बार्डे बीडल सिंड्रोम - Bardet Biedl Syndrome in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

December 14, 2020

January 30, 2024

बार्डे बीडल सिंड्रोम
बार्डे बीडल सिंड्रोम

बार्डे बीडल सिंड्रोम एक ऐसा विकार है, जो शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। इस स्थिति के संकेत और लक्षण प्रभावित व्यक्तियों में अलग-अलग हो सकते हैं। यहां तक कि अगर परिवार में एक से ज्यादा लोग इस विकार से प्रभावित हैं तो उनमें भी लक्षणों में अंतर हो सकता है।

बार्डे बीडल सिंड्रोम की मुख्य पहचान विजन लॉस यानी दृष्टि हानि है जो कि तब होता है जब आंख में मौजूद रेटिना धीरे-धीरे खराब होने लगता है। दृष्टि हानि (देखने की क्षमता में कमी) की समस्या आमतौर पर मिड चाइल्डहुड (6 से 12 साल के बीच) दौरान पता चल जाती है। इसके बाद साइड विजन पर ब्लाइंड स्पॉट विकसित होने लगते हैं। 

आंखों के पिछले हिस्से में रेटिना होती है, यह मस्तिष्क को उन चीजों के बारे में जानकारी भेजती है, जो भी आपकी आंखें देखती हैं। प्रत्येक व्यक्ति के रेटिना में एक ऐसा स्पॉट होता है, जो कि ऑप्टिक तंत्र से जुड़ा होता है। इस हिस्से में रोशनी के प्रति संवेदनशील कोशिकाएं नहीं होती हैं, इसलिए रेटिना का यह हिस्सा कुछ नहीं देख सकता है। इस हिस्से को ब्लाइंड स्पॉट कहा जाता है।

समय के साथ, ये ब्लाइंड स्पॉट बड़े होते जाते हैं, जिससे देखने की क्षमता में कमी आने लगती है। बार्डे बीडल सिंड्रोम से ग्रस्त अधिकांश लोगों को सामने की तरफ धुंधला दिखने लगता है और किशोरावस्था या वयस्कता की शुरुआत तक पूरी तरह से अंधेपन का शिकार हो सकते हैं।

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बार्डे बीडल सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं? - Bardet Biedl Syndrome ke Symptoms in Hindi

विजन लॉस के अलावा बार्डे बीडल सिंड्रोम के मुख्य लक्षणों में मोटापा शामिल है। असामान्य रूप से वजन बढ़ना आमतौर पर बचपन में शुरू होता है और जीवनभर जारी रहता है। मोटापे की जटिलताओं में टाइप 2 डायबिटीज, हाई बीपी और असामान्य रूप से कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना शामिल है।

बार्डे बीडल सिंड्रोम के अन्य संकेत और लक्षणों में शामिल हैं -

  • हाथ या पैर में अतिरिक्त उंगलियां (पॉलीडेक्टीली)
  • मानसिक मंदता (इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी) (जैसे सीखने, प्रॉब्लम को सॉल्व करने या निर्णय लेने में कठिनाई)
  • जननांगों से जुड़ी असामान्यताएं

बार्डे बीडल सिंड्रोम से ग्रस्त ज्यादातर पुरुषों में सेक्स हार्मोन (हाइपोगोनैडिज्म) की मात्रा में कमी आ जाती है जिस वजह से वे जैविक रूप से पिता नहीं बन सकते हैं। इसके अलावा कई लोगों में किडनी से जुड़ी असामान्यताएं भी हो सकती हैं, जो गंभीर या जानलेवा हो सकती हैं।

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बार्डे बीडल सिंड्रोम का कारण क्या है? - Bardet Biedl Syndrome ke Causes in Hindi

बार्डे बीडल सिंड्रोम के कारणों में 20 से अधिक ऐसे जीनों की पहचान की गई है जिनमें गड़बड़ी (म्यूटेशन) की वजह से बीबीएस की समस्या हो सकती है, इनमें से कुछ इस प्रकार हैं।

BBS1, BBS2, ARL6 (BBS3), BBS4, BBS5, MKKS (BBS6), BBS7, TTC8 (BBS8), BBS9, BBS10, TRIM32 (BBS11), BBS12, MKS1 (BBS13), CEP290 (BBS14 और WS14), WDPCP (BBS15), SDCCAG8 (BBS16), LZTFL1 (BBS17), BBIP1 (BBS18), IFT27 (BBS19), IFT72 (BBS20), और C8ORF37 (BBS21)।

बार्डे बीडल सिंड्रोम कैसे होता है? - Is Bardet-Biedl Syndrome Hereditary in Hindi

बार्डे बीडल सिंड्रोम ऑटोसोमल रिसेसिव पैटर्न में अगली पीढ़ी में पारित होता है, जिसका मतलब है कि आपको अपने माता-पिता दोनों से जीन की खराब प्रतियां मिली है।

यदि किसी व्यक्ति में जीन की एक प्रति खराब और एक सामान्य है तो ऐसे व्यक्ति को कैरियर कहते हैं, यह अंग्रेजी का शब्द है, जिसका यहां मतलब है कि उस व्यक्ति में बीमारी के कोई लक्षण विकसि​त नहीं होंगे।

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बार्डे बीडल सिंड्रोम का निदान कैसे किया जाता है? - Bardet Biedl Syndrome Diagnosis in Hindi

किसी भी आनुवंशिक या दुर्लभ बीमारी के लिए निदान करना अक्सर चुनौतीपूर्ण हो सकता है। डॉक्टर आमतौर पर बार्डे बीडल सिंड्रोम का निदान करने के लिए किसी पीड़ित की मेडिकल हिस्ट्री (चिकित्सक द्वारा पिछली बीमारियों व उनके इलाज से जुड़े प्रश्न पूछना), लक्षण, फिजिकल टेस्ट और लैब टेस्ट के परिणामों को देखते हैं। इसके अलावा जेनेटिक टेस्टिंग रजिस्ट्री (जीटीआर) के जरिये हमें जेनेटिक टेस्ट से संबंधित जानकारी मिल सकती है।

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बार्डे बीडल सिंड्रोम का इलाज कैसे किया जाता है? - Bardet Biedl Syndrome Treatment in Hindi

बार्डे बीडल सिंड्रोम का उपचार नहीं है, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति में लक्षणों का प्रबंधन किया जा सकता है। उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति को मोटापे की समस्या है तो वह आहार, व्यायाम और व्यवहार संबंधी थेरेपी की मदद ले सकता है। बीबीएस से जुड़ी कुछ शारीरिक असामान्यताएं जैसे अतिरिक्त उंगलियां, जननांग संबंधी परेशानियां और जन्मजात हृदय दोष को ठीक करने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। जिन लोगों में किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी है उनमें किडनी ट्रांसप्लांटेशन किया जा सकता है।