साल 2010 में हुए एक सर्वे के मुताबिक अमेरिका में लगभग 40 पर्सेंट लोगों ने टैटू बनवा रखे हैं। ऐसा शायद इसलिए है क्‍योंकि स्किन पर टैटू बनवाना आपको दूसरों से अलग और नया बनाता है।

हालांकि, टैटू बनवाने से पहले हर कोई इसके संभावित साइड इफेक्‍ट के बारे में जरूर सोचता है। परमानेंट टैटू बनवाने से पहले आपको भी कुछ बातों के बारे में जान लेना चाहिए। टैटू बनवाने से जुड़ी कुठ जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं।

टैटू बनाने की प्रक्रिया

बॉडी आर्ट जैसे कि परमानेंट टैटू का चलन सदियों से चला आ रहा है और इसमें स्किन की बाहरी परत में सुईं घुसाकर अंदर तक कलर ईंक को डाला जाता है।

टैटू बनाने की सुई स्किल्‍ड होनी चाहिए। टैटू बनवाने के बाद जब स्किन पूरी तरह से ठीक हो जाती है, जब इसका पूरा डिजाइन दिख पाता है।

  1. टैटू बनवाने के जोखिम कारक
  2. क्‍या टैटू के बाद आप रक्‍तदान कर सकते हैं?
  3. नया टैटू बनवाने के टिप्‍स
  4. सारांश

टैटू बनवाने से पहले इससे जुड़े जोखिमों के बारे में पता होना जरूरी है। कई जोखिम और जटिलताएं टैटू के फ्रेश होने और स्किन के ठीक होने के दौरान ही आ जाती हैं। इससे बचने के लिए टैटू बनवाने के लिए अच्‍छी देखभाल करना बहुत जरूरी है।

इसकी संभावित जटिलताएं हैं :

  • स्किन इंफेक्‍शन : अगर प्रक्रिया से पहले ईंक में साफ पानी न मिलाया जाए तो इससे इंफेक्‍शन हो सकता है। स्किन इंफेक्‍शन सबसे आम साइड इफेक्‍ट है जो टैटू बनवाने के पहले दो हफ्तों में ही हो जाता है। इस दौरान स्किन ठीक हो रही होती है और मृत स्किन हट रही होती है। इंफेक्‍शन के कुछ लक्षणों में खुजली, लालिमा और कुछ डिस्‍चार्ज शामिल है।
    टैटू आर्टिस्‍ट आपको बताएंगे कि किस तरह आपको टैटू की देखभाल करनी है। बेहतर होगा आप उनकी हर बात को फॉलो करें। स्किन इंफेक्‍शन फैलने की वजह से बुखार और कुछ मामलों में गंभीर इंफेक्‍शन हो सकता है।
  • सुई हो साफ : टैटू बनाने वाली सुई का साफ होना बहुत जरूरी है। हो सके तो टैटू के लिए नई सुई का ही इस्‍तेमाल करें। इंजेक्‍शन की तरह टैटू की सुई से भी खून में एचआईवी और हेपेटाइटिस सी जैसे कई संक्रमण हो सकते हैं।
  • एलर्जी : कुछ लोगों को टैटू की ईंक से एलर्जी हो सकती है खासतौर पर अगर इसमें प्‍लास्टिक हो। कुछ कलर पिगमेंट जैसे कि लाल, पीला और हरे रंग में एलर्जन होते हैं। ऐसा नहीं है कि ईंक के तुरंत बाद ये साइड इफेक्‍ट दिखें, टैटू के कुछ साल भी ऐसा हो सकता है।
  • केलॉइड स्‍कारिंग : जब स्‍कार टिश्‍यू के ऊपर बहुत ज्‍यादा प्रोटीन जम जाता है, तो केलॉइड स्‍कार हो जाता है। टैटू से स्‍कार हो सकता है। जब टैटू पूरी तरह से ठीक नहीं होता या इंफेक्‍शन या एलर्जी हो जाती है, तो उस पर बंप आ जाता है, इसे केलॉइड स्‍कार कहते हैं।
  • एमआरआई में दिक्‍कत : कुछ दुर्लभ मामलों में एमआरआई मशीन के अंदर जाने पर साइड इफेक्‍ट्स हो सकते हैं। इसमें टैटू वाली जगह पर खिंचाव हो सकता है क्‍योंकि कुछ टैटू ईंक खराब क्‍वालिटी की होती है या उनमें मैग्‍नेटिक पिगमेंट होते हैं। इससे स्‍कैन के बाद टैटू पर सूजन या खुजली हो सकती है लेकिन ये अपने आप चली जाती है।
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जी हां, यहां तक कि रेड क्रॉस, अंतर्राष्ट्रीय मानवीय मूवमेंट द्वारा टैटू बनवाने वाले लोगों को रक्तदान में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है।

इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी ने एक अखबार को दिए बयान में कहा था कि देश में वैसे ही रक्‍तदान करने वालों की कमी है, ऐसे में बॉडी पियर्सिंग और टैटू बनवाने लोग अगर रक्‍तदान करना चाहते हैं, तो उन्‍हें रोकना नहीं चाहिए। लेकिन नया टैटू बनवाने के 6 महीने के बाद ही आप रक्‍तदान कर सकते हैं।

अगर आप पहली बार टैटू बनवा रहे हैं, तो इससे पहले कुछ बातों का ध्‍यान जरूर रखें, जैसे कि :

  • किस हिस्‍से पर टैटू करवाना है : आप बॉडी के किस हिस्‍से पर और कितना बड़ा टैटू बनवा रहे हैं, इस पर निर्भर करता है कि आपको कितना दर्द होगा। कुछ हिस्‍सों में ज्‍यादा नसें होती हैं और कम मांस वाली जगहों पर भी दर्द ज्‍यादा होता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप वहां टैटू बनवाएं जहां मांस ज्‍यादा होता है जैसे कि बाइसेप या जांघ।
  • साफ होनी चाहिए सुई : टैटू आर्टिस्‍ट जिस सुई का इस्‍तेमाल कर रहा है, वो बिलकुल साफ होनी चाहिए। वो आपके सामने ही नई सुई खोले, इस बात का पूरा ध्‍यान रखें।
  • लक्षणों पर ध्‍यान दें : अगर आपको टैटू बनवाने के बाद उस हिस्‍से पर कुछ अलग नोटिस हो रहा है, तो डॉक्‍टर को इस बारे में बताएं। यदि इस पर निम्‍न चीजें दिख रही हैं, तो तुरंत डॉक्‍टर के पास जाएं :
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हर कोई टैटू नहीं बनवा सकता है लेकिल अगर आप पहली बार टैटू बनवाने जा रहे हैं, तो पहले अपने उन दोस्‍तों से सलाह कर लें जो टैटू बनवा चुके हैं और कोई अनुभवी टैटू आर्टिस्‍ट ही चुनें। इस तरह आपको साइड इफेक्‍ट का खतरा बहुत ही कम होगा। टैटू हमेशा के लिए होते हैं इसलिए इसे बनवाने से पहले आप दस बार सोच लें और फिर फैसला लें।

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