बेहसेट्स सिंड्रोम क्या है?
बेहसेट्स सिंड्रोम एक दुर्लभ विकार है, जिसके कारण पूरे शरीर में रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है। इस रोग के कई संकेत और लक्षण ऐसे हो सकते हैं, जिनका शुरुआत में इस बीमारी से कोई संबंध महसूस न हो। इनमें मुंह में छाले, आंखों में सूजन, त्वचा पर चकत्ते और घाव एवं जननांगों में छाले होना भी शामिल है। इस रोग के इलाज में संकेतों और लक्षणों को कम करने के लिए दवा दी जाती है और इसकी वजह से कोई गंभीर स्थिति जैसे कि अंधापन होने से रोका जाता है।
बेहसेट्स सिंड्रोम के लक्षण
इस बीमारी का शुरुआती लक्षण मुंह में छाले होना है। ये नासूर की तरह दिखते हैं और आमतौर पर कुछ हफ्तों के अंदर ठीक हो जाते हैं। इसके निम्नलिखित लक्षण हैं:
- मुंह के छाले
- यौन अंगों पर छाले
- त्वचा पर छाले होना
- आंख के आसपास सूजन
- जोड़ों में दर्द, सूजन और जकड़न
- एक या दोनों आंखों में सूजन
- आंखों की रोशनी कम होना
- आंख लाल होना
बेहसेट्स सिंड्रोम के कारण
बेहसेट्स सिंड्रोम एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर हो सकता है, इसका मतलब है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) गलती से अपनी ही स्वस्थ कोशिकाओं पर अटैक करने लगती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें आनुवांशिक और पर्यावरणीय कारक अहम भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे कई जीन हैं जिनका संबंध इस बीमारी से पाया गया है। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि कुछ विशेष जींस वाले लोगों में एक प्रकार के वायरस या बैक्टीरिया से बेहसेट्स सिंड्रोम ट्रिगर हो सकता है।
बेहसेट्स सिंड्रोम का इलाज
बेहसेट्स सिंड्रोम का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को निम्न तरीकों से नियंत्रित किया जा सकता है:
- दवाइयां:
यदि इस बीमारी ने गंभीर रूप नहीं लिया है, तो डॉक्टर दर्द और सूजन को नियंत्रित करने के लिए इबुप्रोफेन लेने की सलाह दे सकते हैं, जबकि गंभीर मामलों में डॉक्टर सूजन को कम करने के लिए कोल्करिस (Colcrys) जैसी दवाइयां दे सकते हैं। हालांकि, कोल्करिस आमतौर पर गाउट के इलाज के लिए दी जाती है। यह बेहसेट्स सिंड्रोम में जोड़ों में होने वाले दर्द को कम करने में विशेष रूप से सहायक हो सकता है। - मलहम:
कॉर्टिकोस्टेरॉइड युक्त मलहम त्वचा पर घावों और मुंह के छालों के उपचार के लिए सहायक हो सकते हैं और उन्हें तेजी से फैलने से रोकने में भी मदद कर सकते हैं। इसी तरह, कोर्टिकोस्टेरोइड या सूजन को रोकने वाली अन्य दवाओं के साथ आई ड्रॉप (आंख में डालने वाली दवाइयां) काफी मददगार साबित हो सकती है।