संक्षेप में:
ब्रूसीलोसिस क्या है?
ब्रूसीलोसिस, बैक्टीरिया के कारण होने वाली एक बीमारी है जो इंसानों और जानवरों दोनों को प्रभावित कर सकती है। ये बीमारी दूषित खाना खाने से फैलती है, जैसे कच्चा मीट। ब्रूसीलोसिस पैदा करने वाले बैक्टीरिया को "ब्रूसेला" (Brucella) कहा जाता है और ये बैक्टीरिया हवा या किसी खुले घाव के संपर्क में आने से भी फैल सकता है।
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ब्रूसीलोसिस क्यों होता है?
अगर कोई व्यक्ति बैक्टीरिया से संक्रमित किसी जानवर या जानवरों से मिलने वाले उत्पाद के संपर्क में आता है, तो उसे ब्रूसीलोसिस हो सकता है। कुछ मामलों में ये बीमारी स्तनपान करा रही महिला से उसके बच्चे हो सकती है, इसके अलावा यौन संबंध बनाने से भी ये रोग फैल सकती है।
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ब्रूसीलोसिस के लक्षण क्या है?
ब्रूसीलोसिस होने पर भूख न लगना, वजन कम होना, पीठ दर्द, बुखार, सुस्ती, पेट दर्द और सिरदर्द जैसे लक्षण अनुभव होते हैं। अगर आपको फ्लू जैसे लक्षण अनुभव हो रहे हैं और आप किसी ऐसे जानवर के संपर्क में आए हैं जिसे ब्रूसीलोसिस हो सकता है, तो अपने डॉक्टर के पास जाएं।
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ब्रूसीलोसिस का इलाज कैसे होता है?
ब्रूसीलोसिस के निदान के लिए यूरिन कल्चर, ब्लड कल्चर और रीढ़ की हड्डी व दिमाग में मौजूद द्रव की जांच की जाती है। बीमारी की पुष्टि होने के बाद डॉक्टर इसके लिए एंटीबायोटिक दवाएं दे सकते हैं। इलाज करने के समय और बीमारी की गंभीरता के आधार पर इसे ठीक होने में कुछ हफ्तों से महीनों तक का समय लग सकता है। बहुत ही दुर्लभ मामलों में ब्रूसीलोसिस से किसी व्यक्ति की मौत होती है।
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इससे बचने का तरीका है कि पूरी तरह से पका हुआ मीट ही खाएं और ऐसे डेयरी उत्पाद न लें जिनके अंदर से बैक्टीरिया न निकाले गए हों। बैक्टीरिया निकालने के लिए दूध को उबाला जाता है, जिससे उसमें मौजूद बैक्टीरिया मर जाते हैं।
अगर ब्रूसीलोसिस का इलाज सही तरीके से न किया जाए, तो इससे कुछ जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे इन्सेफेलाइटिस, दिमागी बुखार, हड्डियों व जोड़ों पर घाव या एंडोकार्डिटिस।
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