डकार तब आती है, जब पेट निगली हुई हवा से भर जाता है. सामान्य हवा की तुलना में व्यक्ति द्वारा ज्यादा हवा निगल जाने के कई कारण हैं. इनमें से कुछ आम कारण हैं - जल्दी-जल्दी खाना या पीना, कार्बोनेटेड बेवरेजेज पीना और एंजाइटी. अमूमन बहुत छोटे बच्चे बिना समझे हुए हवा की बहुत अधिक मात्रा को निगल सकते हैं. यही वजह है कि स्तनपान या फार्मूला दूध पीने के तुरंत बाद छोटे बच्चे बहुत डकार लेते हैं, ताकि फीड करने के दौरान निगली हवा बाहर निकल सके.
कई बार जब पेट में हवा नहीं भरी होती है, तो भी व्यक्ति डकार ले सकता है. यह पेट में महसूस होने वाली डिस्कंफर्ट को कम करने का तरीका हो सकता है, लेकिन डकार लेने से सिर्फ निगली हुई हवा से होने वाले डिस्कंफर्ट से राहत मिलती है. आइए विस्तार से डकार के कारण के बारे में जानते हैं-
(और पढ़ें - खट्टी डकार का इलाज)
एरोफैगिया
जब व्यक्ति इच्छा या अनिच्छा से हवा निगल जाता है, तो उसे एरोफैगिया कहा जाता है. जल्दी-जल्दी खाने या पीने से व्यक्ति बहुत अधिक मात्रा में हवा निगल जाता है. यह निम्न स्थितियों में भी हो सकता है -
भोजन
कुछ खास तरह के भोजन और ड्रिंक से भी जल्दी-जल्दी डकार आने की आशंका रहती है. इसमें कार्बोनेटेड ड्रिंक, अल्कोहल और चीनी या फाइबर वाले फूड शामिल हैं, जिनसे गैस होने की आशंका रहती है. बीन्स, दाल, ब्रोकली, मटर, प्याज, बंद गोभी, फूल गोभी, केला, किशमिश और आटा ब्रेड के सेवन से डकार ज्यादा आ सकते हैं.
दवाइयां
कुछ बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयों से भी डकार आ सकते हैं. टाइप 2 डायबिटीज को ठीक करने वाली दवा, लैक्सेटिव और दर्द निवारक दवाइयों का इस्तेमाल डकार आने के कारण हैं. दर्द निवारक दवाइयों के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल से गैस्ट्राइटिस नामक समस्या हो सकती है, जो डकार आने का एक कारण है.
क्या आप भी डायबिटीज से परेशान हैं? आज ही आर्डर करे myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट।स्वस्थ जीवनशैली के साथ आगे बढ़ें।
मेडिकल कंडीशन
कुछ चिकित्सकीय स्थिति में भी डकार आना एक लक्षण हो सकता है. हालांकि, डकार पेट की परेशानी का एक लक्षण है, तो इसके निदान के लिए अन्य लक्षण भी होंगे. डकार का कारण बनने वाली स्थितियों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं -
- गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी): जीईआरडी के चलते पेट में से एसिड ऊपर की ओर एसोफैगस यानी अन्नप्रणाली में पहुंच जाता है.
- गैस्ट्रोपैरेसिस: गैस्ट्रोपैरेसिस डिसऑर्डर में पेट की दीवार की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं.
- गैस्ट्राइटिस: इस डिसऑर्डर में पेट की परत में सूजन हो जाती है.
- पेप्टिक अल्सर: पेप्टिक अल्सर के चलते एसोफैगस, पेट और छोटी आंत के ऊपरी हिस्से पर घाव हो जाता है.
- लैक्टोज इंटॉलरेंस: लैक्टोज को सही तरह से पचाने में दिक्कत. यह डेयरी प्रोडक्ट्स में पाया जाने वाला एक इनग्रेडिएंट है.
- फ्रुक्टोज या सोर्बिटोल मालएब्जॉर्बप्शन: कार्बोहाइड्रेट फ्रुक्टोज और सोर्बिटोल को ठीक से पचा पाने में असमर्थता.
- हेलिकोबैक्टर पाइलोरी: पेट में इंफेक्शन का कारण बनने वाले बैक्टीरिया, जो डकार को बढ़ा सकते हैं.
- इमरजेंसी इश्यू: एक अकेले लक्षण के तौर पर डकार चिंता का विषय तब तक नहीं हो सकता, जब तक कि यह बार-बार या बहुत ज्यादा न हो. यदि व्यक्ति का पेट लंबे समय से फूला हुआ है और डकार से राहत नहीं मिल रही है या पेट का दर्द गंभीर है, तो तुरंत ही डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए.