एशरमैन सिंड्रोम क्या है?
गर्भाशय में स्कार टिश्यू के बनने को एशरमैन सिंड्रोम कहा जाता है। यह ज़्यादातर सर्जरी या डीनसी के बाद होता है। यह समस्या अक्सर गर्भाशय की सर्जरी के बाद होती है। कुछ गंभीर मामलों में, गर्भाशय की सामने व पीछे की पूरी दीवार एक साथ जुड़ जाती है। सामान्य मामलों में, गर्भाशय के छोटे हिस्सों में परतों के इस तरह चिपकने की स्थिति देखी जा सकती है।
एशरमैन सिंड्रोम के लक्षण
अधिकांश महिलाएं जो एशरमैन सिंड्रोम से ग्रस्त हैं, उनमें मासिक धर्म बहुत कम या फिर बिलकुल नहीं आता है। कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान दर्द तो होता है, लेकिन ब्लीडिंग नहीं होती है। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपको मासिक धर्म तो आ रहे हैं, लेकिन स्कार टिश्यू की वजह से गर्भाशय से खून के बाहर निकलने का रास्ता ब्लॉक हो गया है। यदि किसी महिला के पीरियड्स अनियमित या बिलकुल नहीं आते हैं, तो इसकी और कई वजह हो सकती हैं, जैसे:
- गर्भावस्था
- तनाव
- अचानक वजन कम होना
- मोटापा
- अधिक व्यायाम करना
- गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग (और पढ़ें - आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों के नुकसान)
- रजोनिवृत्ति
- पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम
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एशरमैन सिंड्रोम के कारण
- एशरमैन सिंड्रोम एक दुर्लभ विकार है। इंटरनेशनल एशरमैन एसोसिएशन के अनुसार, एशरमैन सिंड्रोम के सभी मामलों में से लगभग 90 प्रतिशत में, यह उन महिलाओं को प्रभावित करता है, जिन्होंने कभी न कभी डिलाटेशन और क्योरटेज प्रक्रियाएं (गर्भाशय के अंदर से ऊतक निकालने की एक प्रक्रिया) करवाई हैं।
- गंभीर पेल्विक संक्रमण (पेट और जांघों के बीच का हिस्सा) भी एशरमैन सिंड्रोम का कारण हो सकता है। ये इंफेक्शन बिना किसी सर्जरी से हुआ हो।
- टीबी या सिस्टोसोमियासिस के संक्रमण के बाद गर्भाशय गुहा में परतों के आपस में चिपकने से भी एशरमैन सिंड्रोम हो सकता है।
एशरमैन सिंड्रोम का इलाज
- गर्भाशय की सामने व पीछे की परत का एक साथ मिलना या ऊतकों को काटने एवं निकालने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है। कई बार हिस्टेरोस्कोपी (एंडोस्कोपी द्वारा गर्भाशय गुहा का निरीक्षण करने की प्रक्रिया) के साथ ऐसा किया जा सकता है।
- सर्जरी के बाद, गर्भाशय की परतों को दोबारा से जुड़ने से रोकने के लिए गर्भाशय गुहा को खुला छोड़ दिया जाता है।
- इसके अलावा डॉक्टर कुछ दिनों के लिए गर्भाशय के अंदर एक छोटा गुब्बारा लगा सकते हैं। गर्भाशय की लाइनिंग के ठीक होने के दौरान एस्ट्रोजेन लेने की भी आवश्यकता हो सकती है।
- संक्रमण होने पर एंटीबायोटिक्स लेना फायदेमंद साबित हो सकता है।
इस प्रक्रिया के बाद संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक और गर्भाशय की परत की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए एस्ट्रोजन की गोलियों का सेवन करने की सलाह दी जा सकती है।