ऑर्कनॉइडिटिस क्या है?
ऑर्कनॉइडिटिस रीढ़ की हड्डी में होने वाली एक दर्दनाक स्थिति है। मेनिन्जेस (दिमाग और रीढ़ की हड्डी को ढकने वाली सुरक्षा परतें) की मध्य परत (ऑर्कनॉइड) में सूजन को ऑर्कनॉइडिटिस कहते हैं। मेनिन्जेस संयोजी ऊतक हैं, जो मुख्य रूप से कोलेजन और इलास्टिन से बने होते हैं। चोट, ट्रॉमा, ट्यूमर या संक्रमण की वजह से ऑर्कनॉइड लेयर के किसी भी हिस्से में सूजन आ सकती है। जेनेटिक और ऑटोइम्यून विकारों को ऑर्कनॉइड लेयर के प्रभावित होने का कारण माना जाता है।
ऑर्कनॉइडिटिस के लक्षण
कई लोगों में ऑर्कनॉइडिटिस पीठ के निचले हिस्से व पैरों से जुड़ी नसों को प्रभावित करता है। इस बीमारी का सबसे आम लक्षण दर्द है, लेकिन ऑर्कनॉइडिटिस की वजह से निम्न लक्षण भी दिख सकते हैं:
- पैरों में झुनझुनी, सुन्न होना या कमजोरी
- पीठ पर चींटियां चलने जैसा महसूस होना
- बहुत तेज दर्द होना, जो बिजली के झटके की तरह हो सकता है
- मांसपेशियों में ऐंठन व फड़कना
- मूत्राशय, आंत और यौन समस्याएं
- दुर्बलता
- चलने में परेशानी
- तेज सिरदर्द
- देखने में परेशानी
- सुनने में परेशानी
- चक्कर आना
- जी मतली
- मूत्राशय या मल त्याग करने में दिक्कत
- नींद न आना
- थकान
- जोड़ों का दर्द
- संतुलन बनाने में दिक्कत
- यौन रोग
- अवसाद
- कानों में घंटी बजना (टिनिटस)
- सामान्य रूप से पसीना निकलने में असमर्थता
ऑर्कनॉइडिटिस का कारण
अक्सर रीढ़ की हड्डी की सर्जरी, चोट या एपिड्यूरल इंजेक्शन (रीढ़, पैर और हाथ में दर्द या सूजन से अस्थायी या स्थायी रूप से राहत देने वाला इंजेक्शन) लेने के बाद ऑर्कनॉइडिटिस शुरू होता है। यह इंजेक्शन निम्न कारणों से दिया जा सकता है:
- एपिड्यूरल स्टेरॉयड इंजेक्शन डिस्क से जुड़ी समस्याओं व पीठ दर्द के कारणों का इलाज करने के लिए लगाया जाता है
- एपिड्यूरल एनेस्थीसिया, जिसका अक्सर उपयोग प्रसव के दौरान किया जाता है।
- कीमोथेरेपी दवाइयां जैसे कि मेथोट्रेक्सेट (ट्रेक्साल) जिसे रीढ़ की हड्डी में इंजेक्ट किया जाता है
- रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के दौरान चोट या कोई जटिलता आना
- रीढ़ की हड्डी में चोट लगना
- चोट या सर्जरी के कारण रीढ़ की हड्डी में ब्लीडिंग होना
- स्पाइनल टैप, एक ऐसा टेस्ट है जिसमें संक्रमण, कैंसर और अन्य तंत्रिका तंत्र से जुड़ी स्थितियों की जांच के लिए रीढ़ की हड्डी से मस्तिष्कमेरु द्रव (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में पाया जाने वाला एक साफ, रंगहीन तरल पदार्थ) का सैंपल निकाला जाता है
- डिस्क प्रोलैप्स, यह तब होता है जब रीढ़ की हड्डी की डिस्क का अंदरूनी हिस्सा बाहर निकलने लगता है
- मेनिनजाइटिस (दिमागी बुखार), वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण है जिसके कारण मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आसपास की झिल्लियों में सूजन आ जाती है
- टीबी जो कि बैक्टीरियल संक्रमण है। ये फेफड़ों, मस्तिष्क और रीढ़ को प्रभावित कर सकता है
ऑर्कनॉइडिटिस का इलाज
ऑर्कनॉइडिटिस का अब तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है। लंबे समय से दर्द से जुड़ी स्थितियों में जो इलाज दिया जाता है, वही विकल्प ऑर्कनॉइडिटिस में भी अपनाए जा सकते हैं। ज्यादातर उपचार, दर्द से राहत देने और रोजमर्रा के कामों में बाधा पैदा करने वाले लक्षणों को ठीक करने पर केंद्रित हैं।
अक्सर, डॉक्टर ऐसी थेरेपी लेने की सलाह देते हैं जिसमें दर्द को नियंत्रित करने, फिजियोथेरेपी, एक्सरसाइज और मनोचिकित्सा शामिल हो। ऑर्कनॉइडिटिस में सर्जरी करवाना ज्यादा फायदेमंद नहीं माना जाता है क्योंकि कई बार सर्जरी के परिणाम प्रभावी नहीं होते हैं और मरीज को केवल कुछ समय के लिए ही राहत मिलती है। इस स्थिति में स्टेरॉयड इंजेक्शन के प्रभावी होने को लेकर क्लीनिकल टेस्ट किए जाने की जरूरत है।