चेतना हानि के साथ मांसपेशियों पर नियंत्रण न रहने की स्थिति को कन्वल्शन कहा जाता है। इसमें व्यक्ति को दौरे पड़ने के साथ मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या हो सकती है। आमतौर पर एक से दो मिनट के लिए व्यक्ति को इस प्रकार का अनुभव हो सकता है। सामान्य तौर पर इस स्थिति को मिर्गी के दौरे पड़ने से जोड़कर देखा जाता है। हालांकि, दोनों में फर्क है। मिर्गी के दौरे की स्थिति, मस्तिष्क में इलेक्ट्रिकल डिस्टर्वेंस यानी विद्युतीय गड़बड़ी के कारण होती है। मिर्गी के कुछ प्रकार के दौरन भी कन्वल्शन की समस्या हो सकती है। हालांकि, जिन लोगों को मिर्गी की समस्या नहीं है, वह भी कन्वल्शन के शिकार हो सकते हैं।
कन्वल्शन को कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों जैसे अचानक तेज बुखार आना, टेटनस, लो ब्लड शुगर के लक्षणोंं के रूप में भी देखा जाता है। कई अध्ययनों से स्पष्ट होता है कि जिन लोगोंं को माइग्रेन की समस्या होती है, उनमें भी कन्वल्शन विकसित होने का खतरा रहता है। हालांकि, इसकी पुष्टि के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है। इसका अनुभव होते ही रोगी को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
इस लेख में हम कन्वल्शन के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानेंगे।