कहा जाता है कि सोया मिल्क का इस्तेमाल चीन में A.D. 82 में शुरू हो गया था। यह जापान और मलेशिया जैसे अन्य एशियाई देशों में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। आज पूरे विश्व में इसका उपयोग किया जाता है और कई देशों में विभिन्न किस्मों में आसानी से उपलब्ध है। सोया सेम एक फली होती है जिससे कई खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं, सोया मिल्क भी उन्हीं में से एक है।
कई लोग सोया मिल्क को इसकी वेर्सटिलिटी (versatility) और दूध की जगह इस्तेमाल करने की क्षमता के कारण चुनते हैं। यह चॉकलेट और वेनिला स्वादों में उपलब्ध है। कुछ लोग चीन और भारत जैसे देशों में नमकीन सोया दूध भी पीते हैं। सोया उत्पाद मीट ना खाने वालों के लिए बहुत ही अच्छा होते हैं।
सोया मिल्क ऊर्जा, प्रोटीन, चीनी, आहार फाइबर और वसा का एक अच्छा स्रोत है। इसमें पाए जाने वाले खनिजों में कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम और जस्ता शामिल हैं। सोया मिल्क में विभिन्न विटामिन जैसे फोलेट, थाइमिन, रिबोफ़्लिविन, नियासिन, विटामिन बी 6, विटामिन बी -12, विटामिन डी, विटामिन ई और विटामिन K भी पाए जाते हैं। इसमें संतृप्त, मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड भी शामिल हैं। ये सभी पोषक तत्व एक अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायता करते हैं।