कैनाबिनोइड हाइपरमेसिस सिंड्रोम (सीएचएस) की समस्या लंबे समय तक गांजा का सेवन करने वाले लोगों को होती है। इस सिंड्रोम वाले लोगों को गंभीर उल्टी और मतली जैसी दिक्कतें होती हैं। सबसे पहले साल 2004 में डॉक्टरों ने सीएचएस का पता लगाया। इस तरह का पहला मामला दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में सामने आया था। जब रोगियों ने गांजा का सेवन बंद कर दिया तो सिंड्रोम के लक्षण स्वत: ही गायब होने लग गए। सीएचएस के शिकार लोगोंं को गर्म पानी से स्नान करने पर लक्षणों में फायदा मिलता है। सीएचएस के कारण किडनी फेलियर, इलेक्ट्रोलाइट समस्याएं और त्वचा में जलन जैसी कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं।
गांजा में टीएचसी और संबंधित रसायन के साथ कई प्रकार के अन्य सक्रिय पदार्थ मौजूद होते हैं। ये पदार्थ मस्तिष्क में मौजूद अणुओं से बंध जाते हैं। इसके अलावा पाचन तंत्र में भी कई अणु होते हैं जो टीएचसी और संबंधित रसायनों के साथ बाइंड हो जाते हैं। यही कारण है कि सिंड्रोम से ग्रसित रोगियों को पाचन तंत्र से संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं। गांजा का सेवन करने वाले सभी लोगों को सीएचएस की दिक्कत नहीं होती है, यह उन लोगों को होती है, जो इसका बहुत अधिक सेवन करते हैं।
इस लेख में हम कैनाबिनोइड हाइपरमेसिस सिंड्रोम के लक्षण, कारण और इसके इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।