एस्फिक्सिएटिंग थोरैसिक डिस्ट्रोफी को 'Jeune syndrome' के नाम से जाना जाता है, जो कि हड्डी के विकास से जुड़ा एक वंशानुगत डिसऑर्डर है। इसमें छाती की बनावट अत्यधिक संकीर्ण होने की वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है। यही वजह है कि इसे जानलेवा स्थिति समझा जा सकता है। ऐसे में बच्चे केवल शैशवावस्था या बाल्यावस्था में ही जीवित रह सकते हैं। हालांकि, जो बच्चे शुरुआती कुछ वर्ष संघर्ष कर ले जाते हैं, उनमें समय के साथ स्थिति में सुधार हो सकता है।
इस बीमारी से ग्रस्त कुछ बच्चों में शरीरिक बनावट अत्यधिक गंभीर नहीं होती है। ऐसे में सांस लेने से जुड़ी हल्की समस्याएं हो सकती हैं जैसे तेज सांस लेना, सांस लेने में कठिनाई इत्यादि। ऐसे बच्चे युवावस्था तक जीवित रहने में सक्षम हो सकते हैं।