अगर किसी चीज को चखने और उसका स्वाद लेने की आपकी क्षमता ही खो जाए तो जाहिर सी बात है कि इसकी वजह से आपके जीवन जीने की गुणवत्ता में कितना बड़ा बदलाव आ जाएगा। कल्पना करें कि अगर कभी ऐसा हो कि आप अपनी फेवरिट आइसक्रीम, राजमा डिश या फ्राइड चिकन का स्वाद ही न ले पाएं तो आपको कैसा महसूस होगा!
स्वाद लेने की क्षमता में अस्थायी रूप से या आंशिक रूप से कुछ समय के लिए नुकसान या बदलाव होने के कई कारण हो सकते हैं। उदाहरण के लिए जब आपको सर्दी-जुकाम या मध्य कान का संक्रमण होता है, तो आप चीजों का स्वाद ठीक से नहीं ले पाते और आपके मुंह का स्वाद कड़वा हो जाता है। लेकिन पूरी तरह से स्वाद लेने की क्षमता को खो देना एक दुर्लभ घटना है जिसे चिकित्सीय भाषा में एग्यूजिया (ageusia) कहते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति मीठा, नमकीन, खट्टा, कड़वा और चटपटा जैसे अलग-अलग फ्लेवर्स यानी विशिष्ट स्वाद को पहचानने की क्षमता पूरी तरह से खो देता है।
बहुत से लोग स्वाद की हानि या एग्यूजिया को कई बार सूंघने या गंध लेने की क्षमता खोना ही समझ लेते हैं। यह सच है कि एग्यूजिया और एनोस्मिया (सूंघने की क्षमता खोना) दोनों अक्सर एक साथ हो सकते हैं, लेकिन हमेशा ऐसा ही हो, ये जरूरी नहीं है। वैसे तो एग्यूजिया की समस्या किसी गंभीर बीमारी के परिणामस्वरूप हो सकती है लेकिन कई बार यह बढ़ती उम्र के साथ भी हो सकती है- जिस तरह आपकी दृष्टि (देखने की क्षमता) श्रवण (सुनने की क्षमता) या आवाज उम्र बढ़ने के साथ प्रभावित होती है, उसी प्रकार आपकी स्वाद लेने की क्षमता भी बढ़ती उम्र में कम हो सकती है।
(और पढ़ें - बढ़ती उम्र के साथ ये समस्याएं कर सकती हैं परेशान)
पोस्टग्रैजुएट मेडिकल जर्नल नाम की पत्रिका में प्रकाशित एक स्टडी की मानें तो वृद्धावस्था में रससंवेदी या स्वाद खराब होने के कई कारण हैं। इनमें से कुछ कारण निम्नलिखित हैं:
- ऊपरी श्वसन पथ संक्रमण (अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन)
- सिर में चोट
- दवाइयों के कारण भी कई बार स्वाद की क्षमता खो जाती है
- दांत गिरने के कारण चबाने में होने वाली दिक्कत
- मुंह में लार के उत्पादन में कमी
- मुंह और ग्रसनी से जुड़ी बीमारियां जैसे- कैंडिडियासिस इंफेक्शन
दिसंबर 2019 से दुनियाभर के लोगों को अपनी गिरफ्त में लेने वाली बीमारी कोविड-19 के भी अहम लक्षणों में से एक है सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता का खो जाना।