वज्रोली मुद्रा को हठ योग का हिस्सा माना गया है. इसे करने से यौन स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है. इसे मुख्य रूप से प्रीमैच्योर इजेकुलेशन की समस्या को ठीक करने के लिए किया जाता है. साथ ही इसे करने से यूरिनरी डिसऑर्डर की समस्या भी कुछ हद तक ठीक हो सकती है. यह रिप्रोडक्टिव सिस्टम को स्वस्थ बनाने में भी लाभदायक होता है.
यह वज्र व ओली दो शब्दों से मिल कर बना है. वज्र का अर्थ है बादलों के टकराने से पैदा होने वाली आवाज या फिर इंद्र देव का हथियार. वहीं, ओली का अर्थ गोद या झोली से होता है. वज्र एक नाड़ी का नाम भी होता है, जो जेनिटल से शुरू होती है. यह नाड़ी जेनिटल सिस्टम को नियंत्रित करती है.
आज लेख में आप जानेंगे कि वज्रोली मुद्रा को कैसे करते हैं और इसके फायदे क्या-क्या हैं -
(और पढ़ें - ज्ञान मुद्रा करने के फायदे)