सेंट्रल प्रीकोशियस प्यूबर्टी क्या है?
प्यूबर्टी जीवन का वह समय होता है, जिसमें लड़कों व लड़कियों का शरीर विकसित होने लग जाता है और परिपक्व होने लग जाते हैं। कुछ प्रकार के शारीरिक व मानसिक बदलाव प्यूबर्टीट के मुख्य संकेत होते हैं। जब प्यूबर्टी के संकेत समय से पहले दिखाई देने लग जाते हैं, तो इस स्थिति को सेंट्रल प्रीकोशियस प्यूबर्टी या "सीपीपी" भी कहा जाता है। यदि किसी लड़की में 8 साल या लड़को में 9 साल की उम्र से पहले प्यूबर्टी के संकेत दिखने लगें, तो यह सेंट्रल प्रीकोशियस प्यूबर्टी की समस्या हो सकती है।
सेंट्रल प्रीकोशियस प्यूबर्टी के क्या लक्षण हैं?
लड़की में 8 साल व लड़कों में 9 साल की उम्र से पहले यौवनावस्था के संकेत दिखाई देना सीपीपी के लक्षण हो सकते हैं।
लड़कियों में सेंट्रल प्रीकोशियस प्यूबर्टी के लक्षण:
- स्तनों का आकार बढ़ना (और पढ़ें - ब्रेस्ट का आकार कम करने के उपाय)
- 8 साल के अंदर पहला मासिक धर्म होना
लड़कों में सेंट्रल प्रीकोशियस प्यूबर्टी के लक्षण:
- लिंग व वृषण का आकार बढ़ना (और पढ़ें - लिंग में दर्द का इलाज)
- चेहरे के बाल (दाढ़ी-मूछें) उग आना (विशेष रूप से पहले मूछें आती हैं।)
- आवाज भारी हो जाना
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लड़कों व लड़कियों दोनों में दिखाई देने वाले सेंट्रल प्रीकोशियस प्यूबर्टी के लक्षण:
- कांखों और जननांगों के बाल उगना
- तेजी से विकास होना
- चेहरे पर दाने फुन्सी निकलना
- शरीर से वयस्कों जैसी गंध आना
सेंट्रल प्रीकोशियस प्यूबर्टी के क्या कारण होते हैं?
सेंट्रल प्रीकोशियस प्यूबर्टी का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले बच्चे व उसके परिवार के स्वास्थ्य संबंधी पिछली जानकारी प्राप्त करें और फिर बच्चे का शारीरिक परीक्षण करेंगे। इसके अलावा डॉक्टर कुछ प्रकार के खून टेस्ट करेंगे जिसमें बच्चे के हार्मोन के स्तर की जांच की जाती है।
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सेंट्रल प्रीकोशियस प्यूबर्टी का परीक्षण करने के लिए बच्चे के हाथ व कलाई का एक्स रे भी किया जाता है। इस टेस्ट की मदद से डॉक्टर बच्चे की हड्डी की उम्र का पता लगा लेते हैं, जिससे यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि बच्चे की हड्डियां तेजी से बढ़ रही हैं।
सेंट्रल प्रीकोशियस प्यूबर्टी का इलाज कैसे किया जाता है?
सेंट्रल प्रीकोशियस प्यूबर्टी का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है। यदि डॉक्टर को सीपीपी के कारण का पता लग जाता है, तो डॉक्टर उसका इलाज कर देते हैं।
कुछ मामलों में डॉक्टर बच्चे के लिए कुछ प्रकार की दवाएं भी लिख देते हैं, जिससे बच्चे के सेक्स हार्मोन निश्चित समय के लिए रुक जाते हैं और असामान्य रूप से हो रहा शरीर का विकास भी रुक जाता है।
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