भारतीय उपमहाद्वीप के उप-हिमालयी मैदानों में उगाए जाने वाले फलों में आम सबसे पौष्टिक फलों में से एक है। पूरे भारत में आम के स्वाद और खुशबू को पसंद किया जाता है। गर्मी के मासैम में तो आम की जैसे बहार सी आ जाती है। यहां तक कि भारत में तो आम को ‘फलों का राजा’ कहा जाता है। प्राचीन समय से आम की खेती की जा रही है। प्रसिद्ध कवि कालिदास ने भी आम की प्रशंसा में गीत गाया है। माना जाता है कि मुगल बादशाह अकबर ने दरभंगा यानि की बिहार में आम के 1,00,000 से भी ज्यादा पेड़ लगवाए थे।
आम विटामिन, पॉली-फेनोलिक फ्लेवेनोएड एंटीऑक्सीडेंट्स, प्री-बायोटिक डाइट्री फाइबर्स और मिनरल्स से भरपूर है। इसमें कई तरह के विटामिंस जैसे कि विटामिन ए, सी और डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो कि शरीर की संपूर्ण सेहत में सुधार लाने में उपयोगी है। आम का सेवन फल, जूस या शेक के रूप में किया जाता है।
आम ज्यादातर उष्णकटिबंधीय देशों में उगाया जाता है लेकिन विश्व में भारत आम का सबसे बड़ा उत्पादक है। आम भारत का राष्ट्रीय फल है। पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़कर लगभग भारत के सभी हिस्सों में इसकी खेती की जाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में आम की 100 से भी ज्यादा किस्में मौजूद हैं जिनका आकार, रंग और आकृति अलग-अलग है। आम की कुछ लोकप्रिय किस्मों में लंगड़ा आम, बंगनापल्ली, चौसा, तोता, सफेदा, अल्फांसो आम आदि का शामिल हैं।
आम का ताजा फल या इसकी चटनी बनाकर भी खाई जा सकती है। आम का अचार और रस भी खूब पसंद किया जाता है। कच्चे आम से बना आम पन्ना और मैंगो मिल्कशेक एवं आम रस भी पिया जाता है। बच्चों के लिए आम की जैम भी बना सकते हैं। कच्चे या अधपके आम पर नमक और मिर्च पाउडर बुरक कर भी खा सकते हैं।
क्या आप जानते हैं?
पूरी तरह से पके आम को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। वास्तव में विश्व को आम का उपहार भारत ने दिया है।
आम के बारे में तथ्य:
- वानस्पतिक नाम: मेंगीफेरा इंडिका
- कुल: एनाकार्डियासीए
- सामान्य नाम: मैंगो, आम
- संस्कृत नाम: आम्र
- उपयोगी भाग: डायबिटीज के इलाज में आम की पत्तियां बहुत उपयोगी होती हैं। त्योहार या शुभ अवसरों पर घर के मुख्य द्वार पर आम की पत्तियां लगाई जाती हैं। आम के बीजों से तेल तैयार किया जाता है। हर उम्र के व्यक्ति को आम बहुत पसंद आता है।
- भौगोलिक विवरण: दक्षिण एशिया को आम का मूल स्थान माना जाता है। प्राचीन समय से ही आम की खेती की जा रही है। कहा जाता है कि 10वीं शताब्दी में फारसी आम को पूर्वी अफ्रीका लेकर गए थे। सन् 1862 या 1863 में डॉ. फ्लेचर द्वारा आम के बीज को वेस्ट इंडीज से मियामी में आयात किया गया था। ऐसा माना जाता है कि बौद्ध भिक्षु चौथी और पांचवी शताब्दी में अपनी यात्रा पर आम को मलय और पूर्वी एशिया लेकर गए थे। आम लगभग सन् 1782 में जमैका पहुंचा था और 19वीं शताब्दी की शुरुआत में ये फिलीपींस से मेक्सिको और वेस्ट इंडीज पहुंचा था।
- रोचक तथ्य: कहते हैं कि किसी को आम देना दोस्ती के लिए हाथ बढ़ाना है। इसके अलावा विवाह में आम की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है ताकि दंपत्ति को संतान की प्राप्ति हो।