डिस्लेक्सिया क्या है ?
डिस्लेक्सिया एक सीखने और पढ़ने की समस्या है। इसमें अक्षरों के लिखित रूप और उनके उच्चारण के सम्बन्ध की पहचान करने में दिक्कत के कारण अक्षरों को पढ़ने में समस्या होती है। यह बच्चों में एक आम समस्या है।
डिस्लेक्सिया में पढ़ना, लिखना और शब्द-विन्यास करना मुश्किल हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मस्तिष्क शब्दों या अक्षरों को मिला देता है। डिस्लेक्सिया से ग्रस्त बच्चे अक्सर बोलने वाले और लिखित शब्दों को याद नहीं रख पाते हैं।
डिस्लेक्सिया होने का यह मतलब नहीं है कि आपके बच्चे की सीखने की क्षमता बाकि बच्चों से कम है। हालाँकि अच्छी तरह से पढ़ने में सक्षम नहीं होने के कारण कई चीज़ें समझ पाना मुश्किल हो सकता है।
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भारत में डिस्लेक्सिया
भारत में डिस्लेक्सिया के प्रसार का अनुमान 15% लगाया जाता है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, जनवरी, 2013 में लगभग 23 करोड़ बच्चे मान्यता प्राप्त स्कूलों में थे। 15% के दर का मतलब हुआ कि भारत में डिस्लेक्सिक बच्चों की संख्या लगभग 3.5 करोड़ हो सकती है।
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