क्राई-डू-कैट सिंड्रोम क्या है?
क्राई-डू-कैट सिंड्रोम एक आनुवंशिक स्थिति है, जिसे कैट्स क्राई या 5पी- (5पी माइनस) सिंड्रोम भी कहते हैं। यह एक दुर्लभ स्थिति है, जो 20,000 या 50,000 नवजात शिशुओं में किसी एक को होती है। यह स्थिति क्रोमोसोम डायलेशन की वजह से होती है, जिसका अर्थ है क्रोमोसोम (गुणसूत्र) के किसी भाग का गायब या न होना।
क्राई-डू-कैट का अर्थ है 'क्राई ऑफ द कैट' यानी बिल्ली का रोना। इस सिंड्रोम से ग्रस्त शिशुओं में बहुत तेज रोने की प्रवृत्ति होती है, जो एक बिल्ली के रोने की तरह लग सकती है। क्रोमोसोम के किसी भाग के ना होने के कारण स्वरयंत्र असामान्य रूप से विकसित हो सकता है, जो बच्चे के रोने की आवाज को प्रभावित कर सकता है। इस सिंड्रोम के लक्षणों को जन्म के कुछ समय बाद तक आसानी से पहचाना जा सकता है, लेकिन जन्म के दो वर्ष के बाद इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है।
क्राई-डू-कैट सिंड्रोम के संकेत और लक्षण
बच्चे में क्राई-डू-कैट सिंड्रोम के लक्षणों की गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है कि क्रोमोसोम 5 में से कितनी आनुवंशिक जानकारी गायब है। इस स्थिति में कुछ लक्षण गंभीर जबकि कुछ मामूली हो सकते हैं, जिनका निदान नहीं हो पाता है। फिलहाल, इसके सबसे आम लक्षण बिल्ली जैसे रोना है।
क्राई-डू-कैट सिंड्रोम से ग्रस्त बच्चे अक्सर जन्म के समय छोटे होते हैं। उन्हें श्वसन संबंधी कठिनाइयां भी हो सकती हैं :
- छोटी ठुड्डी
- छोटा सिर
- असामान्य रूप से गोल चेहरा
- नाक छोटी होना
- आंखों के ऊपर त्वचा पर सिलवटें
- असामान्य रूप से चौड़ी आंखें
- जबड़ा छोटा होना
- हाथ या पैर की उंगलियों का आपस में चिपकना
- हथेली पर एक व सीधी रेखा
क्राई-डू-कैट सिंड्रोम का कारण
इसका सटीक कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है क्रोमोसोम 5 के किसी भाग के न होने पर यह समस्या ट्रिगर होती है। ज्यादातर मामलों में, यह क्रोमोसोम तब टूटते हैं, जब माता-पिता के शुक्राणु या अंडे की कोशिकाएं (एग सेल्स) विकसित हो रही होती हैं। इसका मतलब यह है कि निषेचन (फर्टिलाइज) होने पर बच्चे में यह सिंड्रोम ट्रिगर कर सकता है। लगभग 80 प्रतिशत मामलों में क्रोमोसोम डायलेशन की समस्या पिता के शुक्राणु से आती है।
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यह सिंड्रोम वंशानुगत नहीं है लेकिन, 10 प्रतिशत मामले ऐसे माता-पिता से आते हैं, जिनमें क्रोमोसोम डायलेशन की स्थिति है। जबकि 90 प्रतिशत मामले रैंडम म्यूटेशन (आकस्मिक गड़बड़ी) से जुड़े हैं।
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क्राई-डू-कैट सिंड्रोम का निदान
आमतौर पर जन्म के समय, शारीरिक असामान्यताओं और रोने की आवाज से इस सिंड्रोम का पता चल जाता है। खोपड़ी की बनावट के आधार पर डॉक्टर सामान्यताओं का पता लगाने के लिए बच्चे के सिर का एक्स रे कर सकते हैं।
क्रोमोसोम टेस्ट की मदद से डायलेशन (क्रोमोसोम के किसी भाग में गड़बड़ी) का पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट में एफआईएसएच तकनीक का उपयोग किया जाता है जो सटीक निदान में मदद करता है।
यदि किसी व्यक्ति के पास क्राई-डू-कैट सिंड्रोम से जुड़ी फैमिली हिस्ट्री है, तो डॉक्टर क्रोमोसोम एनालिसिस या जेनेटिक टेस्टिंग (गर्भ में बच्चा होने की स्थिति में) का सुझाव दे सकते हैं।
क्राई-डू-कैट सिंड्रोम का इलाज
क्राई-डू-कैट सिंड्रोम का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। आप फिजिकल थेरेपी (फिजियोथेरेपी), लैंग्वेज थेरेपी (संचार संबंधित समस्याओं का उपचार) एंड मोटर स्किल थेरेपी और एजुकेशनल इंटरवेंशन की मदद से लक्षणों को प्रबंधित कर सकते हैं।