एलेक्सीथायमिया ऐसी समस्या है जिसमें व्यक्ति को अपनी भावनाओं को समझने और व्यक्त करने में कठिनाई होती है। वैसे तो यह समस्या मानसिक है, लेकिन विशेषज्ञ इसे मानसिक विकार नहीं मानते हैं। एलेक्सीथायमिया के शिकार व्यक्ति की मनोदशा ऐसी हो जाती है कि उसके लिए रिश्तों को बनाए रखना और सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा लेना कठिन हो जाता है। जानकारों का मानना है कि एलेक्सीथायमिया पीड़ित व्यक्ति को अवसाद अथवा किसी प्रकार की अन्य मानसिक समस्याएं प्रभावित कर सकती हैं। एलेक्सीथायमिया को ऑटिज्म से भी जोड़कर देखा जाता है।
कई शोधों में पाया गया कि अमेरिका में करीब 13 फीसदी आबादी को एलेक्सीथायमिया की शिकायत होती है। महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को भावनात्मक विकार की यह समस्या अधिक होती है। इतना ही नहीं चीन के एक जेल में किए गए अध्ययन में पाया गया कि 30 फीसदी से अधिक कैदियों को एलेक्सीथायमिया की शिकायत थी।
एलेक्सीथायमिया क्या है?
एलेक्सीथायमिया की स्थिति को अभी तक अच्छी तरह से समझा नहीं जा सका है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या आनुवंशिक हो सकती है जबकि कुछ का मानना है कि चोट के कारण मस्तिष्क के इंसुला नामक हिस्से को हुई क्षति के कारण इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इंसुला मस्तिष्क का वह हिस्सा है जो भावनाओं और सामाजिक व्यवहार आदि का संचालन करता है।
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि निम्नलिखित में से एक या एक से अधिक संभावित कारणों के चलते हो एलेक्सीथायमिया सकता है। इसे शोधकर्ताओं ने ऐसी समस्या के रूप में वर्णित किया है जिसमें व्यक्ति को तमाम प्रकार की भावनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस स्थिति को किसी विकार के रूप में नहीं देखते हैं। एलेक्सीथायमिया में व्यक्ति को दूसरे लोगों की भावनाओं को समझ पाने में समस्या होती है। वृहद परिदृश्य में देखें तो यह स्थिति सामाजिक और पारस्परिक संबंधों में काफी समस्याएं पैदा कर सकती है। इस लेख में हम एलेक्सीथायमिया के लक्षण, कारण और उपाय के बारे में विस्तार से जानेंगे।