और संख्या की पहचान करना, पढ़ना, अंकगणित करना, मापना, समय निर्देश समझना और अन्य गतिविधियां करना जो आमतौर पर मस्तिष्क के बाईं तरफ से की जाती हैं, उनमें समस्याएं आती हैं। दुनिया भर के स्कूलों में सामान्य शिक्षण विधियों में मुख्यतः बाएं तरफ के मस्तिष्क का उपयोग होता है जिससे डिस्लेक्सिया से ग्रस्त बच्चों को पढ़ने में समस्याएं आती हैं।

2. माध्यमिक डिस्लेक्सिया (Secondary Dyslexia)

डेवलपमेंटल डिस्लेक्सिया (Developmental Dyslexia) या माध्यमिक डिस्लेक्सिया भ्रूण में मस्तिष्क के विकास की समस्याओं की वजह से होता है जिससे शब्दों की पहचान और उनकी वर्तनी में समस्याएं आती हैं। इस स्थिति की कठिनाइयां और गंभीरता आमतौर पर उम्र के साथ सुधर जाती है। बच्चा बचपन में डिस्लेक्सिक लक्षणों का अनुभव कर सकता है लेकिन अगर उचित अनुदेश प्राप्त हों तो कॉलेज में प्रदर्शन में सुधार आ सकता है। ऐसे बच्चे आमतौर पर ध्वनि-विज्ञान में अच्छे होते हैं।

3. आघात सम्बन्धी डिस्लेक्सिया (Trauma Dyslexia)

ट्रामा डिस्लेक्सिया एक गंभीर बीमारी या मस्तिष्क की चोट के कारण होता है। इसके लक्षण, छोटे बच्चों में निरंतर फ्लू, सर्दी या कान के संक्रमण से सुनने की क्षमता के नुकसान के कारण विकसित हो सकते हैं। इसमें बच्चे शब्दों की ध्वनि नहीं सुन पाते हैं इसलिए उन्हें शब्द बोलने, वर्तनी करने और पढ़ना सीखने में कठिनाई होती है। बड़े बच्चों या वयस्कों को मस्तिष्क की बीमारी ट्रामा डिस्लेक्सिया विकसित होता है जो भाषा को समझने की उनकी क्षमता को प्रभावित करता है। ये लोग आमतौर पर आघात से पहले पढ़ने, लिखने और शब्दों की वर्तनी करने में ठीक होते हैं।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹712  ₹799  10% छूट
खरीदें

डिस्लेक्सिया के लक्षण - Dyslexia Symptoms in Hindi

डिस्लेक्सिया के लक्षण क्या होते हैं ?

आपके बच्चे के स्कूल जाने से पहले डिस्लेक्सिया के लक्षण पहचानने मुश्किल हो सकते हैं, लेकिन कुछ शुरुआती लक्षण समस्या का संकेत दे सकते हैं। बच्चे के स्कूल की उम्र तक पहुंचने पर, उसके शिक्षक सबसे पहले समस्या पर ध्यान दे सकते हैं। अक्सर समस्या स्पष्ट हो जाती है जब बच्चा पढ़ना शुरू करता है।

स्कूल जाने की उम्र से पहले के लक्षण -

  1. देर से बोलना शुरू करना।
  2. नए शब्दों को धीरे सीखना।
  3. नर्सरी की कविताओं को सीखने में कठिनाई।
  4. कविताओं वाले खेल खेलने में कठिनाई।

स्कूल जाने की उम्र पर होने वाले लक्षण -

  1. उम्र के हिसाब से अपेक्षित स्तर से कम पढ़ पाना।
  2. सुनने पर चीज़ें समझने में समस्याएं।
  3. तेजी से दिए गए निर्देशों को समझने में कठिनाई।
  4. चीजों के अनुक्रम को याद करने में समस्याएं।
  5. अक्षरों और शब्दों में अंतर को देखने में कठिनाई।
  6. एक अपरिचित शब्द का उच्चारण करने में असमर्थता।
  7. विदेशी भाषा सीखने में समस्या।

किशोरावस्था और वयस्कता में होने वाले लक्षण -

  1. ऊँची आवाज़ में पढ़ने और सामान्य पढ़ने में कठिनाई।
  2. अस्पष्ट चुटकुले या मुखाकृति समझने में कठिनाई।
  3. समय प्रबंधन करने में कठिनाई।
  4. कहानी का संक्षिप्त विवरण करने में कठिनाई।
  5. विदेशी भाषा सीखने में समस्या।
  6. याद रखने में समस्याएं।
  7. गणित की समस्याएं करने में कठिनाई।

डिस्लेक्सिया के कारण और जोखिम कारक - Dyslexia Causes & Risk Factors in Hindi

डिस्लेक्सिया क्यों होता है ?

विशेषज्ञ चिकित्सक और शोधकर्ता यह नहीं जान पाए हैं कि डिस्लेक्सिया किस कारण से होता है। हालाँकि, कुछ सबूत यह बताते हैं कि डिस्लेक्सिया एक आनुवंशिक बिमारी है।

डिस्लेक्सिया के दो प्रमुख कारण हैं -

  1. अनुवांशिक कारण - यह पाया गया है कि "डीसीडीसी 2" नामक एक जीन में कमी के कारण पढ़ने में समस्याएं आती हैं।
  2. अन्य कारण - कुछ लोगों को पैदा होने के बाद डिस्लेक्सिया होता है। इस डिस्लेक्सिया का सबसे आम कारण मस्तिष्क की चोट, स्ट्रोक या कुछ अन्य प्रकार के आघात होते हैं।

डिस्लेक्सिया के जोखिम कारक -

  1. डिस्लेक्सिया का एक पारिवारिक इतिहास।
  2. मस्तिष्क के उन हिस्सों में समस्याएं जो पढ़ने में सक्षम होते हैं।
myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Bhringraj Hair Oil
₹546  ₹850  35% छूट
खरीदें

डिस्लेक्सिया से बचाव - Prevention of Dyslexia in Hindi

डिस्लेक्सिया होने से रोका जा सकता है क्या ?

डिस्लेक्सिया को रोकने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं किया जा सकता, खासकर अगर यह अनुवांशिक है। हालांकि, प्रारंभिक चरण में निदान और उपचार शुरू कर दिया जाए तो इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं।

डिस्लेक्सिया से ग्रस्त बच्चों को जितनी जल्दी विशेष शिक्षा सेवाएं मिलती हैं, उतनी ही जल्दी वह पढ़ना और लिखना सीखते हैं।

डिस्लेक्सिया का परीक्षण - Diagnosis of Dyslexia in Hindi

डिस्लेक्सिया का निदान कैसे होता है ?

डिस्लेक्सिया का निदान कोई एक परीक्षण नहीं कर सकता है। डॉक्टर आपके और आपके बच्चे के शिक्षकों द्वारा महसूस किए गए लक्षणों के बारे में पूछेंगे। वह आपके बच्चे से भी प्रशन पूछेंगे।

आपके बच्चे के कौशल को अधिक जानने में सहायता के लिए अलग-अलग परीक्षण और मूल्यांकन किए जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, आपके बच्चे की सीखने के तरीके, भाषा और समस्या सुलझाने के कौशल और आईक्यू जांचने वाले परीक्षण किए जा सकते हैं।

डिस्लेक्सिया का निदान करने के लिए एक टीम की आवश्यकता होती है -

  1. स्कूल या सिखाने के विशेषज्ञ शैक्षणिक कौशल और क्षमताओं का मूल्यांकन करेंगे।
  2. आपके बच्चे के डॉक्टर आपके बच्चे के सामान्य स्वास्थ्य और संज्ञानात्मक विकास का आकलन कर सकते हैं।
  3. एक पूर्ण चिकित्सा, व्यवहारिक, शैक्षिक और सामाजिक इतिहास (जैसे कि मस्तिष्क की चोट) का मूल्यांकन किया जा सकता है जो शब्दों को पढ़ने या याद रखने की क्षमता के साथ हस्तक्षेप कर सकते हैं।

डिस्लेक्सिया का इलाज - Dyslexia Treatment in Hindi

डिस्लेक्सिया का उपचार कैसे होता है ?

वर्तमान में डिस्लेक्सिया का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। उपचार का उद्देश्य दैनिक जीवन में विकार से निपटने के लिए किया जाता है।

जितनी जल्दी इसका निदान होता है और उपचार प्राप्त होता है, उतनी अधिक ठीक होने की संभावना होती है।
डिस्लेक्सिया के निम्नलिखित के कारण हो सकते हैं -

  1. मनोवैज्ञानिक परीक्षण
    इस परीक्षण में बच्चों की इन्द्रियों जैसे स्पर्श, दृष्टि और सुनने की क्षमता की जाँच की जाती है। इससे बच्चे के लिए एक बेहतर लक्षित शिक्षण कार्यक्रम विकसित करने में उसके शिक्षक को मदद मिलती है।
     
  2. मार्गदर्शन और समर्थन
    बच्चे के आत्मसम्मान और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिए यह महत्वपूर्ण है, उन्हें बताया जाए कि पढ़ना और लिखना उनके लिए एक समस्या हो सकती है लेकिन दुनियाभर में डिस्लेक्सिया वाले लाखों लोग सफल हुए हैं।
     
  3. अविरत मूल्यांकन
    डिस्लेक्सिया से ग्रस्त वयस्कों को उनकी नीतियों में सुधारने करने के लिए मूल्यांकन से लाभ हो सकता है और उन क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं जहां अधिक सहारे की आवश्यकता है।
myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

डिस्लेक्सिया की जटिलताएं - Dyslexia Complications in Hindi

डिस्लेक्सिया से होने वाली अन्य बीमारी या परेशानियां -

  1. सीखने में परेशानी - पढ़ना एक बुनियादी कार्य है, और इसमें सक्षम न होने के कारण डिस्लेक्सिया से ग्रस्त बच्चे ज़्यादातर कक्षाओं में समस्याओं का सामना करते हैं और उन्हें साथियों के साथ तालमेल रखने में परेशानी हो सकती है।
  2. सामाजिक समस्याएँ - अगर डिस्लेक्सिया को अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो इससे बच्चे का दोस्तों, माता-पिता और शिक्षकों से कटाव हो सकता है। बच्चे में आत्मसम्मान की कमी, व्यवहार की समस्याएं, चिंता और आक्रामकता भी हो सकते हैं।
  3. वयस्कों में समस्याएं - पढ़ने और समझने में असमर्थता, बच्चे को बड़े होने पर अपनी क्षमता तक पहुंचने से रोक सकती है। इसमें दीर्घकालिक शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक परिणाम नुक्सान हो सकते हैं। 

डिस्लेक्सिया से ग्रस्त बच्चे को अटेंशन डेफिसिट/हायपरक्टिविटी विकार (एडीएचडी; ADHD) हो सकता है और इससे विपरीत भी हो सकता है। एडीएचडी के कारण ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई के साथ-साथ सक्रियता और आवेगपूर्ण व्यवहार भी हो सकते हैं, जो डिस्लेक्सिया का इलाज करने में कठिनाइयां उत्पन्न करते हैं।



संदर्भ

  1. Hulme, Charlesa; Snowling, Margaret J Reading disorders and dyslexia. Current Opinion in Pediatrics. 2016 December; 28(6): 731-735
  2. Stein J. What is Developmental Dyslexia? Brain Sci. 2018 Feb 4;8(2):26. doi: 10.3390/brainsci8020026. PMID: 29401712; PMCID: PMC5836045.
  3. Schulte-Körne G. The Prevention, Diagnosis, and Treatment of Dyslexia. Dtsch Arztebl Int. 2010 Oct;107(41):718-26; quiz 27. doi: 10.3238/arztebl.2010.0718. Epub 2010 Oct 15. PMID: 21046003; PMCID: PMC2967798.
  4. Dyslexia Association of India [Internet]. India. Dyslexia
  5. Science Direct (Elsevier) [Internet]; Surface Dyslexia
  6. National Institute of Mental Health [Internet] Bethesda, MD; Attention-Deficit/Hyperactivity Disorder (ADHD): The Basics. National Institutes of Health; Bethesda, Maryland, United States
  7. National Health Service [Internet] NHS inform; Scottish Government; Dyslexia

डिस्लेक्सिया की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Dyslexia in Hindi

डिस्लेक्सिया के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

दवा का नाम

कीमत

₹240.0

Showing 1 to 0 of 1 entries