नील पड़ना (ब्रूइजिंग) एक प्रकार की चोट होती है, जो त्वचा में मौजूद छोटी-छोटी रक्त केशिकाएं क्षतिग्रस्त होने के कारण विकसित हो जाती है। इस स्थिति में ये छोटी केशिकाएं तो क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, लेकिन त्वचा की ऊपरी सतह सही अवस्था में रहती है। ब्रूइजिंग में त्वचा का रंग नीला पड़ जाता है और त्वचा को छूने पर यह हल्का भी नहीं होता है। नील आमतौर पर त्वचा के ऊपरी हिस्से पर ही पड़ते हैं, लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में ये शरीर के अंदर भी विकसित हो सकते हैं जैसे मांसपेशियों या हड्डियों में आदि। शरीर के अंदरुनी हिस्सों में पड़ने वाले नील आमतौर पर गंभीर होते हैं और अत्यधिक दर्द व सूजन पैदा करते हैं। इस गंभीर स्थिति से जल्दी ठीक होने के लिए विशेष रूप से मेडिकल देखभाल की आवश्यकता पड़ती है। दूसरी ओर त्वचा पर विकसित होने वाले सामान्य नील आमतौर पर समय के साथ अपने आप ठीक हो जाते हैं।
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