बिनाइन पैरॉक्सिसमल पोजिशनल वर्टिगो (सिर घूमना) - Benign Paroxysmal Positional Vertigo in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

January 30, 2020

March 06, 2020

बिनाइन पैरॉक्सिसमल पोजिशनल वर्टिगो
बिनाइन पैरॉक्सिसमल पोजिशनल वर्टिगो

बिनाइन पैरॉक्सिसमल पोजिशनल वर्टिगो क्या है?

बिनाइन पैरॉक्सिसमल पोजिशनल वर्टिगो (बीपीपीवी) चक्कर आने के सबसे आम कारणों में से एक है। इसमें अचानक से सिर घूमने या चकराने का एहसास होता है। बीपीपीवी को समझें तो - बिनाइन का मतलब गंभीर और जानलेवा न होना है। पैरॉक्सिसमल का मतलब अचानक आने वाला (अटैक) है और इसका असर थोड़े समय के लिए रहता है। पोजिशनल का मतलब है सिर को किसी खास पोस्चर या हिलाने पर चक्कर आना।

बिनाइन पैरॉक्सिसमल पोजिशनल वर्टिगो में हल्के या तेज चक्कर आ सकते हैं। ऐसा आमतौर पर तब होता है जब हम सिर को किसी विशेष पोजीशन में ले जाते हैं जैसे सिर को ऊपर या नीचे की त​रफ करना, लेटने के दौरान या करवट बदलते समय या बिस्तर पर बैठते समय सिर घुमाना।

हालांकि, बिनाइन पैरॉक्सिसमल पोजिशनल वर्टिगो की वजह से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। जब इस बीमारी की वजह से व्यक्ति बार-बार चक्कर खा कर गिरने लगता है तो इस स्थिति को गंभीर माना जाता है। इस बीमारी का उपचार उपलब्ध है।

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बिनाइन पैरॉक्सिसमल पोजिशनल वर्टिगो के लक्षण

इस बीमारी के संकेतों और लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

  • चक्कर आना
  • ऐसा महसूस होना जैसे आपका सिर या आस-पास की चीजें घूम रहीं हैं
  • संतुलन या स्थिरता में कमी
  • जी मितली
  • उल्टी

बीपीपीवी के संकेत और लक्षण बार-बार दिखाई दे सकते हैं और इसका असर आमतौर पर एक मिनट से कम समय के लिए होता है। इस बीमारी में कुछ समय के लिए लक्षण गायब होने के बाद फिर से वापिस आ सकते हैं।

इसके अलावा बीपीपीवी के संकेत और लक्षण हर दूसरे व्यक्ति में अलग हो सकते हैं, लेकिन ऐसा ज्यादातर सिर की पोजीशन बदलने पर होता है। कुछ लोगों को इस बीमारी का अटैक खड़े होने या चलने पर आ सकता है। आमतौर पर इस बीमारी के लक्षणों के साथ निसटैगमस (आंखों का घूमना) भी हो सकता है।

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बिनाइन पैरॉक्सिसमल पोजिशनल वर्टिगो का कारण

अभी तक डॉक्टरों को बीपीपीवी के सटीक कारण के बारे में पता नहीं चल पाया है, लेकिन इसे लेकर शोध जारी हैं। डॉक्टरों के अनुसार, अक्सर सिर में तेज या हल्का झटका लगने से बीपीपीवी का संबंध हो सकता है।

इसके अलावा कान के अंदरूनी हिस्से के क्षतिग्रस्त होने से भी यह बीमारी हो सकती है, हालांकि, ऐसा कम ही होता है। अगर दुर्लभ मामलों की बात करें तो कान की सर्जरी के दौरान किसी क्षति या लंबे समय तक पीठ के बल किसी पोजीशन में रहने से ऐसा हो सकता है जैसे कि दांत का इलाज करवाने के दौरान कुर्सी पर लंबे समय तक बैठे रहना। इस बीमारी का संबंध माइग्रेन से भी हो सकता है।

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बिनाइन पैरॉक्सिसमल पोजिशनल वर्टिगो का निदान

अगर आपको अटैक बार-बार आते हैं, तो ये किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में निदान करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। चक्कर आने के कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर निम्न टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं :

  • इलेक्ट्रॉनस्टैगमोग्राफी (ईएनजी) या वीडियो निस्टैगमोग्राफी (वीएनजी)
    इन टेस्ट का उद्देश्य आंखो की मूवमेंट में असामान्य बदलाव का पता लगाना है। अगर यह बीमारी कान के अंदर किसी समस्या की वजह से हो रही है, तो ईएनजी (इसमें इलेक्ट्रोड का उपयोग होता है) या वीएनजी (इसमें छोटे कैमरों का उपयोग होता है) की मदद से बीमारी का पता लगाया जा सकता है।
     
  • एमआरआई
    एमआरआई स्कैन से मस्तिष्क के अंदर की तस्वीरें ली जाती हैं जिससे डॉक्टर को बीमारी की पहचान व निदान करने में मदद मिलती है। एमआरआई के जरिए वर्टिगो के अन्य संभावित कारणों का भी पता लगाया जा सकता है।

बिनाइन पैरॉक्सिसमल पोजिशनल वर्टिगो का इलाज

बीपीपीवी कुछ हफ्तों या महीनों के अंदर अपने आप ठीक हो सकता है, लेकिन इस स्थिति को जल्दी ठीक करने के लिए डॉक्टर, ऑडियोलॉजिस्ट या फिजिकल थेरेपिस्ट 'कैनालिथ रिपोजिशन प्रोसीजर' नामक थेरेपी करवाने के लिए कह सकते हैं।

बता दें, कि कैनालिथ रिपोजिशन प्रोसीजर का प्रयोग कान में अर्धवृत्ताकार नलिका में फंसे क्रिस्टलों को निकालने के लिए किया जाता है। अगर आपको बार-बार, अचानक, तेज या लंबे समय से चक्कर आ रहे हैं, तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाएं।



बिनाइन पैरॉक्सिसमल पोजिशनल वर्टिगो (सिर घूमना) के डॉक्टर

Dr. Anu Goyal Dr. Anu Goyal कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
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