बैटन डिसीज क्या है?
बैटन डिसीज या बैटन रोग तंत्रिका तंत्र के विकारों का एक दुर्लभ समूह है, जिसे न्यूरोनल सेरॉइड लिपोफासिनोसिस (एनसीएल) कहा जाता है। यह स्थिति समय के साथ खराब होती जाती है। आमतौर पर यह रोग बचपन में 5 से 10 वर्ष के बीच में शुरू होता है। जब तक बच्चों में इस बीमारी के लक्षण दिखना शुरू नहीं होते हैं तब तक वे स्वस्थ नजर आते हैं और उनका विकास सामान्य रूप से होता है। इस रोग के सभी रूप घातक होते हैं, खासकर यह किशोरावस्था के अंतिम चरणों या किशोरावस्था के बाद और भी खतरनाक हो जाते हैं। इसमें होने वाला नुकसान मस्तिष्क की कोशिकाओं, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और रेटिना में 'लिपोपिग्मेन्ट' नामक फैटी पदार्थों के निर्माण के कारण होता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में पैदा होने वाले प्रत्येक 100,000 शिशुओं में से लगभग दो से चार लोगों को यह बीमारी है। चूंकि, यह स्थिति आनुवंशिक है, इसलिए यह एक ही परिवार के एक से अधिक लोगों को प्रभावित कर सकती है।
बैटन डिसीज के संकेत और लक्षण
बैटन डिसीज के अधिकांश रूपों में दिखने वाले सामान्य लक्षणों में शामिल हैं :
- दृष्टि संबंधित समस्या (और पढ़ें - शिशुओं में दृष्टि संबंधित समस्या)
- सीखी हुई चीजों या स्किल को भूलना
- डिमेंशिया (मनोभ्रंश) और असामान्य गतिविधि
जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती जाती है वैसे वैसे बच्चों में एक या इससे ज्यादा लक्षणों को देखा जा सकता है जैसे व्यक्तित्व और व्यवहार में बदलाव, अजीब या लापरवाह, सीखने में कठिनाई, एकाग्रता में कमी, भ्रम, चिंता, नींद से संबंधित समस्याएं और अनैच्छिक व धीमी गतिविधियां।
(और पढ़ें - नींद न आना)
समय के साथ, प्रभावित बच्चे में दौरे की स्थिति बदतर होने लगती है। उनमें भाषा को समझने, बोलने, इंट्लेक्चुअल डिसएबिलिटी (जैसे सीखने, प्रॉब्लम को सॉल्व करने या निर्णय लेने में कठिनाई) और मोटर स्किल्स संबंधी परेशानियां आने लगती हैं। बीमारी के गंभीर स्टेज या यूं कहें कि अंत में, बैटन से ग्रस्त बच्चों को निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे
- अंधापन
- चलने में असमर्थ
- बेडरेस्टेड (बीमारी की वजह से बिस्तर पर रहना)
(और पढ़ें - कलर ब्लाइंडनेस)
संचार करने और संज्ञानात्मक कामकाज (जिसमें सीखने, सोचने, तर्क करने, याद करने, समस्या को हल करने, निर्णय लेने और ध्यान देने सहित कई मानसिक क्षमताएं प्रभावित हो जाती हैं) में कमी इत्यादि।
बैटन डिसीज का कारण
बैटन रोग आनुवंशिक दोष के कारण होता है, जो आमतौर पर माता-पिता दोनों से बच्चे में पारित होता है। इसमें 14 विभिन्न जीनों में 400 से अधिक गड़बड़ी की पहचान की गई है, जिसे सीएलएन1 से सीएलएन14 के रूप में जाना जाता है। इसे सीएलएन1 से सीएलएन14 रोग भी कहा जाता है। प्रत्येक जीन में गड़बड़ी की वजह से अलग-अलग लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इन्हें सामूहिक रूप से बैटन बीमारी कहते हैं।
बैटन डिसीज का निदान
इस रोग का परीक्षण अक्सर गलत हो सकता है क्योंकि इसके लक्षण अन्य बीमारियों से मिलते-जुलते हैं। चूंकि दृष्टि संबंधित समस्या बैटन डिसीज के शुरुआती लक्षणों में से एक है ऐसे में आंख का डॉक्टर बैटन डिसीज को लेकर संदेह कर सकता है। हालांकि, निदान करने से पहले कई टेस्ट की आवश्यकता पड़ सकती है :
- टिश्यू सैंपल एंड आई एग्जाम
- ब्लड एंड यूरिन टेस्ट
- इलेक्ट्रोइन्सेफलोग्राम
- इमेजिंग टेस्ट
- डीएनए टेस्ट
बैटन डिसीज का इलाज
बैटन रोग के किसी भी रूप का कोई सटीक उपचार मौजूद नहीं है, लेकिन दौरे जैसे लक्षणों में सुधार के लिए कुछ दवाएं दी जा सकती हैं। इसी तरह अन्य लक्षणों का भी प्रबंधन किया जा सकता है। बैटन रोग से पीड़ित कुछ मामलों में फिजियोथेरेपी और ऑक्यूपेशनल थेरेपी (शारीरिक, संवेदी या संज्ञानात्मक समस्याओं में मदद करने वाली चिकित्सा) फायदेमंद हो सकती है। फिलहाल, वैज्ञानिक इसके सटीक इलाज पर शोध कर रहे हैं।