परिचय
एसीएल का पूरा नाम एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट है। एसीएल उन मुख्य चार लिगामेंट्स में से एक है, जिनसे घुटना बना होता है। लिगामेंट्स जांघ की हड्डियों को स्थिर रखते हैं, जो शिन बोन के ठीक ऊपर स्थित होती हैं। एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट्स में किसी प्रकार का दबाव या खरोंच आदि आने की स्थिति को एसीएल चोट कहा जाता है। दरार छोटी हो सकती है या पूरी हड्डी में भी आ सकती है। एसीएल की चोट आमतौर पर घुटने की साइड में कोई गंभीर चोट लगने, घुटने में ज्यादा खिंचाव या मरोड़ आने के कारण होती है।
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एसीएल की चोट के लक्षणों में चोट के दौरान चटकने जैसी आवाज आना, घुटने के बल खड़ा न हो पाना और जोड़ में सूजन आदि शामिल होते हैं। एसीएल संबंधी चोट का पता लगाने के लिए डॉक्टर अक्सर एमआरआई स्कैन करते हैं। इस टेस्ट की मदद से घुटने संबंधी चोटों का भी पता लग जाता है, जैसे हड्डी या मेनिस्कस में किसी प्रकार की चोट लगना। क्योंकि एसीएल चोट के साथ अक्सर ये चोटें भी लगती हैं। एसीएल चोट के लगभग सभी मामलों में इलाज के लिए ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ती है।
वृद्ध व्यक्तियों या जो शारीरिक रूप से गतिशील नहीं है उन लोगों की चोट का इलाज कुछ प्रकार की शारीरिक थेरेपी या ब्रेसिस आदि का इस्तेमाल करके किया जाता है। एसीएल चोट से कई जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे लंबी दूरी तक चलने में कठिनाई होना या घुटने या एक टांग में ऑस्टियोआर्थराइटिस हो जाना आदि।
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