निगलने में कठिनाई होना क्या है?
निगलने में कठिनाई होना एक ऐसी स्थिति है जिसमें भोजन व तरल पदार्थों को आसानी से निगलने में असमर्थता आने लगती है। जिन लोगों को निगलने में कठिनाई होती है, कई बार निगलने की कोशिश करने दौरान उनका गला बंद हो जाता है और उनका दम घुटने लगता है। निगलने में कठिनाई होने की स्थिति को मेडिकल भाषा में डिस्फेजिया (Dysphasia) के नाम से जाना जाता है। ये लक्षण हमेशा किसी मेडिकल स्थिति का संकेत नहीं देते। वास्तव में यह स्थिति थोड़े समय तक ही रहती है और अपने आप ठीक हो जाती है।
निगलने में कठिनाई आमतौर पर इसोफेगस में क्षति या किसी प्रकार की रुकावट या फिर इसोफेगस को कंट्रोल करने वाली मांसपेशियों और तंत्रिकाओं के ठीक रूप से कार्य ना कर पाने के परिणास्वरूप होती है। डिस्फेजिया या निगलने में कठिनाई एक ऐसी समस्या है जो बार-बार आ-जा सकती है, गंभीर या मध्यम हो सकती है और समय के साथ-साथ बदतर बन सकती है।
यदि आपको डिस्फेजिया की समस्या है, तो आपको भोजन या तरल पदार्थ को निगलने की पहली कोशिश के दौरान गला घुटना, दम घुटना और खांसी जैसी समस्या होती है। यदि आपको निगलने के दौरान कठिनाई होती है तो डॉक्टर आपकी जांच करने के लिए आपके लक्षणों से संबंधित कुछ सवाल पूछेंगे।
निगलने में कठिनाई की समस्या का परीक्षण करने के लिए कई प्रकार के टेस्ट ऑर्डर किये जा सकते हैं जिनमें पाचन तंत्र का एक्स-रे या एंडोस्कोपी आदि शामिल हैं। डिस्फेजिया का इलाज उसको विकसित करने वाले कारण के आधार पर किया जाता है।
डिस्फेजिया के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करने के लिए डॉक्टर मरीज को भोजन छोटे-छोटे टुकड़ों में और अच्छी तरह से चबाकर खाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा डॉक्टर स्वालोइंग थेरेपी (Swallowing therepy), आहार में बदलाव या फीडिंग ट्यूब (एक प्रकार की नली जिसकी मदद से शरीर के अंदर भोजन पहुंचाया जाता है।) का इस्तेमाल करना आदि का सुझाव भी दे सकते हैं।
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