दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर क्षेत्रों में स्मॉग की समस्या इस कदर बढ़ती जा रही है कि पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली में हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है। प्रदूषण के कारण लोग खांसी, गले में खराश, आंखों में जलन और कई तरह के संक्रमणों के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में जो लोग इन समस्याओं से पहले से ग्रसित हैं उनके लिए यह प्रदूषण घातक साबित हो सकता है। चूंकि, हर व्यक्ति बाजार में उपलब्ध महंगा एयर प्यूरीफायर नहीं खरीद सकता, इसलिए हम कुछ ऐसे पौधों (प्लांट्स) के बारे में बताएंगे, जिन्हें आसानी से खरीदा व उनकी देखभाल की जा सकती है। यह पौधे न सिर्फ घर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ा सकते हैं, बल्कि ये प्रदूषण को भी नियंत्रित कर सकते हैं।

एलोवेरा
घर पर रखने के लिए यह बेहतरीन पौधों में से एक है, क्योंकि यह कार्बन डाइऑक्साइड, फॉर्मलाडेहाइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे वायु प्रदूषकों को अवशोषित करता है। एक एलोवेरा प्लांट करीब नौ एयर प्यूरिफायर के बराबर माना जाता है। इसके अलावा एलोवेरा से निकलने वाला जेल त्वचा के लिए भी अच्छा होता है। इन्हें सूर्य की रोशनी में सीधा नहीं रखा जाता है और पानी डालने से पहले उंगली से सूखापन जांच लें, क्योंकि हर समय नमी बने रहने से इसकी जड़ें सड़ सकती हैं। 

गोल्डन पोथोस (एपीप्रेम्नम ऑरियम) 
इसे मनी प्लांट के रूप में भी जाना जाता है। इस इनडोर प्लांट को घर में लगाना काफी पसंद किया जाता है। यह बेंजीन, फॉर्मेल्डिहाइड पॉइजनिंग, कार्बन मोनोऑक्साइड पॉइजनिंग और जाइलिन जैसे वायु प्रदूषकों को अवशोषित करने के साथ-साथ ताजी हवा छोड़ता है। पोथोस लंबे समय तक बढ़ने वाले पत्तेदार बेल होते हैं। विभिन्न स्थितियों में फलने-फूलने वाले ये पौधे 8 फीट तक लंबे हो सकते हैं। इस पौधे की मिट्टी सूखने पर पानी दिया जाता है। जब ये पौधे बहुत बड़े हो जाते हैं, तो इन्हें ट्रिम (काटा-छांटा) किया जा सकता है।

स्पाइडर प्लांट्स
सर्दियों के दिनों में हीटर और अंगीठी घर के अंदर की नमी को सोख सकते हैं। इसके कारण घर में रहने वाले व्यक्ति को ठंड लगने या फ्लू होने की संभावना बढ़ जाती है। कुछ लोगों को त्वचा में खुजली जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं। हाउसप्लांट हवा में नमी बनाते हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि स्पाइडर प्लांट को बेडरूम में रखने से नमी की मात्रा में 20 से 30 फीसदी की वृद्धि हो सकती है। 

चाइनीज एवरग्रीन या पीस लिली
शोधकर्ताओं ने पाया है कि कमरों में यदि पत्तेदार पौधे नहीं रखे जाएं, तो ऐसे कमरों में धूल व फफूंदी की समस्या उन कमरों की अपेक्षा ज्यादा होती है, जिनमें पत्तेदार पौधे रखे जाते हैं। बता दें कि किसी पौधे की पत्तियां व अन्य हिस्से एलर्जी और कुछ वायुजनित कणों को प्राकृतिक रूप से फिल्टर करने में समर्थ होते हैं। ऐसे पौधों में चाइनीज एवरग्रीन या पीस लिली को बेहतर माना गया है।  

एरेका पाम 
यह छोटे आकार का ऑउटडोर्स पौधा है, जो हवा में मौजूद हानिकारक पदार्थों को नष्ट करता है। इन्हें यदि कमरे में रखा जाए तो ये ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ा सकते हैं। अक्सर इस पौधे को हवा को शुद्ध करने के मामले में सबसे अच्छा माना जाता है। इस पौधे को 'गोल्डन केन पाम' नाम से भी जाना जाता है। इस पौधे को बढ़ने के लिए भरपूर पानी की जरूरत होती है, लेकिन सर्दियों में इन्हें कम मात्रा में पानी की जरूरत होती है। 

इनडोर प्लांट्स के अन्य लाभ
1989 में, नासा ने एक प्रयोग किया था, जिसमें पता चला था कि हाउस प्लांट हवा से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को अवशोषित कर सकते हैं, खासकर ऐसे स्थानों पर, जहां एयर फ्लो कम होता है। यह अध्ययन इनडोर प्लांट्स और वायु प्रदूषण को रोकने में उनकी अहमियत के बारे में था। 

प्रदूषण को रोकने के अतिरिक्त इन पौधों के कुछ अन्य लाभ नीचे दिए गए हैं: 

  • यह मूड को अच्छा रखने में मददगार होते हैं।  
  • एकाग्रता और याददाश्त को बढ़ाते हैं। 
  • तनाव और थकान को कम करते हैं। 

कई बार हम ऐसी इमारतों में रहते हैं जहां उम्मीद से विपरीत कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इन दुष्प्रभावों में से एक है कम वायु प्रवाह (एयर फ्लो) होना। यदि किसी घर में एयर फ्लो सही से नहीं होता है, तो इसके कारण घरेलू वायु प्रदूषण, अस्थमा की समस्या या अन्य स्वास्थ्य दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। ऐसे में उपरोक्त पौधों को घर या ऑफिस में रखा जा सकता है। ये न सिर्फ दिखने में खूबसूरत होते हैं, बल्कि हवा को भी शुद्ध करने में सहायक होते हैं।

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