परिचय
जब हम किसी बारे में तेजी से व स्पष्ट रूप से सोच ना पाएं, तो उस स्थिति को उलझन कहा जाता है। इस दौरान आपको गुमराह होने जैसा महसूस होता है और ध्यान लगाने या कुछ याद करने में कठिनाई होती है और आप कोई फैसला लेने में असमर्थ हो जाते हैं।
उलझन अचानक से विकसित हो सकती है और विकसित होने में कुछ घंटों का समय भी लग सकता है। उलझन आमतौर पर नींद की कमी, हार्मोन संबंधी समस्या, अधिक शराब पीने, शरीर में पानी की कमी होने या कुछ निश्चित प्रकार की दवाएं लेने के कारण हो सकती है।
उलझन के साथ कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे स्पष्ट रूप से बोल ना पाना, दिन, तारीख और यहां तक कि खुद का नाम भी याद ना रख पाना, उत्तेजित व बेचैन महसूस होना और जगह को निश्चित ना कर पाना कि वे कहां हैं। यदि सिर में चोट आदि लगने के कारण उलझन हुई है, तो इस स्थिति में जल्द से जल्द डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए। (और पढ़ें - याददाश्त खोने का इलाज)
परीक्षण के दौरान डॉक्टर मरीज से उसके लक्षणों के बारे में पूछेंगे और उसके सोचने, याद रखने और देखने संबंधी समस्याओं का पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट करेंगे। कुछ लोगों में उलझन जैसी समस्या की रोकथाम भी की जा सकती है।
उलझन से बचाव करने के लिए कुछ तरीके अपनाए जा सकते हैं, जैसे खूब मात्रा में तरल पदार्थ पीना, नियमित रूप से व्यायाम करना, दोस्तों व परिवार के सदस्यों से ज्यादा से ज्यादा बात करने की कोशिश करना और शराब व अन्य नशीले पदार्थों का सेवन ना करना आदि। उलझन के इलाज में इसे पैदा करने वाले कारकों से बचना और सहायक देखभाल आदि शामिल है।
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