पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर क्या है?
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर एक दुर्लभ बीमारी है। वैसे तो ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है लेकिन ये पुरुषों को भी हो सकता है। यह कैंसर पुरुषों के स्तन के ऊतकों में बनता है। हालांकि, ये कैंसर वृद्ध पुरुषों में ज्यादा देखा जाता है, लेकिन यह किसी भी उम्र में प्रभावित कर सकता है। अब रही बात कि पुरुषों में स्तन कैंसर की संभावना क्यों होती है? तो बता दें, हर व्यक्ति कुछ मात्रा में ब्रेस्ट टिश्यू (ऊतक) के साथ पैदा होता है। स्तन के ऊतकों में दूध बनाने वाली ग्रंथियां (लोब्यूल) व नलिकाएं होती हैं, जो दूध को निप्पल और वसा तक ले जाती हैं। यौवन के दौरान, महिलाओं के स्तनों में अधिक मात्रा में ऊतक विकसित होने लगते हैं, जबकि पुरुषों में ऐसा नहीं होता है। चूंकि पुरुषों के स्तन में जन्म के समय कुछ मात्रा में ब्रेस्ट टिश्यू होते हैं इसलिए इनमें भी स्तन कैंसर विकसित होने की आशंका रहती है।
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
पुरुषों में स्तन कैंसर के निम्न संकेत व लक्षण हो सकते हैं:
- ब्रेस्ट में गांठ जिसमें दर्द न हो
- स्तन की ऊपरी त्वचा में परिवर्तन होना (जैसे स्किन पर गड्डे होना, सिकुड़ना, परतदार त्वचा या लालिमा)
- निप्पल में बदलाव जैसे कि निप्पल का अंदर की ओर मुड़ना, लालिमा, परतदार त्वचा
- निप्पल से डिस्चार्ज होना (कोई तरल निकलना)
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के कारण
डॉक्टरों को यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि पुरुषों में स्तन कैंसर का सटीक कारण क्या है, लेकिन उनका मानना है कि पुरुषों में स्तन कैंसर तब होता है जब कुछ स्तन कोशिकाएं स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में अधिक तेजी से विभाजित होने लगती हैं। जब कैंसर कोशिकाएं खून या लसीका प्रणाली और शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंचने लगती हैं, तब इस स्थिति में स्तन कैंसर फैल सकता है।
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज
यदि शुरुआती चरणों में पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो इसका इलाज संभव है। इसके इलाज में आमतौर पर स्तन के ऊतक को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है। कुछ स्थितियों में कीमोथेरेपी व रेडिएशन थेरेपी की मदद ली जाती है।
- सर्जरी
- मस्टेक्टमी: इसमें सभी ब्रेस्ट ऊतकों को हटाया जाता है।
- टेस्ट के लिए कुछ लिम्फ नोड्स (लसीका प्रणाली का एक हिस्सा) को निकालना: इसमें डॉक्टर ऐसे लिम्फ नोड्स की पहचान करते हैं, जहां से सबसे पहले कैंसर कोशिकाओं के फैलने की आशंका होती है। इन लिम्फ नोड्स को निकालकर इनकी जांच की जाती है। यदि कोई कैंसर कोशिका नहीं पाई जाती है, तो इसका मतलब है कि स्तन कैंसर व्यक्ति के ब्रेस्ट टिश्यू से आगे नहीं फैला है। यदि कैंसर कोशिकाएं पाई जाती हैं, तो टेस्ट के लिए और लिम्फ नोड्स निकाली जाती हैं।
- रेडिएशन थेरेपी
रेडिएशन थेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए एक्स-रे व प्रोटॉन जैसे हाई एनर्जी बीम का उपयोग किया जाता है। पुरुषों में स्तन कैंसर की स्थिति में सर्जरी के बाद स्तन, छाती की मांसपेशियों या बगल में बची हुई कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए रेडिएशन थेरेपी का प्रयोग किया जा सकता है।
- हार्मोन थेरेपी
पुरुषों में स्तन कैंसर के अधिकांश मामलों में ट्यूमर का संबंध हार्मोन (हार्मोन सेंसिटिविटी) से होता है। यदि किसी पुरुष को हार्मोन सेंसिटिव कैंसर है, तो ऐसे में डॉक्टर हार्मोन थेरेपी की सलाह दे सकते हैं। पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर की स्थिति में हार्मोन थेरेपी में अक्सर टेमोक्सीफेन दी जाती है। इसके अलावा अन्य हार्मोन थेरेपी दवाएं, जो महिलाओं के स्तन कैंसर में उपयोगी हैं, वे पुरुषों में प्रभावी नहीं होती हैं।
यदि किसी पुरुष को अपनी ब्रेस्ट में असामान्य लक्षण या संकेत दिख रहे हैं, तो उसे इन लक्षणों को नजरअंदाज न करते हुए इस बारे में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि इस दुर्लभ बीमारी के शुरुआती चरणों में इलाज शुरू कर देना सबसे सफल इलाज है।