हम सभी ने कभी न कभी जीवन में उपवास या व्रत रखा ही होगा। कई लोग नियमित रूप से व्रत रखते हैं। व्रत रखना सिर्फ धार्मिक बात नहीं होती है, इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। इस लेख में इन लाभ का खुलासा किया जा रहा है।

लोग कई कारणों से उपवास रखते हैं, जैसे पाचन तंत्र को साफ करने के लिए या वज़न घटाने के लिए। कुछ मामलों में, लोग आध्यात्मिक या धार्मिक कारणों से भी उपवास रखते हैं। उपवास रखने से शरीर से विषाक्त पदार्थ निकल जाते हैं और पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता हैं। 

तो चलिए इस लेख में हम आपको उपवास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं जैसे उपवास क्या होता है, क्यों रखते हैं, प्रकार, क्या खाएं, फायदे और नुकसान -

  1. उपवास (व्रत) का अर्थ - Upwas (vrat) ka arth
  2. उपवास (व्रत) क्यों रखा जाता है - Upwas (vrat) kyon rakhte hai
  3. उपवास (व्रत) के प्रकार - Upwas (vrat) ke prakar
  4. उपवास (व्रत) में क्या खाएं - Upwas (vrat) me kya khaye
  5. उपवास (व्रत) के स्वास्थ्य लाभ - Health ke liye upwas (vrat) ke fayde
  6. उपवास (व्रत) के नुकसान क्या हो सकते हैं - Upwas (vrat) ke nuksan kya ho sakte hain

उपवास का मतलब एक निश्चित अवधि के लिए खाद्य पदार्थ व पेय पदार्थ का सेवनन करना या फिर अपनी इच्छा अनुसार दोनों को थोड़े समय के लिए त्याग देना होता है।

उपवास में सब कुछ खाना-पीना छोड़ सकते हैं, या सिर्फ कुछ खाद्य पदार्थों को छोड़ सकते हैं। इसके अलावा उपवास की अवधि भी एक दिन से लेकर कई हफ़्तों की हो सकती है। यह सब आप पर निर्भर करता है।

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धार्मिक महत्व के साथ-साथ, अगर व्रत को सही और स्वस्थ तरीके से रखा जाए तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा हो सकता है। आगे इसके बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।

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1. शरीर के सिस्टम को साफ करता है -

आप जो भी खाते हैं उनमें मौजूद विषाक्त पदार्थ आपके शरीर में पहुंच जाते हैं। यह विषाक्त पदार्थ सबसे ज्यादा बाहर के खाने और ऐसे आहार में होते हैं जो पाचन तंत्र को खराब करते हैं। व्रत रखने से, खासकर शरीर के अंदर से अशुद्धियां निकल जाती हैं। हां, उपवास रखने से आपका वजन भी कम होता है, लेकिन सबसे जरूरी, आपका शरीर अंदर से स्वस्थ हो जाता है। 

2. गलत आदतें बदलती हैं -

अधिकतर आदतें तलब लगने की वजह से बरकार रहती हैं। लेकिन जब आपके शरीर के सिस्टम में परिवर्तन आता है, तब गलत आदतों की तलब लगनी भी बंद हो जाती है। कॉफी या चाय पीने की लत बहुत ही अच्छा उदहारण है। व्रत के दौरान, आपका शरीर बहुत संवेदनशील होता है जिसकी वजह से वह एसिडिक (अम्लीय) पदार्थ और कैफीन को अच्छे से अवशोषित नहीं कर पाता है। इससे कॉफी या चाय पीने से अच्छा लगने की बजाय आपको असहज महसूस होगा।

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3. इससे आपका स्वास्थ्य बेहतर होता है -

कई पुरानी (क्रोनिक) समस्याओं के इलाज के लिए व्रत रखने का उपयोग किया जाता है, जैसे एलर्जी, चिंता, गठिया, अस्थमा, डिप्रेशन, शुगर, सिर दर्द, दिल की बीमारी, हाई कोलेस्ट्रॉल, लो ब्लड शुगर, पाचन विकार, मानसिक बीमारी और मोटापा। इससे पूरा स्वास्थ्य ठीक होता है, बीमारियां कम होती हैं और उनसे लड़ने की शक्ति भी बढ़ जाती है।

4. आपका नींद का चक्र ठीक होता है -

बिना पोषण के, आप अधिक संवेदनशील हो जाते हैं और अपने नींद के चक्र (सोने और जागने का समय) में बदलाव कर सकते हैं। ऐसे समय पर आप कुछ खाते नहीं है तो उस वक़्त आप अन्य कार्यों को अपनी जीवनशैली में शामिल कर सकते हैं।

5. शरीर की प्रणालियां संतुलित हो जाती हैं -

जब आप कुछ वक़्त के लिए खाते-पीते नहीं हैं तो शरीर की कई प्रणाली को पचान क्रिया से थोड़ा आराम मिलता है। शरीर में मौजूद ऊर्जा बीमारियों का इलाज करती है, साथ ही कैलोरी को भी बर्न करने में मदद करती है। इस तरह आपको शरीर के विषाक्त पदार्थों से छुटकारा मिलता है। मूल रूप से, आपके शरीर की प्रणालियां अच्छे से काम करने लगती हैं और इस तरह, सब कुछ संतुलित हो जाता है। 

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6. मानसिक स्पष्ठता बढ़ाने के लिए -

व्रत रखने से आपका मस्तिष्क महत्वपूर्ण विचारों पर ध्यान लगाने लगता है। साथ ही, रोजाना दिमाग में चलने वाली बेकार बातों से आपको छुटकारा मिलता है। जब आप पोषण को छोड़ देते हैं तो आपका शरीर सिर्फ और सिर्फ वास्तविक चीजों को महत्व देता है।

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7. आहार में आसानी से बदलाव करने के लिए -

जब आप उपवास रखते हैं तब आपका शरीर अधिक संवेदनशील हो जाता है। उपवास में यह समझना आसान हो जाता है कि कैसे पोषक तत्व आपको प्रभावित कर रहे हैं और इस वजह से आप कैसा महसूस कर रहे हैं। इसलिए अपनी डाइट को बदलने का सबसे अच्छा समय होता है उपवास के बाद।

उपवास के प्रकार कुछ इस तरह हैं –

1. जूस उपवास (व्रत जिसमें सिर्फ जूस पीया जाता है) -

इस व्रत में सिर्फ और सिर्फ फलोंसब्जियों से बना जूस पिया जाता है। कुछ वक़्त के लिए किसी भी तरह का आहार नहीं खाया जाता। यह व्रत बहुत ही आसान होता है, लेकिन अलग-अलग तरह के ताजे फलों और सब्जियों से पर्याप्त विटामिन और खनिज पाने के लिए प्लानिंग की जरूरत होती है। फलों और सब्जियों को जूसर या मिक्सर में तैयार किया जाता है। फलों या सब्जियों से बने जूस को पानी में मिलाया जाता है और पूरे दिन में तीन से छः बार इसे पिया जाता है। 

2. जल उपवास (व्रत जिसमें सिर्फ पानी पीया जाता है) -

जल उपवास बहुत ही कठिन होता है और इस व्रत को बिना डॉक्टर की सलाह लिए न रखें। इस व्रत में प्रतिदिन केवल दो लीटर पानी पीना होता है। शारीरिक स्थिति और लक्ष्य पर निर्भर करता है कि कितने समय के लिए जल उपवास किया जाना चाहिए।

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"जर्नल ऑफ़ अल्टेरनेटिव एंड कम्प्लीमेंटरी मेडिसिन" में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, व्रत में पानी पीने से ब्लड प्रेशर को सामान्य करने में मदद मिलती है।

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3. क्लींजिंग उपवास (शरीर से विषाक्त पदार्थ दूर करने के लिए व्रत) -

इस व्रत में एक पेय पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है जो नींबू के जूस, चीनी और लाल मिर्च या अन्य मसाले से बनता है। इससे पाचन तंत्र से विषाक्त पदार्थ साफ होते हैं। क्लींजिंग उपवास में पूरे दिन में इस पेय पदार्थ को 6 से 12 बार पिया जाता है। 

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4. सिर्फ कुछ खाद्य पदार्थों को छोड़ कर किया जाने वाला व्रत -

इस व्रत में कुछ खास आहार जैसे चावल, गेहूं और मीट को अलग कर दिया जाता है। इस व्रत में कुछ ठोस आहार होते हैं, लेकिन पूरे दिन में तीन बार खाये जाने वाले आहार की तुलना में इस व्रत में खाये जाने वाले आहार की मात्रा कम होती है।

5. प्रोटीन पेय उपवास (व्रत जिसमें सिर्फ प्रोटीन युक्त पेय पदार्थ लिये जाते हैं)  -

प्रोटीन पेय उपवास को आमतौर पर वजन कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लिक्विड प्रोटीन डाइट (Liquid protein diets) की मदद से व्यक्ति 4 से 45 किलो के आसपास वजन कम कर सकता है।

चेतावनी: किसी भी तरह का उपवास रखने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें कि यह आपके लिए ठीक है कि नहीं।

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यहाँ कुछ खाद्य पदार्थ बताये जा रहे हैं जो आप व्रत में खा सकते हैं, लेकिन व्रत में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, यह व्रत के प्रकार पर निर्भर करता है।

1. शकरकंद -

शकरकंद में कई स्वास्थ्य लाभ मौजूद होते हैं। यह विटामिन सी और पोटेशियम का बहुत अच्छा स्रोत है। साथ ही शकरकंद वजन कम करने में भी मदद करता है। व्रत के दौरान इसे फ्राई की बजाए उबालकर खाएं। (और पढ़ें - शकरकंद के फायदे)

2. सेब -

उपवास के दौरान सेब बहुत ही बेहतरीन फल माना जाता है। यह न सिर्फ वजन कम करने में मदद करता है बल्कि आपका लम्बे वक़्त तक पेट भी भरा रखता है। (और पढ़ें - सेब के फायदे)

3. दूध -

व्रत के दौरान दूध पीने से लम्बे वक़्त तक पेट भरा हुआ रहता है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है, साथ ही आसानी से पच भी जाता है। आप इसे सेब के साथ लें और कुछ मात्रा में बादाम के साथ भी ले सकते हैं। (और पढ़ें - दूध के फायदे)

4. अखरोट -

अखरोट पेट भरा हुआ रखने में मदद करता है। इस तरह ऐसे आहार जो कैलोरी से भरपूर होते हैं, उनसे आप दूर रहते हैं। पूरे दिन में मुट्ठीभर ड्राई फ्रूट्स लें और आराम से चबा-चबाकर खाएं। (और पढ़ें - अखरोट के फायदे)

5. स्ट्रॉबेरी -

एक कप स्ट्रॉबेरी में 50 कैलोरी होती है और 7 ग्राम चीनी होती है। साथ ही तीन ग्राम फाइबर भी होता है। इसे आप व्रत में खा सकते हैं। व्रत के दोरान स्ट्रॉबेरी आपका पेट भरा हुआ रखने में मदद करेगी। (और पढ़ें - स्ट्रॉबेरी के फायदे)

6. टमाटर का जूस -

कैंसर से बचाव के अलावा, टमाटर खाने में भी बहुत ही स्वादिष्ट होता है। इसे आप व्रत के दौरान अपने सलाद में भी मिलाकर खा सकते हैं। (और पढ़ें - टमाटर के फायदे)

स्वास्थ्य के लिए व्रत रखने के फायदे इस प्रकार हैं -

1. शरीर की संरचना और स्वास्थ्य में सुधार करता है -

लोग कई कारणों से व्रत रखते हैं, खासतौर से वजन कम करने के लिए व्रत रखते हैं। इसके अलावा उपवास रखने से शरीर की संरचना कई तरह से बेहतर होती है। 

2. संतुष्टि को बढ़ावा देता है -

आपके फैटी टिशू (उत्तक) एंडोक्राइन अंग की तरह कार्य करते हैं, यानी कई अलग तरह के हार्मोन बनाते हैं। इन हार्मोन में से एक हार्मोन जिसका नाम लेप्टिन (Leptin) है, आपको खाना खाने के बाद संतुष्ट महसूस करने में मदद करता है। इस हार्मोन के जरिये व्रत और वेट लॉस करते समय आपकी भूख का स्तर और खाने के बाद संतुष्ट महसूस  प्रभावित होती है।

3. ह्रदय के स्वास्थ्य को सुधारता है -

दिल की बीमारी से संबंधित व्रत के बहुत से फायदे हैं। व्रत से ह्रदय का कार्य, रक्त संरचना, और ब्लड प्रेशर में सुधार होता है। जो टाइप 2 शुगर या हाई कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित हैं उनके लिए व्रत फायदेमंद हो सकता है।

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4. ब्लड प्रेशर का स्तर कम होता है -

व्रत के दौरान, ज्यादातर लोगों का ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। मुख्य रूप से, व्रत के पहले हफ्ते के दौरान इसका असर दिखने लगता है। यह सिर्फ व्रत से नहीं होता, व्रत के दौरान आपका नमक का सेवन भी कम हो जाता है और मूत्र के जरिये नमक निकलता जाता है। इस वजह से भी आपका ब्लड प्रेशर कम हो जाता है।

(और पढ़ें - हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए

5. त्वचा में स्वस्थ कोलाजेन को बढ़ाता है -

आपकी त्वचा के लिए सही डाइट बेहद जरूरी है, लेकिन व्रत भी आपकी त्वचा को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है। हाई ब्लड शुगर कोलाजेन (collagen: स्किन के लिए जरूरी प्रोटीन) के ढाचें को बदल देता है और उसे कमजोर कर देता है। चूंकि उपवास ब्लड शुगर को काफी कम कर देता है, इसलिए आप इसे अपनी स्किन केयर रूटीन में शामिल कर सकते हैं।

(और पढ़ें - त्वचा की देखभाल कैसे करें)

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उपवास रखने के फायदे तो आपको ऊपर बताये ही जा चुके हैं, लेकिन इसको ठीक से न किया जाए तो कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। यह नुक्सान कुछ इस तरह हैं –

1. पानी की कमी -

व्रत के दौरान, पसीना और मूत्र की वजह से शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है। अगर शरीर व्रत से पहले हाइड्रेटेड नहीं हो तो वो आसानी से व्रत के दोरान डीहाइड्रेटेड हो सकता है। अगर आपको ऐसे कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, तो जरूरी है कि आप पानी में नमक और चीनी मिलाकर पीएं।

(और पढ़ें - शरीर में पानी की कमी)

2. सिर दर्द -

व्रत के दौरान सिर दर्द - भूख, आराम न करने या फिर अचानक से शरीर में कैफीन या निकोटीन की कमी से भी हो सकता है। व्रत के दौरान ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थ पियें, हल्का खाना खाएं और सिर दर्द को दूर रखने के लिए सूरज के सामने न जाएं।

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3. हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia​) -

शुगर से पीड़ित लोग व्रत के दौरान हमेशा सावधानी बरतें, साथ ही व्रत शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से बात जरूर करें। व्रत रखने से पहले अपने ब्लड ग्लूकोज की जांच अवश्य करें, वरना व्रत के दोरान हाइपोग्लाइसीमिया (ब्लड शुगर कम होने) से आप चक्कर खाकर गिर सकते हैं। चक्कर या बहुत ज्यादा पसीना आने के मामले में, जितना हो सके उतनी जल्दी चीनी से बना पेय पदार्थ पियें। 

4. सीने में जलन -

सीने में जलन पेट में एसिड के उत्पादन से होती है। व्रत में अधिक तेल व मसाले वाला खाना न खाएं। हल्का खाना खाएं इससे आपको खट्टी डकार, उल्टी और सीने की जलन से छुटकारा मिलेगा। धूम्रपान न करें और ज्यादा से ज्यादा पानी पियें।

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5. कब्ज -

व्रत के दौरान कुछ न खाने से आपको कब्ज पैदा हो सकती है। इसलिए व्रत के दौरान ज्यादा से ज्यादा पानी पियें और फाइबर युक्त आहार भी खाएं।

(और पढ़ें - कब्ज कैसे दूर करे)  

6. व्रत खत्म होने के बाद आप अधिक खाने लगते हैं -

व्रत खत्म होने के बाद ध्यान रखें कि आप बहुत ज्यादा न खाने लगें। इससे आपका पेट भी सही रहेगा और अन्य समस्याएं भी नहीं होंगी।

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