एडल्ट ऑनसेट स्टिल डिजीज - Adult-onset Still Disease in Hindi

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September 04, 2020

November 05, 2020

एडल्ट ऑनसेट स्टिल डिजीज
एडल्ट ऑनसेट स्टिल डिजीज

एडल्ट-ऑनसेट स्टिल डिजीज (एओएसडी)  एक प्रकार की इंफ्लामेटरी यानी सूजन से संबंधित बीमारी है जो जोड़ों, आंतरिक अंगों और शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित करती है। यह बीमारी 45 साल से कम आयु वाले लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है, हालांकि इस आयु के बाद भी कुछ लोगों में यह समस्या देखने को मिली है।

दूसरे शब्दों में एडल्ट-ऑनसेट स्टिल डिजीज, गठिया में सूजन की स्थिति को कहते हैं। इसमें जोड़ों में सूजन के साथ दर्द, बुखार और त्वचा पर चकत्ते भी पड़ जाते हैं। यह स्थिति जोड़ों को बेहद कमजोर बना देती है। कलाईयों पर इसका प्रभाव सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। इसके इलाज के लिए सूजन को कम करने वाली दवाइयां दी जाती हैं।

एडल्ट-ऑनसेट स्टिल डिजीज किन कारणों से होता है, इस बारे में अब तक बहुत स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि वायरस अथवा कई अन्य प्रकार के संक्रमण फैलाने वाले एजेंट, इसके लक्षणों को बढ़ावा दे सकते हैं। हालांकि, इस बारे में स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है।
 
इस लेख में हम एओएसडी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानेंगे।

एडल्ट-ऑनसेट स्टिल डिजीज के लक्षण - Adult-onset Still Disease Symptoms in Hindi

एडल्ट-ऑनसेट स्टिल डिजीज के ज्यादातर रोगियों में जोड़ों में सूजन के साथ दर्द, बुखार, गले में खराश और त्वचा पर दाने या चकत्ते देखने को मिलते हैं। हालांकि, इसके प्रकार और पैटर्न एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ लोगों में बीमारी के लक्षण स्वत: ही ठीक हो जाते हैं, जबकि कुछ लोगों में यह समस्या बार-बार हो सकती है। शुरुआत में निम्नलिखित में से कुछ लक्षण हो सकते हैं लेकिन बीमारी के बढ़ने के बाद लक्षण भी बढ़ते रहते हैं।

एडल्ट-ऑनसेट स्टिल डिजीज के कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं।

बुखार : आपको एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक प्रतिदिन 102 डिग्री तक का बुखार हो सकता है। दोपहर से लेकर शाम के समय तक बुखार सबसे ज्यादा हो सकता है। बुखार तेज और कम होता रह सकता है।

चकत्ते या दाने : बुखार के साथ-साथ त्वचा पर हल्के गुलाबी रंग के चकत्ते या दाने भी दिखाई दे सकते हैं। बुखार खत्म होने के बाद आमतौर पर दाने भी खुद ही खत्म हो जाते हैं।

गले में खराश : एडल्ट-ऑनसेट स्टिल डिजीज के सबसे आम लक्षणों में से एक है गले में खराश होना। इस दौरान आपके गर्दन में लिम्फ नोड्स सूजे हुए मालूम हो सकते हैं।

जोड़ों में दर्द और सूजन : आपके जोड़ों, विशेष रूप से घुटनों और कलाइयों में कठोरता, दर्द और सूजन महसूस हो सकती है। इनके अलावा टखने, कोहनी, हाथ और कंधों में भी दर्द हो सकता है। जोड़ों की यह समस्या कम से कम दो सप्ताह तक रह सकती है।

मांसपेशियों में दर्द : मांसपेशियों में दर्द आमतौर पर बुखार के साथ खत्म हो जाता है। दर्द के कारण आपकी दैनिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं।

उपरोक्त लक्षणों के अलावा कुछ लोगों को निम्न समस्याएं भी हो सकती हैं।

  • पेट में दर्द और सूजन
  • गहरी सांस लेते समय दर्द
  • ग्रंथियों में सूजन (लिम्फ नोड्स)
  • वजन का कम होना।

उपरोक्त लक्षणों के नजर आते ही चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। यदि आपको पहले से ही सांस लेने में तकलीफ की शिकायत है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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एडल्ट-ऑनसेट स्टिल डिजीज के कारण - Adult-Onset Still's Disease causes in hindi

एडल्ट-ऑनसेट स्टिल डिजीज किन कारणों से होता है यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। कुछ शोधकर्ताओं को संदेह है कि यह स्थिति किसी वायरल या जीवाणु संक्रमण के कारण उत्पन्न हो सकती है। विशेषज्ञों के अब तक किए गए अध्यन के अनुसार 15 से 25 वर्ष और 36 से 46 वर्ष के बीच एओएसडी का खतरा सबसे अधिक रहता है। यह बीमारी महिलाओं और पुरुषों दोनों को हो सकती है।

एडल्ट-ऑनसेट स्टिल डिजीज की जटिलताएं - Adult-Onset Still's Disease Complications in hindi

एडल्ट-ऑनसेट स्टिल डिजीज के कारण होने वाली जटिलताओं में अंगों और जोड़ों में लंबे समय तक रहने वाली सूजन की समस्या है। इसके अलावा निम्न समस्याएं भी हो सकती हैं।

जोड़ों के खराब होने का खतरा : लंबे समय तक रहने वाली सूजन के कारण जोड़ों के खराब हो जाने का डर रहता है। इसका सबसे ज्यादा असर घुटनों और कलाइयों पर देखने को मिलता है। कई बार इसका असर गर्दन, पैर, उंगली और कूल्हे के जोड़ पर भी देखने को मिलता है, लेकिन ऐसे मामले कम ही आते हैं।

हृदय में सूजन : एडल्ट स्टिल डिजीज के कारण से आपके हृदय के हिस्सों जैसे पेरिकार्डाइटिस और मायोकार्डाइटिस में भी सूजन हो सकती है।

फेफड़ों के आसपास तरल पदार्थ जमना : सूजन के कारण आपके फेफड़ों के आसपास बहुत अधिक मात्रा में तरल पदार्थ जमा हो सकता है, जिससे गहरी सांस लेने में मुश्किल हो सकती है।

मैक्रोफेज एक्टिवेशन सिंड्रोम : एडल्ट स्टिल की यह बीमारी दुर्लभ है। इसके कारण रक्त कोशिकाओं में कमी, ट्राइग्लिसराइड के स्तर में बहुत अधिक वृद्धि और लिवर के कार्यों में असामान्य की समस्या देखने को मिल सकती है।

एडल्ट-ऑनसेट स्टिल डिजीज का निदान - Diagnosis of Adult-Onset Still's Disease in Hindi

एओएसडी के निदान के लिए कोई विशेष परीक्षण नहीं है। यही कारण है बीमारी को जानने के लिए डॉक्टर को कई तरह के परीक्षणों की आवश्यकता होती है। इमेजिंग टेस्ट के माध्यम से बीमारी के कारण होने वाले नुकसान की जानकारी प्राप्त की जा सकती है जबकि ब्लड टेस्ट के माध्यम से उन बीमारियों के बारे में पता चलता है जिनके लक्षण भी एओएसडी की तरह ही दिखाई देते हैं।

कुछ प्रकार के कैंसर, मोनोन्यूक्लिओसिस और लाइम रोग जैसी स्थितियों में भी स्टिल डिजीज जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसे में डॉक्टर के लिए इनकी पहचान करना भी जरूरी होता है। इसके अलावा शरीर में फेरिटिन के स्तर की जांच के लिए डॉक्टर आपको खून की जांच कराने की भी सलाह दे सकते हैं। कई बार आवश्यकतानुसार छाती, यकृत और स्पलीन की जांच के लिए रेडियोलॉजी टेस्ट कराने की भी आवश्यकता हो सकती है।

यदि रोगी में गंभीर लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर मैक्रोफेज एक्टिवेशन सिंड्रोम की जांच के लिए बोन मैरो बायोप्सी टेस्ट कराने की भी सलाह दे सकते हैं।

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एडल्ट-ऑनसेट स्टिल डिजीज का इलाज - Treatment of Adult-Onset Still's Disease in Hindi

एओएसडी के शुरुआती लक्षण अक्सर गठिया के साथ विकसित होते हैं। ऐसे में डॉक्टर की पहली कोशिश गठिया के लक्षणों और प्रभावों को कम करने वाले इलाज पर होती है। इसके लिए कुछ विशेष दवाइयां दी जा सकती हैं। हालांकि, इन दवाइयों के साइड इफेक्ट्स के तौर पर आपको हाई ब्लड प्रेशर और फ्ल्यूड रेटेंशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में डॉक्टर ने दवाइयों का जो डोज बताया हो उसका वैसे ही सेवन किया जाना चाहिए। बीमारी के माइल्ड मामलों में नॉनस्टेरियोडल एंटी इंफ्लामेटरी दवाओं की आवश्यकता होती है। वहीं यदि एओएसडी क्रोनिक हो जाए तो डॉक्टर ऐसी दवाइयां दे सकते हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत कर सकें।

दवाइयों और डॉक्टरी इलाज के अलावा हल्के और नियमित व्यायाम से मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूत बनाया जा सकता है। अपने लिए सही व्यायामों के चयन के लिए किसी ​फिजियोथेरपिस्ट अथवा डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।

बीमारी से लड़ने और शरीर को मजबूती देने के लिए आपको नियमित रूप से पोषक तत्वों का सेवन करना चाहिए। आमतौर पर डॉक्टर आपको विटामिन सप्लीमेंट जैसे कैल्शियम और विटामिन डी लेने की सलाह दे सकते हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम किया जा सकता है।



संदर्भ

  1. Bruno Fautrel, Adult-onset Still disease Best Practice & Research Clinical Rheumatology, Volume 22, Issue 5, 2008, Pages 773-792
  2. Gerfaud-Valentin, M., Maucort-Boulch, D., Hot, A., Iwaz, J., Ninet, J., Durieu, I., Broussolle, C., & Sève, P. (2014). Adult-onset still disease: manifestations, treatment, outcome, and prognostic factors in 57 patients. Medicine, 93(2), 91–99
  3. Hong, D., Yang, Z., Han, S., Liang, X., Ma, K., & Zhang, X. (2014). Interleukin 1 inhibition with anakinra in adult-onset Still disease: a meta-analysis of its efficacy and safety. Drug design, development and therapy, 8, 2345–2357