कॉक्ससैकिए वायरस संक्रमण क्या है?
कॉक्ससैकिए वायरस संक्रमण एक ऐसा इन्फेक्शन है जो एन्टेरो वायरस के समूह में आने वाले वायरस के कारण होता है। एन्टेरो वायरस को पिकोरनावायरस (Picornaviruses) भी कहते हैं। इस संक्रमण का असर कई देशों में देखने को मिलता है। ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। 90% संक्रमण से किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई नहीं देते या इसमें शुरुआत में बस बुखार ही होता है। शिशुओं और छोटे बच्चों में इसके लक्षण देखने को मिलते हैं जो धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं।
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कॉक्ससैकिए वायरस संक्रमण के लक्षण क्या है?
कॉक्ससैकिए वायरस संक्रमण में सबसे ज्यादा दिखने वाला पहला लक्षण है बुखार, भूख न लगना और श्वसन रोग जैसे गले में खराश, खांसी और थका हुआ महसूस होना। इसके लक्षण एक से दो दिन तक दिखाई देते हैं। बुखार के बाद एक या दो दिन में मुंह में घाव दिखाई देने लगते हैं और यह धीरे-धीरे फिर छोटे छालों में परिवर्तित हो जाते हैं, जिनकी वजह से मुंह का अल्सर भी हो जाता है। कई संक्रमित लोगों (आमतौर पर दस साल की उम्र के बच्चे या उससे बड़े) को चकत्ते होने लगते हैं, जिनकी वजह से हाथ की हथेलियों पैर के तलवों में खुजली होने लगती है।
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कॉक्ससैकिए वायरस संक्रमण क्यों होता है?
कॉक्ससैकिए वायरस संक्रमण एक ऐसा इन्फेक्शन है जो एन्टेरो वायरस के समूह में आने वाले वायरस के कारण होता है। यह दो समूह में बांटा गया है जैसे - ग्रुप ए कॉक्ससैकिए वायरस, ग्रुप बी कॉक्ससैकिए वायरस। प्रत्येक समूह को कई सेरोटाईप्स (Serotypes) में बांटा गया है। यह वायरस पेट में एसिड से कम नहीं होता और कई घंटों तक आपके शरीर में रहता है।
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कॉक्ससैकिए वायरस संक्रमण का इलाज कैसे होता है?
ऐसी कोई खास दवाई नहीं है जो कॉक्ससैकिए वायरस को खत्म कर सके, लेकिन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस को आमतौर पर खत्म करने की क्षमता रखती है। गंभीर बीमारी वाले मामलों में थेरेपी करवाने की सलाह भी दी जाती है। हालांकि इस बात की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है कि थेरेपी इसके लिए असरदार होती है या नहीं। डॉक्टर आपको खाने के लिए कुछ दवाई भी दे सकते हैं।
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