गाल में कभी-कभार बहुत तेज दर्द और डिस्कंफर्ट महसूस हो सकता है. साइनस इंफेक्शन, दांत में इंफेक्शन, सियालाडेनाइटिस (सूजन लार ग्रंथि) गाल में दर्द के कारण हो सकते हैं. आइए, विस्तार से गाल में दर्द के कारण के बारे में जानते हैं -
साइनस इंफेक्शन
साइनस इंफेक्शन की वजह से साइनस के टिशू में सूजन आ जाती है, जिसकी वजह से गालों में दर्द महसूस हो सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि गालों का ऊपरी हिस्सा और मैक्सिलेरी साइनस एक ही जगह स्थित होते हैं. ऐसे में साइनस इंफेक्शन की वजह से होने वाला दबाव और डिस्कंफर्ट गालों पर भी महसूस होता है. नाक के पास साइनस में हवा भरी होती है, जो कभी भी संक्रमित हो सकती है. इस संक्रमण की वजह से नाक बहना, सिर दर्द, नाक बंद, चेहरे पर दर्द होना जैसी दिक्कत हो सकती है और इससे गाल और यहां तक कि दांतों में भी दर्द हो सकता है.
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दांत में फोड़ा
दांत में फोड़ा दरअसल दांतों के आसपास होने वाला इंफेक्शन है, जिसमें बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से पस भरी रहती है. इसकी वजह से सूजन हो सकती है और यह सूजन कई बार गाल तक फैल सकती है. सूजन की वजह से गालों में दर्द होना आम बात है.
दांत पीसना
अक्सर कई लोगों को दांत पीसने या जकड़ने की आदत होती है, जिसे ब्रुक्सिज्म भी कहा जाता है. इसकी वजह से कई बार गलती से गाल कट जाते हैं और गालों में दर्द होने लगता है. लगातार दांत पीसने से गाल की मांसपेशियों को जरूरत से ज्यादा काम करना पड़ता है और यह भी दर्द का एक कारण हो सकता है.
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टेम्पोरोमैंडिबुलर ज्वाइंट डिसऑर्डर
टेम्पोरोमैंडिबुलर ज्वाइंट, इसके आसपास की मांसपेशियां और लिगामेंट्स टेम्पोरोमैंडिबुलर ज्वाइंट डिसऑर्डर की वजह से प्रभावित हो सकते हैं. टेम्पोरोमैंडिबुलर ज्वाइंट वहां होता है, जहां जबड़े घूमते, खुलते, बंद होते और आगे-पीछे होते हैं. वह ज्वाइंट और मांसपेशियां जो जबड़े को घूमने में मदद करती हैं, कई कारणों की वजह से दर्द भरी हो सकती है. ऐसा दांतों के पीसने, ट्रॉमा, अर्थराइटिस व तनाव के कारण हो सकता है. यह गाल में होने वाले दर्द का एक बड़ा कारण है.
पेरियोडोंटल रोग
इसे आमतौर पर मसूड़े की बीमारी के रूप में जाना जाता है, जो मसूड़ों, हड्डियों और दांत के आसपास का इंफेक्शन है. पेरियोडोंटल रोग के बारे में लोग तब तक नहीं जानते हैं, जब तक कि यह बेहद गंभीर नहीं हो जाता. इसकी वजह से चबाते समय दांत में बहुत ज्यादा दर्द हो सकता है, जो गालों में दर्द जैसा अनुभव होता है.
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सियालाडेनाइटिस
सियालाडेनाइटिस यानी लार ग्रंथि के सूज जाने से भी गालों में दर्द होने की आशंका रहती है. लार ग्रंथि का काम लार बनाना है, जो भोजन निगलने और पचाने में मददगार है. यह बैक्टीरिया से दांतों की सुरक्षा भी करता है. यदि लार ग्रंथि में सूजन आ जाती है, तो इससे बुखार, मुंह का सूखा होना, खाते समय दर्द महसूस होना और गाल के साथ गर्दन में सूजन हो जाती है. इससे लार के निर्माण में भी कमी आ सकती है. यह सब मिलकर गालों में दर्द का कारण बनते हैं.
ट्राइजेमिनल न्यूरोलॉजिया
आम भाषा में बोलें तो ट्राइजेमिनल न्यूरोलॉजिया बीमारी में चेहरे की नसों में दर्द होता है. यह दर्द चेहरे के एक ओर ही होता है, जो एक आम बीमारी नहीं है. दुर्लभ तंत्रिका की स्थिति ट्राइजेमिनल तंत्रिका को प्रभावित करती है, जो मस्तिष्क से जुड़ी 12 जोड़ी नसों में से एक है. तंत्रिका का काम सिर और चेहरे से स्पर्श और दर्द संवेदनाओं को मस्तिष्क तक पहुंचाने का है. इस स्थिति में गंभीर दर्द महसूस हो सकता है, जो रोजाना की गतिविधियों जैसे चबाने, मुस्कुराने, ब्रश करने व बात करने में अवरोध उत्पन्न कर सकता है.
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दांत संबंधी प्रक्रिया
दांत में किसी भी तरह की प्रक्रिया जैसे रूट कनाल होने के बाद गाल में दर्द और डिस्कंफर्ट महसूस होना आम बात है. किसी भी तरह की दांत संबंधी प्रक्रिया में एनेस्थीसिया और इंजेक्शन डिस्कंफर्ट का कारण बनता है. दांतों को सुन्न करने के लिए ये इंजेक्शन अमूमन गाल के पास दिए जाते हैं. उस समय तो ज्यादा कुछ महसूस नहीं होता, लेकिन बाद में बहुत ज्यादा दर्द होने लगता है.
कोरोनरी आर्टरी डिजीज
कोरोनरी आर्टरी डिजीज यानी सीएडी होने पर भी गालों में दर्द महसूस हो सकता है. भले ही सीएडी के लक्षण हमेशा न दिखते हों, लेकिन कुछ समय के लिए गाल में दर्द हो सकता है, जो एनजाइना से भी जुड़ा हो सकता है.
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