स्कैल्प ड्राई तब हो सकती है, जब त्वचा की कोशिकाओं को नैचुरल नमी नहीं मिल पाती है. इसके अलावा, कई अलग-अलग चीजें भी स्कैल्प को ड्राई बना सकती हैं. ड्राई स्कैल्प के निम्न कारण हो सकते हैं -
बार-बार बाल धोना
ज्यादा बार बाल धोने से स्कैल्प ड्राई हो सकती है. दरअसल, अधिक बार बाल धोने से स्कैल्प से नैचुरल ऑयल निकल जाता है, इससे स्कैल्प ड्राई हो जाती है. इसलिए, स्कैल्प में नमी को बनाए रखने के लिए अधिक बार बाल धोने से बचना चाहिए. घने बालों को सप्ताह में एक बार धोया जा सकता है. वहीं, जिन लोगों के बाल अच्छे हैं, वे हफ्ते में 2-3 दिन बाल धो सकते हैं. इसके साथ ही गर्म पानी से बाल धोने से भी स्कैल्प ड्राई हो सकती है. गर्म पानी स्किन से नमी को कम कर देता है और रूखेपन को बढ़ा सकता है.
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हेयर प्रोडक्ट्स
अगर बालों को धोने के बाद, खुजली होने लगती है, तो यह समस्या प्रोडक्ट्स की वजह से हो सकती है. दरअसल, कई बार बालों में कुछ खास शैंपू व कंडीशनर आदि का इस्तेमाल करने से ड्राइनेस हो सकती है. कई बार लोग ऐसे हेयर केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर लेते हैं, जो स्कैल्प से नैचुरल ऑयल को छीन लेते हैं. इससे स्कैल्प पर ड्राइनेस बढ़ने लगती है और खुजली होने लगती है.
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मौसम में बदलाव
मौसम में बदलाव भी ड्राई स्कैल्प का एक कारण हो सकता है. सर्दियों के मौसम में अधिकतर लोगों को ड्राई स्कैल्प का सामना करना पड़ता है. दरअसल, सर्दियों में हवा में नमी कम हो जाती है. इसकी वजह से त्वचा और स्कैल्प ड्राई होने लगती है. इसलिए, सर्दी के मौसम में बालों और स्कैल्प में नमी बनाए रखने की पूरी कोशिश करनी चाहिए.
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पानी न पीना
पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने की वजह से भी स्कैल्प ड्राई हो सकती है. जब पानी नहीं पिया जाता है, तो नमी कम होने लगती है. इससे धीरे-धीरे त्वचा और स्कैल्प रूखी होने लगती है. ऐसे में आपको रोजाना 8-10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए. इसके अलावा, आर्टिफिशयल हीटिंग का उपयोग करने से भी स्कैल्प पर ड्राइनेस बढ़ सकती है.
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एटॉपिक डर्मेटाइटिस
एटॉपिक डर्मेटाइटिस को ड्राई स्कैल्प का मुख्य कारण माना जाता है. एटॉपिक डर्मेटाइटिस एक्जिमा का सबसे आम प्रकार है. बच्चों में एटॉपिक डर्मेटाइटिस के कारण स्कैल्प पर खुजली हो सकती है व स्कैल्प ड्राई बन सकती है. वहीं, वयस्कों में स्कैल्प बहुत ड्राई, रेड और चिड़चिड़ी हो जाती है.
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सोरायसिस
सोरायसिस की वजह से भी स्कैल्प ड्राई हो सकती है. सोरायसिस एक पुरानी त्वचा की स्थिति है, जिसमें त्वचा की कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती हैं. सोरायसिस से ग्रसित लगभग 50 प्रतिशत लोगों को स्कैल्प में सूजन का भी सामना करना पड़ता है. इंफेक्शन, चोट या दवाइयां सोरायसिस को ट्रिगर कर सकते हैं. स्कैल्प सोरायसिस के लक्षण हो सकते हैं -
- स्कैल्प पर धब्बे (काली त्वचा पर बैंगनी और सफेद त्वचा पर लाल धब्बे होना)
- डैंड्रफ
- खुजली (खुजली हल्के से लेकर तेज हो सकती है)
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टिनिया कैपिटिस
टिनिया कैपिटिस या दाद स्कैल्प पर होने वाला एक फंगल इंफेक्शन है. यह इंफेक्शन किसी भी व्यक्ति में आसानी से फैल जाता है. इंफेक्शन किसी व्यक्ति या जानवर से मिल सकता है. जब टिनिया कैपिटिस होता है, तो स्कैल्प ड्राई हो सकती है. इस स्थिति में स्कैल्प पर खुजली और रेडनेस महसूस हो सकती है.
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एक्टिनिक केराटोसिस
एक्टिनिक केराटोसिस भी ड्राई स्कैल्प का कारण हो सकता है. यह समस्या तब होती है, जब सूरज की हानिकारक किरणों से सिर का बचाव नहीं किया जाता है. 50 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में एक्टिनिक केराटोसिस आम है. एक्टिनिक केराटोसिस की स्थिति होने पर स्कैल्प में रूखापन हो सकता है. स्कैल्प सूखी और पपड़ीदार हो सकती है.
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