एंजायटी अटैक - Anxiety Attack in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

March 02, 2022

June 14, 2023

एंजायटी अटैक
एंजायटी अटैक

जब तनाव के प्रति शरीर प्राकृतिक तौर पर रिएक्ट करता है, तो उसे एंजायटी कहा जाता है. यह आने वाले समय के बारे में डर की भावना है, जैसे स्कूल का पहले दिन या नौकरी के लिए इन्टरव्यू देने से डर महसूस होना आदि एंजायटी ही है. वहीं, एंजायटी अटैक अचानक होता है. इसका शिकार व्यक्ति जरूर से ज्यादा डरने लगता है. एंजायटी अटैक को इलाज के जरिए ठीक किया जा सकता है.

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आज इस लेख में हम जानेंगे कि एंजायटी अटैक क्या होता है, इसके लक्षण, कारण और इलाज क्या-क्या हैं -

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क्या होता है एंजायटी अटैक? - What is Anxiety Attack in Hindi

एंजायटी अटैक अचानक होता है, जिसमें व्यक्ति को बहुत ज्यादा डर और चिंता होने लगती है. एंजायटी अटैक कई बार बिना किसी कारण के होता है, लेकिन इन्हें खास ट्रिगर से भी जोड़ा जा सकता है. एंजायटी अटैक कोई क्लीनिकल टर्म नहीं है. इसका इस्तेमाल लोगों द्वारा चिंतित रिस्पॉन्स के बारे में बताने के लिए आम बोलचाल की भाषा में किया जाता है.

इस टर्म का इस्तेमाल कई तरह के सेन्सेशन को बताने के लिए किया जाता है, जैसे होने वाली किसी घटना के लिए परेशान होना, जिससे पैनिक अटैक की स्थिति हो सकती है. एंजायटी अटैक को समझने के लिए उस संदर्भ को समझना भी जरूरी है, जिसमें वे लक्षण होते हैं.

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एंजायटी अटैक के लक्षण - Anxiety Attack Symptoms in Hindi

एंजायटी अटैक के लक्षण सबके लिए अलग-अलग होते हैं. कुछ लोगों को एंजायटी अटैक के हल्के लक्षणों का अनुभव होता है, तो कुछ को ज्यादा गहरे लक्षण महसूस होते हैं. नीचे एंजायटी अटैक के लक्षणों के बारे में बताया गया है -

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एंजायटी अटैक के कारण - Anxiety Attack Causes in Hindi

एंजायटी अटैक के सटीक कारणों के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है, लेकिन यह जरूर है कि एंजायटी अटैक आने में कई कारक भूमिका निभाते हैं. एंजायटी अटैक एंजायटी डिसऑर्डर, होने वाले खतरे या अन्य स्थितियों से शुरू हो सकता है. आइए, विस्तार से एंजायटी अटैक के कारणों के बारे में जानते हैं -

एंजायटी डिसऑर्डर

कुछ एंजायटी डिसऑर्डर एंजायटी अटैक के कारण बन सकते हैं. इन सब लक्षणों का अलग सेट होता है. इन कन्डिशन के अलग-अलग कारण हो सकते हैं या ये कुछ खास परिस्थितियों से ट्रिगर हो सकते हैं. इनके बारे में नीचे बताया गया है -

  • जनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर - यह स्थिति बिना किसी खास कारण के गैर यथार्थवादी और ज्यादा चिंता करने से हो सकती है.
  • ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर - इस स्थिति में इन्ट्रूसिव ऑब्सेशन यानी जबरन का जुनून और कुछ मजबूरियां शामिल होती हैं , जिन्हें कंट्रोल करना मुश्किल रहता है और इससे डिस्ट्रेस पैदा होता है.
  • पैनिक डिसऑर्डर - बिना किसी चेतावनी के आने वाले पैनिक अटैक से यह स्थिति पैदा होती है.

सोशल एंजायटी डिसऑर्डर

जरूरत से ज्यादा सेल्फ कॉन्शस होना और सामाजिक स्थितियों का डर इस डिसऑर्डर का कारण बनता है.

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स्पेसिफिक फोबिया

इस तरह का फोबिया किसी खास चीज या स्थिति के प्रति तेज और बहुत ज्यादा डर से पैदा होता है.

अनजाना डर

एंजायटी किसी अनजाने डर की वजह से भी हो सकती है, जैसे - सड़क पर अकेले चलते हुए अजीब-सा महसूस होना. इस तरह का एंजायटी अटैक उस आशंका से जुड़ा है कि आगे खतरा हो सकता है.

यह एंजायटी किसी जाने हुए या खास डर का रिजल्ट नहीं है, बल्कि दिमाग से उपजा आशंकित खतरा है, जो उस खास स्थिति का रिजल्ट है. ये लक्षण नॉर्मल हैं और कई बार लाभदायक भी. व्यक्ति ज्यादा सावधानी बरतने लगता है, जो सही भी है.

खास स्थितियां

कई बार एंजायटी अटैक नॉर्मल रिएक्शन होता है, जो जिंदगी के अनुभव की वजह से होते हैं और लोगों को चिंतित कर देते हैं. इन अनुभवों में पेरेंट बनना, नौकरी बदलना, बीमार होना, आर्थिक चिंता, किसी अपने की मृत्यु, तलाक होना, शादी होना, पेरेंटिंग, भीड़ में बोलना, रिश्ते में दरार, स्कूल की परीक्षा देना काम संबंधित तनाव.
इस तरह की स्थितियों में नॉर्मल एंजायटी फायदेमंद से लेकर एंजायटी अटैक भी हो सकती है. यह एंजायटी अस्थायी हो सकती है, लेकिन खास स्थितियों में व्यक्ति की क्षमता में हस्तक्षेप कर सकती है.

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एंजायटी अटैक का इलाज - Anxiety Attack Treatment in Hindi

एंजायटी अटैक के इलाज उपलब्ध हैं. इन ट्रीटमेंट की मदद से एंजायटी डिसऑर्डर के साथ ही एंजायटी अटैक को भी ठीक करने में मदद मिलती है. एंजायटी अटैक के इलाज के तौर पर साइकोथेरेपी, दवाइयां और लाइफस्टाइल में बदलाव लाने की जरूरत पड़ती है. आइए, विस्तार से एंजायटी अटैक के इलाज के बारे में जानते हैं -

साइकोथेरेपी

साइकोथेरेपी एंजायटी के साथ महसूस होने वाले विचारों, भावनाओं और व्यवहार को बदलने पर फोकस करती है. यूं तो कई तरह की साइकोथेरेपी हैं, लेकिन दो तरह का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है, जो इस प्रकार है -

  • कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी​ - कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी में ऑटोमैटिक नकारात्मक विचारों को पहचाना जाता है, जो एंजायटी की भावनाओं से जुड़े होते हैं. एक बार इनकी पहचान हो जाती है, तो लोग इन विचारों को चुनौती देना और बदलना सीख जाते हैं.
  • एक्सपोजर थेरेपी - एक्सपोजर थेरेपी कुछ खास तरह की एंजायटी के इलाज में प्रभावशाली है, खासकर कुछ तरह के फोबिया में. लोगों को रिलैक्सेशन तकनीक का अभ्यास कराते हुए डराने वाली चीज या स्थिति से एक्सपोज किया जाता है. अंततः उनका डर धीरे-धीरे कम होता जाता है.

दवाइयां

बेंजोडाइजेपाइन, खास सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर, नोरएपिनेफ्रीन रीपटेक इनहिबिटर जैसी दवाइयों की मदद से भी एंजायटी अटैक के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है.

लाइफस्टाइल में बदलाव

एंजायटी अटैक से छुटकारा पाने में लाइफस्टाइल में बदलाव भी सहायक साबित हो सकते हैं. इनमें निम्न तरीके शामिल हैं - 

  • पर्याप्त नींद - मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी है पर्याप्त मात्रा में गहरी नींद लेना. नींद में कमी की वजह से कई बार एंजायटी अटैक भी आ सकता है.
  • गहरी सांस लेना - एंजायटी अटैक की स्थिति में सही तरह से सांस नहीं लेने से हार्ट रेट बढ़ सकता है और शांत रहने में दिक्कत हो सकती है. इसलिए, हार्ट रेट को कंट्रोल में रखने और एंजायटी अटैक को दूर भगाने के लिए गहरी सांस लेने से फायदा पहुंचता है.
  • मेडिटेशन - सांस पर ध्यान देने और उस पल में बने रहने के लिए मेडिटेशन एक शानदार तरीका है. एंजाइटी के लक्षणों को कम करने में मेडिटेशन तकनीक काम आती है. इसकी शुरुआत रोजाना 10 मिनट के अभ्यास से की जा सकती है. व्यक्ति चाहे तो मेडिटेशन के लिए किसी ऐप या कोच की मदद भी ले सकता है.
  • नियमित एक्सरसाइज - एक्सरसाइज करने से न सिर्फ शारीरिक तौर पर व्यक्ति को मजबूती मिलती है, बल्कि उसका मानसिक स्वास्थ्य भी मजबूत बनता है. रिसर्च भी बताते हैं कि एंजाइटी के लक्षणों को कम करने में एक्सरसाइज एक प्रभावशाली विकल्प साबित हो सकता है.
  • सामाजिक सहयोग - मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में सामाजिक सहयोग अहम भूमिका निभाता है. एंजायटी अटैक अमूमन अलग रहने के अनुभव से पैदा होता है, ऐसे में दोस्तों और परिवार का सहयोग मददगार साबित हो सकता है. एंजायटी अटैक से बचने के लिए एंजायटी सपोर्ट ग्रुप को ज्वाइन करना भी मदद कर सकता है.

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सारांश – Summary

किसी भी व्यक्ति को एंजायटी अटैक कभी भी महसूस हो सकता है. एंजायटी अटैक अचानक होता है, जिससे व्यक्ति को बहुत डर लगने लगता है. मांसपेशियों में तनाव, नॉजिया, दिल की धड़कन में तेजी आना एंजायटी अटैक के कई लक्षणों में से कुछ हैं. अनजाना डर और खास स्थितियां एंजायटी अटैक के कारणों में से कुछ हैं. साइकोथेरेपी, दवाइयां, पर्याप्त नींद व एक्सरसाइज जैसे लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर एंजायटी अटैक का इलाज किया जा सकता है. बेहतर यही होगा कि किसी भी तरह के इलाज से पहले साइकेट्रिस्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए.



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