बासेन-कोर्नजवेग सिंड्रोम - Bassen-Kornzweig Syndrome in Hindi

Dr. Anurag Shahi (AIIMS)MBBS,MD

December 06, 2019

March 06, 2020

बासेन-कोर्नजवेग सिंड्रोम
बासेन-कोर्नजवेग सिंड्रोम

बासेन-कोर्नजवेग सिंड्रोम क्या है 

बासेन-कोर्नजवेग सिंड्रोम को एबेटिपोप्रोटीनेमिया (एबीएल) भी कहते हैं। यह एक अनुवांशिक स्थिति है जो शरीर को कुछ डायट्री फैट्स (पशु और पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले फैट्स और ऑयल) को अवशोषित करने से पूरी तरह से रोकती है। यदि इस समस्या का उपचार नहीं किया जाए, तो इसकी वजह से विटामिन की कमी हो सकती है जो स्वास्थ्य को लंबे समय तक प्रभावित कर सकता है। हालांकि, एबीएल को एसेंथोसाइटोसिस या एपोलिपोप्रोटीन बी की कमी के रूप में भी जाना जाता है। यह दोषपूर्ण जीन के कारण होता है, लेकिन यह संक्रामक नहीं है।

बासेन-कोर्नजवेग सिंड्रोम के लक्षण 

बासेन-कोर्नजवेग सिंड्रोम के लक्षण बहुत भिन्न होते हैं। यह शरीर में वसा और विटामिन के महत्वपूर्ण कार्यों को दर्शाता है। नेशनल ऑर्गेनाईजेशन फॉर रेयर डिसऑर्डर के अनुसार, इसके लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • संतुलन और तालमेल बैठाने में कठिनाई 
  • रीढ़ की हड्डी में टेढ़ापन
  • आंखों का कमजोर होना और समय के साथ इस स्थिति का और खराब हो जाना 
  • विकास में देरी होना
  • नवजात शिशु के विकास में बाधा आना
  • मांसपेशियों में कमजोरी होना 
  • ठीक से मल ना आना, मोटा या पीला मल आना और मल में से बदबू आना

बासेन-कोर्नजवेग सिंड्रोम के कारण 

बासेन-कोर्नजवेग सिंड्रोम जीन में गड़बड़ी के कारण होता है। जीन के ठीक तरह से काम न कर पाने की स्थिति में शरीर के लिए कुछ प्रकार के वसा और विटामिंस को पचाना कठिन हो जाता है। यह एक दुर्लभ विकार है। अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन जेनेटिक्स होम रेफरेंस के अनुसार इस सिंड्रोम में दुनियाभर में केवल 100 मामले दर्ज किए गए हैं।

फिलहाल डॉक्टरों को ऐसा अनुमान है कि यह सामान्य जनसंख्या में 1,000,000 लोगों में से किसी एक को प्रभावित करती है। बासेन-कोर्नजवेग सिंड्रोम पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, अभी तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि यह किसी खास जातीय या नस्ल से जुड़ा है, लेकिन यह ऐसे वर्ग में ज्यादा प्रचलित है जहां अक्सर करीबी रिश्तेदारों के बीच में विवाह किए जाते हैं। आमतौर पर इस बीमारी के लक्षण बचपन में दिखाई देने लगते हैं। 

बासेन-कोर्नजवेग सिंड्रोम का इलाज

इस बीमारी के उपचार में विटामिन सप्लीमेंट की खुराक दी जाती है जिसमें वसा-घुलनशील विटामिंस (जैसे विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई और विटामिन के) शामिल हैं। लिनोलिक एसिड सप्लीमेंट्स लेने की भी सलाह दे जाती है। 
इस स्थिति से ग्रस्त व्यक्ति को नूट्रिशनिस्ट से सलाह लेनी चाहिए। पेट से जुड़ी समस्याओं को रोकने के लिए आहार में बदलाव करने की आवश्यकता होती है। इसमें कुछ प्रकार के फैट का सीमित सेवन करना शामिल है। 

बासेन-कोर्नजवेग सिंड्रोम की जटिलताएं 

बासेन-कोर्नजवेग सिंड्रोम के कारण कई तरह की जटिलताएं भी हो सकती हैं, जैसे कि:

  • अंधापन
  • मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ना
  • अटैक्सिया (अपनी मर्जी से काम करने में असमर्थ होना)



बासेन-कोर्नजवेग सिंड्रोम के डॉक्टर

Dr. Narayanan N K Dr. Narayanan N K एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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