बिवाई त्वचा पर होने वाली लाल या बैंगनी रंग की खुजलीदार सूजन होती है, जो आमतौर पर पैरों की उंगलियों पर होती है। इसे पेरनिओसिस भी कहा जाता है। कुछ दुर्लभ मामलो में यह हाथों कि उंगलियों, कान व शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो जाती है। बिवाई आमतौर पर अधिक ठंडे व नम वातावरण के संपर्क में आने पर होती है। शीतदंश शून्य तापमान होने पर हाथों व पैरों को प्रभावित करता है, जबकि चिलब्लेन्स (बिवाई) अत्यधिक ठंडे व नम वातावरण के संपर्क में आने के कारण होता है। इसमें त्वचा पर छोटी लाल रंग की गांठ दिखाई देने लगती हैं, जो दर्दनाक व फफोले के रूप में विकसित हो जाती है। इसके कारण प्रभावित क्षेत्र में खुजली व जलन होने लग जाती है।
ठंड से उंगलियों में सूजन आना आमतौर पर एक से तीन हफ्तों के भीतर ठीक हो जाता है, खासतौर पर जब मौसम गर्म होने लगता है। लगातार कई सालों तक आपको हर बार ठंड आते ही बिवाई हो सकती है। इसके इलाज में मुख्य रूप से खुद को ठंड के संपर्क में आने से बचाना और लक्षणों को कम करने के लिए लोशन का उपयोग करना आदि शामिल है। ठंड से उंगलियों में आने वाली सूजन से आमतौर पर कोई स्थायी क्षति नहीं होती है। लेकिन बिवाई के कारण बने घाव में संक्रमण हो सकता है और अगर उसे बिना इलाज किए छोड़ दिया जाए तो स्थायी क्षति हो सकती है। बिवाई से त्वचा में सूजन आ जाती है और फफोले बन जाते हैं, इसमें अल्सर (छाले) या स्कार (त्वचा पर खरोंच जैसे निशान) बनने का भी खतरा बढ़ जाता है। लेकिन आमतौर पर यदि प्रभावित क्षेत्र को उचित गर्मी मिल जाए तो कुछ हफ्तों के भीतर बिवाई अपने आप ठीक होने लग जाती हैं।
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