एडल्ट पॉलीग्लुकोसन बॉडी डिजीज क्या है?
एडल्ट पॉलीग्लुकोसन बॉडी डिजीज (एपीबीडी) एक दुर्लभ और आनुवांशिक विकार है। इस बीमारी में शरीर में ग्लाइकोजन-ब्रांचिंग एंजाइम (एक तरह के प्रोटीन) की कमी हो जाती है, जिसकी वजह से मांसपेशियों, नसों और शरीर के विभिन्न ऊतकों में पॉलीग्लुकोसन बॉडीज जमा हो जाते हैं। पॉलीग्लुकोसन बॉडीज बड़े आकार के शुगर से बने जटिल अणु होते हैं।
एपीबीडी विकार में केंद्रीय और परिधीय तंत्रिका तंत्र सही से कार्य नहीं कर पाता है। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी आती है जबकि केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से लेकर मांसपेशियों, ग्रंथियों, त्वचा, संवेदी अंगों और आंतरिक अंगों तक परिधीय तंत्रिका तंत्र फैला होता है। इसमें मोटर नर्व्स, सेंसरी नर्व्स और ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम की नसें शामिल हैं।
मोटर नर्व्स केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से आपके शरीर के बाहरी हिस्सों (मांसपेशियों, त्वचा, ग्रंथियों) तक संकेत पहुंचाती हैं जबकि सेंसरी नर्व्स आपके शरीर के बाहरी हिस्सों से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में सिग्नल भेजती हैं।
एडल्ट पॉलीग्लुकोसन बॉडी डिजीज के लक्षण
हर व्यक्ति में इस विकार के लक्षण और गंभीरता अलग हो सकती है। आमतौर पर, 50 से 60 वर्ष की उम्र के आसपास एपीबीडी के लक्षण दिखाई देते हैं। कई मामलों में शुरुआती संकेत न्यूरोजेनिक ब्लैडर से संबंधित हो सकते हैं। मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी या नस में किसी तरह की दिक्कत आने के कारण पेशाब न रोक पाने की समस्या से ग्रस्त व्यक्ति में मूत्राशय से संबंधित कई समस्याओं के एक साथ होने को न्यूरोजेनिक ब्लैडर कहते हैं।
कुछ मामलों में, अन्य लक्षणों से पहले ही मूत्राशय से संबंधित दिक्कतें हो सकती हैं। एपीबीडी के संकेत व लक्षण इस प्रकार हैं :
- छूने पर पैरों में कुछ महसूस न होना
- लगातार हाथों और पैरों की मांसपेशियों में कमजोरी बढ़ना
- चलने में दिक्कत
- पेशाब करने में कठिनाई
- कभी-कभी बौद्धिक क्षमता में कमी आना जैसे याद रखने, नई चीजें सीखने, ध्यान केंद्रित करने या निर्णय लेने में परेशानी या मनोभ्रंश
- ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम में कमी और/या अन्य असामान्यताएं आना
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एडल्ट पॉलीग्लुकोसन बॉडी डिजीज का कारण
जीबीई1 जीन में गड़बड़ी के कारण एपीबीडी की समस्या होती है। यह जीन ऐसे प्रोटीन बनाने के निर्देश देते हैं, जो शरीर के कई कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब इस जीन में गड़बड़ी आती है, तो प्रोटीन खराब, अपर्याप्त या न के बराबर प्रोटीन बनाने लगता है। जिस हिस्से में प्रमुख तौर पर ये बीमारी हुई है उसके अलावा यह शरीर के कई अंगों की प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है जिसमें मस्तिष्क भी शामिल है।
एडल्ट पॉलीग्लुकोसन बॉडी डिजीज का निदान
इस बीमारी का निदान टेस्ट, विशेष लक्षणों की पहचान, मरीज की मेडिकल हिस्ट्री (पहले या वर्तमान में कोई बीमारी हो) और कई तरह के विशेष परीक्षणों के आधार पर किया जाता है।
एडल्ट पॉलीग्लुकोसन बॉडी डिजीज का इलाज
वर्तमान में, एपीबीडी का कोई उपचार उपलब्ध नहीं है इसलिए इस बीमारी के लक्षणों को नियंत्रित करने पर ध्यान दिया जाता है। हर व्यक्ति के लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है। इसके उपचार में आमतौर पर मेडिकल टीम की अहम भूमिका होती है। इस टीम में न्यूरोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिस्ट, बिहेवियरल न्यूरोलॉजी स्पेशलिस्ट, फिजिकल मेडिसिन रिहैबिलिटेशन स्पेशलिस्ट, साइकोलॉजिस्ट और मेडिकल सोशल वर्कर हो सकते हैं। डॉक्टर्स इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति और उनके परिवार को कॉउंसलिंग की सलाह दे सकते हैं।
चूंकि, इस बीमारी में दैनिक जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है, ऐसे में लक्षणों की पहचान करके तुरंत डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाएं।