एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया किसी भी लिंग और उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है. एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया व्यक्ति में गंजेपन का कारण बन सकता है. आमतौर पर एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया के कारण पुरुष 20 वर्ष की उम्र में भी गंजे होने लगते हैं. वहीं, महिलाएं इसकी वजह से 40 या 50 की आयु तक गंजेपन को नोटिस करना शुरू कर सकती हैं. एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया के कारण इस प्रकार हैं -
डी हाइड्रो टेस्टोस्टेरोन (डीएचटी)
डीएचटी यानी डी हाइड्रो टेस्टोस्टेरोन पुरुष सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन से आता है. डी हाइड्रो टेस्टोस्टेरोन बालों के रोम पर हमला करता है. इससे बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं और बालों का विकास होना बंद हो जाता है. पुरुषों में महिलाओं की तुलना में टेस्टोस्टेरोन का स्तर अधिक होता है. इसलिए, पुरुषों में एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया अधिक आम माना जाता है. इसकी वजह से पुरुषों को कम उम्र में ही गंजेपन से परेशान होना पड़ सकता है.
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आनुवंशिक
अधिकतर मामलों में एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया का कारण आनुवंशिक होता है. अगर किसी के माता-पिता में इस प्रकार का गंजापन है, तो यह बच्चे में भी देखने को मिल सकता है. इतना ही नहीं अगर घर के किसी अन्य सदस्य को भी एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया है, तो यह समस्या परिवार में किसी को भी हो सकती है. ऐसे में पहले से ही अच्छी डाइट और देखभाल से इस प्रकार के गंजेपन से बचा जा सकता है.
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मेडिकल कंडीशन
पुरुषों में एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया की समस्या कई मेडिकल कंडीशन से भी जुड़ी हो सकती है. प्रोस्टेट कैंसर, डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और कोरोनरी हृदय रोग जैसी चिकित्सा स्थितियां एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया का कारण बन सकती हैं.
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पुरुषों की तरह ही महिलाओं में भी कुछ मेडिकल कंडीशन गंजेपन का कारण बन सकती हैं. इसमें पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) सबसे आम है. जो महिला पीसीओएस से जूझ रही है, उसे एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया के लक्षण महसूस हो सकते हैं. अधिक वजन, अनियमित मासिक धर्म और मुंहासे पीसीओएस के लक्षण हैं.
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जीन
कई शोधकर्ताओं का मानना है कि कई जीन भी एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया में अहम भूमिका निभाते हैं. शोधकर्ताओं ने केवल एआर जीन (AR Gene) में भिन्नता पाई है. एआर जीन एंड्रोजन रिसेप्टर नामक प्रोटीन बनाने के लिए निर्देश देता है. वहीं, एंड्रोजन रिसेप्टर्स शरीर को डी हाइड्रो टेस्टोस्टेरोन के लिए प्रतिक्रिया देता है. ऐसे में जब एआर जीन में बदलाव होता है, तो बालों के रोम में एंड्रोजन रिसेप्टर्स की गतिविधि बढ़ जाती है. इसकी वजह से पुरुषों और महिलाओं में बाल झड़ने शुरू हो सकते हैं.
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