अप्रेक्सिया क्या है?
अप्रेक्सिया एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति (नसों से संबंधित) है। इस बीमारी से ग्रस्त होने पर व्यक्ति की मांसपेशियां तो नॉर्मल रहती हैं लेकिन मोटर मूवमेंट्स (मांसपेशीय गतिविधियां) करने में दिक्कत आती है। अप्रेक्सिया मस्तिष्क के साथ-साथ तंत्रिका तंत्र से जुड़ा विकार है जिसमें व्यक्ति को दूसरों के बोलने पर कोई काम या गतिविधि करने में दिक्कत आती है, जैसे कि अनुरोध या आदेश को समझने, कार्य करने के लिए तैयार होने और उस काम को करने के तरीके के बारे में जानकारी होने पर भी वह व्यक्ति कार्य नहीं कर पाता है। एप्रेक्सिया के हल्के मामलों को डिस्प्रेक्सिया के रूप में जाना जाता है।
अप्रेक्सिया के प्रकार
अप्रेक्सिया कई प्रकार का हो सकता है जिनमें से एक प्रकार है ओरोफेशियल अप्रेक्सिया है। इसमें व्यक्ति इच्छा होने पर भी चेहरे की मांसपेशियों से जुड़ी कुछ गतिविधियां नहीं कर पाता है। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि उन्हें अपने होठों को दबाने या एक आंख बंद करने में दिक्कत आए। इसके अलावा एक अन्य प्रकार के अप्रेक्सिया में व्यक्ति की हाथ और पैर को हिलाने की क्षमता प्रभावित होती है। स्पीच अप्रेक्सिया होने पर व्यक्ति को बोलने के लिए अपना मुंह चलाने और जीभ हिलाने में परेशानी आती है। ऐसा तब होता है जब व्यक्ति बोलना चाहता है और उसके मुंह एवं जीभ की मांसपेशियां भी शब्दों के उच्चारण के लिए ठीक होती हैं।
अप्रेक्सिया के लक्षण
अप्रेक्सिया से ग्रस्त व्यक्ति एक साथ मांसपेशीय गतिविधियां (मसल्स मूवमेंट्स) नहीं कर पाता है। इसके लक्षणों में निम्न शामिल हैं:
- व्यक्ति को सही क्रम में शब्दों का इस्तेमाल करने में कठिनाई होती है
- शब्द का सही उच्चारण करने में दिक्कत
- लंबे शब्दों को बोलने में हमेशा या कभी-कभी परेशानी आना
- बिना किसी समस्या के रोज बोले जाने वाले वाक्यों (जैसे आप कैसे हैं) को बोल पाना
- बोलने से ज्यादा लिखने में सहज होना
- बोलने के लिए शब्द न मिल पाना
- व्याकरण संबंधी समस्याएं
- मोटर स्किल्स (आंखों से हाथों का तालमेल) और तालमेल बैठाने में समस्या
- चबाने और निगलने में कठिनाई
अप्रेक्सिया के कारण
मस्तिष्क का वह हिस्सा जो बोलने की क्षमता को नियंत्रित करता है, उसके क्षतिग्रस्त होने पर अप्रेक्सिया की समस्या हो सकती है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे सिर की चोट, ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन ट्यूमर।
हालांकि, बच्चों में स्पीच अप्रेक्सिया के सटीक कारण के बारे में विशेषज्ञों को अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि मस्तिष्क और बोलने में इस्तेमाल होने वाली मांसपेशियों के बीच संकेत बाधित होने पर अप्रेक्सिया हो सकता है।
फिलहाल इस विषय पर शोध जारी हैं और इस बात पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है कि क्या 'मस्तिष्क से जुड़ी असामान्यताएं' इस बीमारी का कारण बन सकती हैं। कुछ अन्य शोध अप्रेक्सिया के आनुवांशिक (जेनेटिक) कारणों के बारे में पता लगाने में लगे हुए हैं। जबकि कुछ अध्ययन यह पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि मस्तिष्क का कौन-सा हिस्सा इस स्थिति से जुड़ा हो सकता है।
अप्रेक्सिया का इलाज
मरीज को मूवमेंट करने में मदद कर और स्पीच थेरेपी से अप्रेक्सिया में बहुत मदद मिलती है। इसमें मरीज के परिवार का कोई सदस्य भी सहायता कर सकता है। उपचार के दौरान चिकित्सक इन बातों पर ध्यान दे सकते हैं:
- मुंह की मांसपेशियों (माउथ मूवमेंट्स) को ठीक करने के लिए साउंड को दोहराना
- धीरे-धीरे बुलवाना
- बातचीत करने के लिए विभिन्न तकनीकें सिखाना
अप्रेक्सिया से ग्रस्त लोगों में अवसाद का इलाज और निदान करना बहुत जरूरी है। इस स्थिति में दोस्त और परिवार के सदस्य निम्न तरीके से मदद कर सकते हैं:
- प्रभावित व्यक्ति को मुश्किल निर्देश देने से बचें
- गलतफहमी से बचने के लिए सरल वाक्यों का उपयोग करें
- सामान्य स्वर में बोलें
- ऐसा न मान लें कि मरीज को आपकी बात समझ आ गई है
मरीज और उसके परिवार दोनों के लिए ही यह स्थिति बहुत मुश्किल होती है। अगर आपमें अप्रेक्सिया के लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और इलाज शुरू करवाएं।