निल शुक्राणु को मेडिकल भाषा में एजुस्पर्मिया कहा जाता है। बांझपन के शिकार पुरुषों में लगभग पांच प्रतिशत लोग एजुस्पर्मिया यानि निल शुक्राणु से ग्रस्त होते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति के स्खलन के दौरान निकाले गए वीर्य में शुक्राणु पूरी तरह से अनुपस्थित होते हैं या इतनी कम मात्रा में उपस्थित होते हैं कि उनका पता ही ना लगाया जा सके। निल शुक्राणु के दौरान ऐसा कोई विशेष लक्षण विकसित नहीं होता है, जिससे स्थिति का पता चल सके। हालांकि अगर आप पिछले एक साल से लगातार अपने पार्टनर को गर्भवती करने की कोशिश कर रहे हैं और सफल नहीं हो पा रहे हैं, तो ऐसे में हो सकता है कि आपको निल शुक्राणु की समस्या हो।
एजुस्पर्मिया का इलाज संभव है, जिसकी मदद से निल शुक्राणु से ग्रस्त व्यक्ति अपने पार्टनर को गर्भवती करने में सक्षम हो जाता है। एजुस्पर्मिया के लिए विभिन्न एडवांस ट्रीटमेंट उपलब्ध है, जो स्थिति के प्रकार के अनुसार उसका इलाज करते हैं।
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