चैपरे हैमरेजिक फीवर (रक्तस्रावी बुखार) एक वायरल संक्रमण है। यह एरेनाविराडाइ (Arenaviridae) फैमिली के चैपरे वायरस के कारण होता है। लासा फीवर वायरस भी इसी परिवार के वायरस में शामिल है। वैज्ञानिकों के मुताबिक रोडन्ट यानी चूहा, गिलहरी आदि कतरने वाले जानवर इस वायरस फैमिली के प्राकृतिक वाहक होते हैं, जो वायरस को फैलाने का काम करते हैं। हालांकि, चैपरे वायरस को मनुष्यों में फैलाने के लिए जिम्मेवार मुख्य रोडन्ट का अब तक पता नहीं चला पाया है।
जूनोटिक रोग यानी जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियां, जैसे कि चैपरे हैमरेजिक फीवर (बुखार) संक्रमित रोडन्ट के द्वारा काटने या खरोंचने से मनुष्यों में फैलता है। इसके अलावा अन्य किसी माध्यम यानी संक्रमित चूहे या गिलहरी के सीधे संपर्क में आने से भी व्यक्ति बीमार पड़ सकता है, जैसे कि इनके लार और मल-मूत्र के सीधे संपर्क में आने से भी मनुष्य में वायरस का ट्रांसमिशन हो सकता है। अब तक इस वायरस से जुड़े दो प्रकोप देखने को मिले हैं जो कि दक्षिण अमेरिकी देश बोलिविया में सामने आए हैं। कहा जा रहा है कि कोविड-19 महामारी के बीच ऐसे नए वायरसों को समझने के लिए वैज्ञानिकों में दिलचस्पी बढ़ रही है, जो वायरस दुनिया में कहीं भी मनुष्यों को प्रभावित कर सकते हैं।
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