क्यूटेनियस ल्यूकोसाइटोक्लास्टिक एंजाइटिस (सीएलए) क्या है?
क्यूटेनियस ल्यूकोसाइटोक्लास्टिक एंजाइटिस (सीएलए) को हाइपरसेंसिविटी वस्क्यूलिटिस भी कहा जाता है। यह स्थिति संक्रमण या दवा के साइड इफेक्ट से होती है। सीएलए का प्रयोग अक्सर कई अलग-अलग स्थितियों के बारे में बताने के लिए किया जाता है। आमतौर पर यह स्थिति केवल त्वचा को प्रभावित करती है, लेकिन यह आंत, गुर्दे और जोड़ों को भी प्रभावित कर सकती है। यह विकार आमतौर पर वयस्कों को प्रभावित करता है, लेकिन कुछ मामलों में बच्चे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
क्यूटेनियस ल्यूकोसाइटोक्लास्टिक एंजाइटिस के लक्षण
इस विकार में ज्यादातर त्वचा प्रभावित होती है। इसमें शरीर पर कई अलग-अलग प्रकार के चकत्ते निकलते हैं। ये चकत्ते छोटे या बड़े हो सकते हैं। इसके अन्य लक्षणों में शामिल हैं:
- त्वचा पर बैंगनी या भूरे-लाल रंग के धब्बों के साथ चकत्ते निकलना, जिन्हें छूने पर दर्द होता है
- ज्यादातर पैर, धड़ व कूल्हों पर घाव होना
- त्वचा पर फफोले
- पित्ती, जो कि 24 घंटे से अधिक समय रहे
- नेक्रोटिक अल्सर (अल्सर पर नेक्रोटिक ऊतकों का होना)
ऐसे सामान्य लक्षण व संकेत, जिन्हें आसानी से महसूस किया जा सकता है उनमें शामिल हैं:
- जोड़ों में दर्द
- किडनी में सूजन (कुछ दुर्लभ मामलों में)
- हल्का बुखार
क्यूटेनियस ल्यूकोसाइटोक्लास्टिक एंजाइटिस के कारण
- किसी दवा या अन्य बाहरी पदार्थ से एलर्जी होना
- किसी संक्रमण का प्रभाव
यह आमतौर पर 16 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। मेडिकल हिस्ट्री (पूर्व में हुई किसी बीमारी का रिकॉर्ड) की सावधानीपूर्वक जांच करने के बावजूद डॉक्टर्स इसके सटीक कारण का पता नहीं लगा पाए हैं। सिस्टेमिक नेक्रोटाइजिंग वस्कुलिटिस (रक्त वाहिकाओं की दीवारों में सूजन) की तरह ही क्यूटेनियस ल्यूकोसाइटोक्लास्टिक एंजाइटिस दिख सकता है, जो पूरे शरीर की रक्त वाहिकाओं को प्रभावित कर सकता है। बच्चों में, इस बीमारी के लक्षण हेनोच-शोनेलिन परपरा से मिलते-जुलते हैं, जिसमें छोटी रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है।
क्यूटेनियस ल्यूकोसाइटोक्लास्टिक एंजाइटिस का निदान
सीएलए के निदान के लिए कोई विशेष टेस्ट नहीं हैं, लेकिन खून की जांच से सूजन के संकेत मिल सकते हैं। टेस्ट आमतौर पर यह पता लगाने के लिए किए जाते हैं कि रोगी में इस बीमारी के लक्षण मौजूद हैं या नहीं। यदि इस स्थिति में व्यक्ति ने हाल ही में किसी दवा का सेवन शुरू किया है, तो उसमे दवा के प्रभाव की वजह से सीएलए के लक्षण दिख सकते हैं। कुछ मामलों में बायोप्सी (ऊतक या कोशिका का नमूना लेकर लैब में जांच करना) की भी मदद ली जाती है।
क्यूटेनियस ल्यूकोसाइटोक्लास्टिक एंजाइटिस का इलाज
सीएलए का कोई इलाज नहीं है। इसके उपचार में मुख्य लक्षणों को कम करने पर ध्यान दिया जाता है। सामान्य मामलों में, किसी विशेष उपचार की जरूरत नहीं पड़ती है। लक्षण दिखने पर डॉक्टर के पास जाकर दवाओं के बारे में सलाह लें और यदि व्यक्ति पहले से किसी दवा का सेवन कर रहा है तो डॉक्टर को इस बारे में बताएं, क्योंकि डॉक्टर द्वारा दी गई जानकारी सीएलए के संभावित कारणों को नियंत्रित करने में कारगर साबित हो सकती है। जब तक डॉक्टर किसी दवा को बंद करने की सलाह नहीं देते हैं, तब तक अपनी मर्जी से दवा लेनी बंद न करें।
ज्यादातर लोग अंग में सूजन आने के लक्षणों को नोटिस नहीं करते हैं। ऐसे में खून व पेशाब की जांच के जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि किस अंग में सूजन है और स्थिति कितनी गंभीर हो चुकी है।