अकिलीज टेंडन रप्चर क्या है?
अकिलीज टेंडन रप्चर एक तरह की चोट है जो टांग के पिछले और निचले हिस्से को प्रभावित करती है। यह समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन यह ज्यादातर ऐसे लोगों को होती है जो खेल (जैसे दौड़ना, भागना, उछलना-कूदना) के क्षेत्र से जुड़े होते हैं। अकिलीज टेंडन एक मजबूत फाइब्रस कॉर्ड (रेशेदार तंतु) होती है, जोकि पिंडली की मांसपेशियों को आपकी एड़ी की हड्डी से जोड़ती है। अकिलीज टेंडन को ओवरस्ट्रेच (अत्यधिक खिंचाव आना) करने पर यह पूरी तरह से या फिर आंशिक रूप से फट या टूट सकती है।
अकिलीज टेंडन रप्चर के लक्षण
वैसे तो अकिलीज टेंडन रप्चर होने पर कोई संकेत या लक्षण सामने नहीं आते हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों को निम्नलिखित चीजें महसूस हो सकती हैं:
- पिंडली में चोट लगने जैसा महसूस होना
- एड़ी के आसपास दर्द और सूजन आना
- पैर को नीचे की ओर झुकाने या चलते समय चोटिल पैर को आगे बढ़ाने में दिक्कत होना
- चोटिल पैर की उंगलियों पर खड़े होने में परेशानी
- चोट लगने पर चटकने की आवाज आना
अकिलीज टेंडन रप्चर का कारण
बार-बार की जाने वाली ऐसी कोई भी गतिविधि (खेलना-कूदना) जिससे अकिलीज टेंडन पर दबाव पड़ता हो, इसके मुख्य कारण हैं:
- ऊंचाई से गिरना या कूदना
- किसी गड्ढे में पैर चला जाना
- वार्मअप किए बिना एक्सरसाइज करना
- बार-बार एक्सरसाइज या शारीरिक गतिविधि के दौरान पिंडली की मांसपेशियों पर दबाव पड़ना
- टेनिस जैसे खेल, जिसमें पैरों को तेजी से मूव किया जाता है
- पुराने या खराब फिटिंग वाले जूते पहनना
- रोजाना या लंबे समय तक हाई हील्स पहनना
- एड़ी की हड्डी बढ़ना
- उम्र बढ़ने के साथ अकिलीज टेंडन का कमजोर होना
अकिलीज टेंडन रप्चर से बचाव
यदि आप अकिलीज टेंडन रप्चर से बचना चाहते हैं तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- पिंडली की मांसपेशियों में खिंचाव व मजबूती: पिंडली को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज से इस समस्या को रोकने में मदद मिलती है, लेकिन इस दौरान सिर्फ ऐसी गतिविधियां करें, जिससे पिंडली पर अत्यधिक खिंचाव या दर्द महसूस ना हो।
- प्रैक्टिस में रखें सावधानी: दौड़ने, पैदल चलने, बाइक चलाने या तैरने जैसी गतिविधियों में सावधानी बरतें क्योंकि इनमें एड़ी पर अत्यधिक दबाव पड़ता है।
- फिसलन या जोखिम वाली जगहें: कठोर या फिसलन वाली सतहों पर चलने से बचें।
- ट्रेनिंग या एक्सरसाइज को धीरे-धीरे बढ़ाएं: ट्रेनिंग या एक्सरसाइज का समय अचानक से बढ़ाने के कारण अकिलीज टेंडन रप्चर की समस्या हो सकती है, ऐसे में एक सप्ताह में केवल 10 फीसदी ही एक्सरसाइज और ट्रेनिंग में वृद्धि करें।
अकिलिस टेंडोनाइटिस का इलाज
- सामान्य उपचार
इस समस्या से निजात पाने के लिए घरेलू उपचार (जैसे कि आराम करना या सूजन-रोधी दवा लेना) से लेकर मेडिकल उपचार जैसे स्टेरॉयड इंजेक्शन, प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा (पीआरपी) इंजेक्शन और सर्जरी शामिल है। डॉक्टर निम्नलिखित सलाह दे सकते हैं:- नॉन-सर्जिकल इलाज
- शारीरिक गतिविधियां कम करना
- पिंडली की मांसपेशियों को आराम से खींचना
- एड़ी की मूवमेंट को रोकने के लिए ब्रेस बूट पहनें
- फिजियोथेरेपी लेना
- कुछ समय के लिए एस्पिरिन या इबुप्रोफेन जैसी सूजन-रोधी दवा लेना
- सर्जरी
- जिन मामलों में घरेलू उपचार प्रभावी नहीं होते हैं, वहां सर्जरी करनी पड़ सकती है। यदि स्थिति गंभीर हो जाए और इसका समय पर इलाज न किया जाए तो अकिलीज टेंडन में हुई क्षति बढ़ सकती और ऐसे में सर्जरी ही करनी पड़ती है। इससे एड़ी में तेज दर्द हो सकता है।
- रप्चर की गंभीरता और पहले कभी प्रभावित हिस्से में चोट लगी थी या नहीं, इसके आधार पर डॉक्टर टेंडन रप्चर सर्जरी के लिए कुछ विकल्प भी बता सकते हैं। आर्थोपेडिक सर्जन ही यह तय कर सकता है कि आपके लिए किस तरह की सर्जरी बेहतर होगी।
- ओपन रिपेयर एक प्रकार की सर्जरी होती है। इसमें, सर्जन आपके प्रभावित हिस्से पर चीरा लगाने के बाद टूटी हुई हड्डी या क्षतिग्रस्त ऊतक या चोटिल पिंडली को ठीक करते हैं।
- आरआईसीई विधि
आरआईसीई का पूरा नाम है रेस्ट, आइस, कंप्रेशन और एलिवेशन यानी आराम करना, बर्फ की सिकाई, एलिवेशन (हार्ट के लेवल से प्रभावित हिस्से को ऊपर उठाना)। यह विधि निम्न तरीके से काम करती है:- आराम करना: जब तक चलने पर टेंडन में हो रहा दर्द ठीक न हो जाए तब तक एक से दो दिन तक टेंडन पर दबाव या वजन न डालें
- बर्फ की सिकाई: एक थैले या बैग में बर्फ डालें और प्रभावित त्वचा पर बर्फ की सिकाई करें। इस बैग या थैले को 15 से 20 मिनट के लिए प्रभावित हिस्से पर लगाए रखें।
- कंप्रेशन: चोट को कम करने के लिए पिंडली के चारों ओर बैंडेज (पट्टी) लपेटें।
- एलिवेशन: पैर को छाती से ऊपर उठाएं, क्योंकि जब पैर हृदय के स्तर से ऊंचा उठता है तो ह्रदय में रक्त संचार बेहतर होता है और सूजन में कमी आती है।
डॉक्टर को कब दिखाएं
यदि एड़ी से किसी तरह की चटकने की आवाज आ रही है या एड़ी की चोट की वजह से ठीक से चल नहीं पा रहे हैं तो यह गंभीर स्थिति हो सकती है, ऐसे में तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।