बेसल सेल कार्सिनोमा एक प्रकार का त्वचा का कैंसर है। यह बेसल कोशिकाओं में शुरू होता है। बेसल कोशिकाएं, त्वचा के भीतर मौजूद होती हैं जो पुरानी कोशिकाओं के मृत हो जाने की स्थिति में नई कोशिकाओं का उत्पादन करती हैं। बेसल सेल कार्सिनोमा, सामान्य रूप से त्वचा पर पारदर्शी उभार के रूप में दिखाई देती हैं। हालांकि, यह अन्य रूप में भी देखी जा सकती हैं। बेसल सेल कार्सिनोमा, सामान्य रूप से त्वचा के उन्ही हिस्सों में देखा जाता है, जो सूर्य के सीधे संपर्क में होते हैं जैसे सिर, चेहरा और गर्दन आदि।
विशेषज्ञों के मुताबिक सूर्य के प्रकाश में मौजूद पराबैंगनी (यूवी) किरणों के संपर्क में लंबे समय तक रहने के कारण बेसल सेल कार्सिनोमा की समस्या हो सकती है। धूप से बचकर और सनस्क्रीन का उपयोग करके बेसल सेल कार्सिनोमा की समस्या से स्वयं को सुरक्षित रखा जा सकता है।
बेसल सेल कार्सिनोमा आमतौर पर बहुत धीरे-धीरे बढ़ता है और कई वर्षों तक दिखाई नहीं देता है। कैंसर के ट्यूमर सामान्य रूप से नाक या फिर चेहरे के अन्य हिस्सों में हल्के उभार के रूप में विकसित होते हैं। हालांकि, कुछ लोगों में ट्यूमर शरीर के अन्य हिस्सों में भी विकसित हो सकता है। जिन लोगों की त्वचा गोरी होती है उन्हें बेसल सेल कार्सिनोमा का खतरा अधिक होता है। इस लेख में हम बेसल सेल कार्सिनोमा के लक्षण, कारण और इसके इलाज के बारे में जानेंगे।