डायबिटिक रेटिनोपैथी डायबिटीज के कारण होने वाला एक आंख संबंधी रोग है, जो मधुमेह के मरीजों में काफी आम होता है। डायबिटिक रेटिनोपैथी आमतौर पर उन लोगों को ही होता है, जो सालों से डायबिटीज से ग्रस्त हैं। यह आमतौर पर डायबिटीज के कारण रेटिना की रक्तवाहिकाएं क्षतिग्रस्त होने के परिणामस्वरूप होता है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षणों में धुंधला दिखना, दोहरा दिखना, रंगों की पहचान करने में कठिनाई या रात के समय देख ना पाना। इस रोग का परीक्षण आंखों के विशेषज्ञ डॉक्टर के द्वारा किया जाता है, इस दौरान वे आंखों की पलकों को उठाकर करीब से जांच करते हैं। इसके अलावा परीक्षण करने के लिए कुछ विशेष टेस्ट भी किए जा सकते हैं।
ब्लड शुगर को सामान्य स्तर पर रख कर और नियमित रूप से स्वस्थ आहार लेकर डायबिटिक रेटिनोपैथी विकसित होने से रोकथाम की जा सकती है। इसके अलावा नियमित रूप से एक्सरसाइज करना और धूम्रपान छोड़ना भी डायबिटिक रेटिनोपैथी से बचाव करने के लिए बहुत आवश्यक है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी का इलाज करने के लिए कई उपचार प्रक्रियाएं शामिल हैं, जैसे इंजेक्शन की मदद से आंख में दवाई डालना, आंख से स्कार ऊतक और खून आदि निकालने के लिए “लेजर ओरान” ऑपरेशन करना। डायबिटिक रेटिनोपैथी को गंभीर स्टेज तक पहुंचने में आमतौर पर कई साल लग जाते हैं, जिसमें मरीज की दृष्टि चली जाने का खतरा बढ़ जाता है।
हालांकि यदि इस स्थिति का समय पर परीक्षण और इलाज ना किया जाए तो यह अंधेपन का कारण बन सकता है।
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