भारत में भी पुरुष और महिला दोनों लोग पियर्सिंग कराना पसंद करते हैं। वैसे तो यहां सबसे पसंदीदा हिस्सा कान है, लेकिन शरीर के कई हिस्सों में भी पियर्सिंग कराई जा सकती है। पियर्सिंग कराने वाले ज्यादातर लोगों में कोई समस्या नहीं होती है, लेकिन कुछ मामलों में संक्रमण होने का खतरा रहता है।
पियर्सिंग का मतलब छिदवाना होता है। आपने ईयर पियर्सिंग या नोज पियर्सिंग के बारे में सुना होगा, जिसमें कान या नाक छिदवाए जाते हैं। उसी तरह बॉडी पियर्सिंग (शरीर में कहीं भी छिदवाना) भी करवाते हैं। यदि आप भी बॉडी पियर्सिंग के बारे में सोच रहे हैं, तो यहां कुछ ऐसी बातें बताई जा रही हैं, जिनके बारे में जानना आपके लिए जरूरी हो सकता है।
- यदि आप स्कूल लाइफ में हैं तो क्या आपका स्कूल इसकी अनुमति देगा? क्योंकि भारत जैसे देश में स्कूलों में छात्रों को पियर्सिंग की अनुमति नहीं होती है।
- क्या आप नौकरी की तलाश में हैं? कुछ ऐसी जॉब्स होती हैं जहां कर्मचारियों को पियर्सिंग की अनुमति नहीं होती है। इसलिए सुनिश्चित करें कि आपको जिस सेक्टर में करियर बनाना है, उसमें पियर्सिंग से दिक्कत तो नहीं होगी।
- क्या आप रक्तदान करने की सोच रहे हैं? कुछ संगठन उन लोगों द्वारा खून नहीं लेते, जिन्होंने एक साल के अंदर पियर्सिंग कराया हो।
- क्या आपका वैक्सीनेशन समय-समय पर होता रहता है? यह सुनिश्चित करने की जरूरत होती है कि पीयर्सिंग से पहले हेपेटाइटिस बी और टेटनस जैसी बीमारियों से बचने के लिए जरूरी वैक्सीनेशन किया गया हो।
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