बर्गर्स सिंड्रोम क्या है
बर्गर्स सिंड्रोम हाथ और पैरों की धमनियों और नसों की एक दुर्लभ बीमारी है। इसे थ्रॉम्बोनाइटिस ओबेरटैनंस भी कहा जाता है। इसमें रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है और यह खून के थक्कों (थ्रॉम्बी) से ब्लॉक हो सकती हैं। हालांकि, कोई भी धमनी प्रभावित हो सकती है। यह बीमारी दुनियाभर में पाई जाती है और किसी भी जाति व आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, यह मुख्य रूप से तंबाकू या तंबाकू उत्पादों का अधिक सेवन करने वाले 40 से 45 वर्ष की आयु के एशियाई और मध्य पूर्वी पुरुषों को प्रभावित करता है। यह धीरे-धीरे त्वचा के ऊतकों को क्षतिग्रस्त या नष्ट कर देता है। बर्गर्स सिंड्रोम के लक्षण सबसे पहले हाथों और पैरों में दिखाई देते हैं और फिर यह हाथों और पैरों के बड़े हिस्सों को प्रभावित करने लगता है।
बर्गर्स सिंड्रोम के लक्षण
आमतौर पर बर्गर्स सिंड्रोम की शुरुआत प्रभावित हिस्से में दर्द से होती है जिसके बाद कमजोरी महसूस होने लगती है। इसके अन्य लक्षणों में शामिल हैं:
- हाथों और पैरों या टांगों और बाहों में दर्द होना, यह दर्द रुक-रुक कर हो सकता है
- पैर या हाथ की उंगलियों या अंगूठे पर घाव होना
- नसों में सूजन
- ठंडे तापमान में अंगूठे या उंगलियों का पीला पड़ना
- हाथ या पैर में झुनझुनी या सुन्नपन महसूस होना
बर्गर्स सिंड्रोम के कारण
बर्गर्स सिंड्रोम के स्पष्ट कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन जब कोई व्यक्ति अत्यधिक धूम्रपान करता है, तो उसमें इस सिंड्रोम के होने का जोखिम बढ़ जाता है। वैज्ञानिक नहीं जानते हैं कि तंबाकू के धुएं से इस सिंड्रोम का जोखिम कैसे बढ़ जाता है, लेकिन उनका मानना है कि इन दोनों के बीच संबंध है। तंबाकू रक्त वाहिकाओं के अस्तर को प्रभावित कर सकता है जिससे उनमें सूजन आ जाती है। विशेषज्ञों को संदेह है कि कुछ लोगों में यह सिंड्रोम अनुवांशिक भी हो सकता है।
बर्गर्स सिंड्रोम के लिए इलाज
बर्गर्स सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं है। हालांकि, इसके लक्षणों में सुधार करने और इसे रोकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण धूम्रपान छोड़ना है। इसके अलावा कुछ लोगों में ठंडे मौसम से बचकर भी इस दर्द को नियंत्रित किया जा सकता है।
कुछ दुर्लभ मामलों में, दर्द इतना गंभीर हो सकता है कि सिम्पैथेक्टोमी (शरीर के बीच में एक तंत्रिका को काटने या अवरुद्ध करने की प्रक्रिया) नामक सर्जरी करनी पड़े। वहीं दूसरी ओर, कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीने और एक्टिव रहने से ही इसके लक्षणों से राहत मिली। इससे ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है।