डुओडेनल एट्रेसिया एंड स्टेनोसिस क्या है ?
डुओडेनल एट्रेसिया एंड स्टेनोसिस एक ऐसी स्थिति है जो नवजात शिशु के पांचन तंत्र से जुड़ी है। यह समस्या उस समय आती है जब छोटी आंत का अगला भाग जिसे ग्रहणी या डुओडेनम कहते हैं का एक हिस्सा पूरी तरह से विकसित नहीं होता। इसके चलते एक रुकावट (एट्रेसिया या अछिद्रता) पैदा होती है जो खाने या तरल पदार्थ को बच्चे के पेट से बाहर आने से रोकती है। यह समस्या नवजात बच्चे के जन्म के शुरुआती 24 से 38 घंटों के भीतर नजर आ जाती है जब बच्चे को पहली बार ओरल फीडिंग करायी जाती है।
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डुओडेनल एट्रेसिया आंत की रुकावट से जुड़ी जन्मजात समस्या है जिसमें जन्म के बाद 24 से 38 घंटे के अंदर जब बच्चे को पहली बार दूध पिलाया जाता है तब वो उल्टी करने लगता है। इस दौरान उल्टी में पित्त भी हो सकता है और बिना पित्त वाली उल्टी भी हो सकती है। इस समस्या का संबंध in-utero polyhydramnios से है जिसका अर्थ है गर्भाशय के अंदर बच्चे के ईर्द-गिर्द बहुत अधिक एमनियोटिक फ्लूइड होना। यह भ्रूण की आंत में होने वाली रुकावट के सबसे सामान्य कारणों में से एक है।
डुओडेनल एट्रेसिया, एक अलग स्थिति हो सकती है यानि इसके साथ कोई अन्य जन्मजात दोष या समस्या नहीं होती। लेकिन यह डाउन सिंड्रोम से पीड़ित शिशुओं में भी काफी कॉमन है। वो इसलिए क्योंकि, डुओडेनल एट्रेसिया के साथ पैदा होने वाला हर 3 में से 1 बच्चा, डाउन सिंड्रोम से ग्रसित होता है।
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