वरुण मुद्रा को 'सील ऑफ़ मेन्टल क्लैरिटी' भी कहा जाता है। यह मुद्रा आपके शरीर में पानी के तत्वों को नियंत्रित करने में मदद करती है। इससे लार ग्रंथियां (Salivary Glands) उत्तेजित हो जाती हैं और सूखी आंखों को नमी व त्वचा को मॉइस्चर देने में मदद करती हैं। यह योग मुद्रा आपकी खूबसूरती को बढ़ाती है और शरीर को स्वस्थ रखती है।

इस लेख में वरुण मुद्रा करने के फायदों और उसे करने के तरीको के बारे में बताया है। साथ ही इस लेख में वरुण मुद्रा करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी गई है। लेख के अंत में वरुण मुद्रा से संबंधित एक वीडियो शेयर किया गया है।

(और पढ़ें - आँखों के सूखेपन का उपाय)

  1. वरुण मुद्रा के फायदे - Varun Mudra ke fayde in Hindi
  2. वरुण मुद्रा करने का तरीका - Varun Mudra karne ka tarika in Hindi
  3. वरुण मुद्रा करने में क्या सावधानी बरती जाए - Varun Mudra me kya savdhani barte in Hindi
  4. वरुण मुद्रा का वीडियो - Varun Mudra Video in Hindi

वरुण मुद्रा के लाभ कुछ इस प्रकार हैं –

  1. वरुण मुद्रा शरीर में पानी के तत्वों को नियंत्रित करती है।
  2. यह आपके शरीर में द्रव परिसंचरण को उत्तेजित करती है और शरीर को हमेशा मॉइस्चराइज़्ड रखती है। (और पढ़ें - मॉइस्चराइजर के फायदे)
  3. इसको करने से त्वचा संबंधी समस्याएं, जैसे रूखापन, त्वचा रोग और स्किन इन्फेक्शन का इलाज होता है। इसके अलावा यह कील-मुहांसों की परेशानी को भी खत्म करती है। (और पढ़ें - मुहांसों के लिए घरेलू उपाय)
  4. यह मुद्रा आपकी त्वचा में प्राकृतिक निखार लेकर आती है और चेहरे पर लोच लाती है। (और पढ़ें - चेहरे पर चमक लाने के उपाय)
  5. वरुण मुद्रा किसी भी तरह की मांसपेशियों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है।

(और पढ़ें - मांसपेशियों के दर्द का उपाय)

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वरुण मुद्रा करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से बता रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें –

  1. सबसे पहले आरामदायक आसन में बैठ जाएं।
  2. फिर दोनों हाथों की छोटी उंगली को अंगूठे के आधार पर रख लें।
  3. बाकि अन्य उंगलियों को सीधा रखें।
  4. अब ध्यान लगाएं।
  5. इस मुद्रा को करने के लिए कोई ख़ास वक़्त निर्धारित नहीं है। आप इस मुद्रा को कभी भी कर सकते हैं।

(और पढ़ें - ध्यान लगाने की विधि)

इस बात का ध्यान रखें कि आपको अपनी छोटी उंगली के नाखून के पास दबाव नही बनाना है। इससे शरीर में पानी का स्तर संतुलित होने की बजाए डिहाइड्रेशन हो सकता है।

(और पढ़ें - पानी की कमी दूर करने के लिए फल)

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