अलेक्जेंडर रोग - Alexander Disease in Hindi

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September 09, 2020

April 12, 2021

अलेक्जेंडर रोग
अलेक्जेंडर रोग

अलेक्जेंडर रोग क्या है?

अलेक्जेंडर रोग तंत्रिका तंत्र से जुड़ा बहुत ही दुर्लभ विकार है। आमतौर पर, तंत्रिका तंतु (नर्व फाइबर) एक मोटी परत से कवर होता है, जिसे माइलिन कहा जाता है। माइलिन तंत्रिका तंतुओं की रक्षा करता है और आवेगों को संचारित करने में उनकी मदद करता है। अलेक्जेंडर रोग में, माइलिन खराब हो जाता है। इसका मतलब है कि तंत्रिका आवेगों का संचरण बाधित होता जाता है, जिस वजह से तंत्रिका तंत्र से संबंधित कार्यों में परेशानी होने लगती है।

मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट करने वाली विशेष कोशिकाओं में असामान्य प्रोटीन जमा होता है, जो अलेक्जेंडर रोग वाले लोगों में भी पाया जाता है।

अलेक्जेंडर रोग के संकेत और लक्षण

अलेक्जेंडर रोग के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। वे काफी हद तक शुरुआती उम्र पर निर्भर करते हैं। इसके संकेतों और लक्षणों में शामिल हैं :

इस बीमारी के लक्षणों की गंभीरता अलग अलग हो सकती है।

अलेक्जेंडर रोग का कारण

अलेक्जेंडर रोग के करीब 95 प्रतिशत मामले जीएफएपी नामक जीन में गड़गड़ी के कारण होते हैं, जबकि अन्य 5 प्रतिशत मामलों का कारण ज्ञात नहीं है। जीएफएपी जीन 'ग्लिअल फाइब्रिलरी एसिडिक प्रोटीन' बनाने का निर्देश देता है। इस प्रोटीन के कई अणु मध्यवर्ती तंतुओं को एक साथ बांधते हैं, जो कोशिकाओं की सहायता व उन्हें मजबूती देते हैं।

बता दें, जीएफएपी नामक जीन कोशिका संरचना के विकास के लिए जरूरी है, लेकिन स्वास्थ्य और बीमारी को लेकर इस जीन की विशिष्ट भूमिका को समझने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है।

विज्ञानिकों का मानना है कि यह जीन वंशानुगत नहीं लगता है, इसके बजाय यह रैम्डमली (किसी निश्चित समय या निश्चित पैटर्न के अनुसार नहीं) लोगों को प्रभावित करता है। हालांकि, परिवार के अन्य सदस्यों को भी अलेक्जेंडर रोग होने के कुछ मामले सामने आ चुके हैं।

अलेक्जेंडर रोग का निदान

डॉक्टर अक्सर लक्षणों के आधार पर अलेक्जेंडर रोग का निदान करते हैं। वे 'जेनेटिक टेस्टिंग' यानी आनुवंशिक परीक्षण के लिए खून का नमूना लेकर जांच कर सकते हैं। जेनेटिक टेस्ट एक प्रकार का मेडिकल टेस्ट है, जो क्रोमोसोम, जीन या प्रोटीन में बदलाव या गड़बड़ी की पहचान करता है।

वर्तमान में, 1000 से ज्यादा जेनेटिक टेस्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है।

जेनेटिक टेस्ट के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे :

  • मॉलिकुलर जेनेटिक टेस्ट
  • क्रोमोसोम जेनेटिक टेस्ट
  • बायोकेमिकल जेनेटिक टेस्ट

अलेक्जेंडर रोग का उपचार

वर्तमान में, अलेक्जेंडर रोग का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसके लक्षणों का प्रबंधन किया जा सकता है। चूंकि, स्थिति के लिए कोई थेरेपी उपलब्ध नहीं है, विशेष रूप से निम्नलिखित बातों पर ध्यान देने की जरूरत होती है :

हाइड्रोसेफालस का मतलब दिमाग में द्रव का जमाव होना है यह आमतौर पर युवा बच्चों को होता है जिसमें सिर का आकार बड़ा होना और दुर्लभ मामलों में ब्रेन डैमेज होना शामिल है। सर्जरी का उद्देश्य मस्तिष्क में से तरल पदार्थ को निकालना और दबाव को दूर करना है।

(और पढ़ें - दिमाग में पानी भर जाना)